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मकर संक्रांति: बांकेबिहारी को परोसी पंचमेवा युक्त खिचड़ी, गूंजा राधे- राधे Agra News

श्रद्धालुओं ने किया दान-पुण्य यमुना स्नान कर लगाई परिक्रमा।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Wed, 15 Jan 2020 01:21 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jan 2020 09:12 PM (IST)
मकर संक्रांति: बांकेबिहारी को परोसी पंचमेवा युक्त खिचड़ी, गूंजा राधे- राधे Agra News
मकर संक्रांति: बांकेबिहारी को परोसी पंचमेवा युक्त खिचड़ी, गूंजा राधे- राधे Agra News

आगरा, जेएनएन। सूर्यदेव के दक्षिणायन से उत्‍तरायण होने पर दान पुण्‍य का सिलसिला यूं तो सुबह से ही चल रहा है। हर जगह खिचड़ी, तिल गुड़ का दान पुण्‍य अर्जित करने के लिए किया जा रहा है। दान से जीवन के कष्‍टों के संक्रमण को दूर करने की यही चाह भक्‍तों को बांके बिहारी मंदिर खींच लाई। अपने आराध्‍य के दर्शन लोगों ने स्‍वयं को धन्‍य किया और दान की सेवा की।

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आस्‍था की नगरी मथुरा- वृंदावन में राधे नाम की गूंज वैसे तो हर क्षण ही गूंजती रहती है लेकिन मकर संक्रांति के पावन पर्व पर आराध्‍य के दर्शन के साथ दान पुण्‍य का कर्म भी इसी गूंज के साथ किया जा रहा है। बुधवार को मकर संक्रांति पर ठा. बांकेबिहारी में दर्शन कर मंदिरों में दान-पुण्य किया। सुबह यमुना स्नान करने को घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। इसके बाद श्रद्धालुओं ने परिक्रमा कर मंदिरों के दर्शन किए।

बांकेबिहारी मंदिर में मकर संक्रांति पर बुधवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ दर्शन को उमड़ पड़ी। मंदिर में दर्शन करने को श्रद्धालुओं में उत्साह दिखाई दिया। हालांकि पिछले सालों के बजाय इस साल श्रद्धालुओं की संख्या में गिरावट नजर आई। तो दर्शनार्थियों को भी राहत महसूस हुई। मकर सक्रांति पर्व पर ठाकुरजी को राजभोग में पंचमेवायुक्त विशेष खिचड़ी परोसी गई। ठा. बांकेबिहारी मंदिर के अलावा श्रद्धालुओं ने राधाबल्लभ मंदिर, राधारमण, राधादामोदर, राधाश्यामसुंदर समेत अनेक मंदिरों में दर्शन किए। सुबह यमुना स्नान किया और वृंदावन की पंचकोसीय परिक्रमा भी की।

ठाकुरजी को परोसी खिचड़ी

मकर संक्रांति पर खिचड़ी के महत्व को ध्यान में रखते हुए बांकेबिहारी समेत अनेक मंदिरों में ठाकुरजी को दोपहर राजभोग में पंचमेवा से युक्त खिचड़ी, गजक, खीर, चटनी, मीठी खिचड़ी आदि का प्रसाद अर्पित किया। इसके बाद भक्तों को भी खिचड़ी प्रसाद बांटा।

श्रद्धालुओं ने किया दान-पुण्य

मकर संक्रांति पर दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है। यमुना किनारे, मंदिरों के आसपास व आश्रम और मठों में श्रद्धालुओं ने सुबह से ही दान-पुण्य शुरू कर दिया। अनेक आश्रमों में श्रद्धालुओं ने भंडारा कर साधु सेवा भी की।

संक्रांति पर खिचड़ी सेवन मतलब आरोग्‍य की वृद्धि

ज्‍योतिषशास्‍त्र के मुताबिक खिचड़ी का मुख्‍य तत्‍व चावल और जल चंद्रमा के प्रभाव में होता है। इस दिन खिचड़ी में डाली जाने वाली उड़द की दाल का संबंध शनि देव से माना गया है। वहीं हल्‍दी का संबंध गुरु ग्रह से और हरी सब्जियों का संबंध बुध से माना जाता है। वहीं खिचड़ी में पड़ने वाले घी का संबंध सूर्य देव से होता है। इसके अलावा घी से शुक्र और मंगल भी प्रभावित होते हैं। यही वजह है कि मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाने से आरोग्‍य में वृद्धि होती है। 


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