2020 में बदला-बदला सा है CBSE, परीक्षा देने से पहले जान लें बदलाव Agra News
परीक्षा पैटर्न से लेकर पाठ्यक्रम तक में हुए बदलाव। 75 प्रतिशत हाजिरी पूरी होने पर पर ही होगी परीक्षा। फ्लाइंग विद्यार्थियों पर रहेगी नजर। इंटरनल मार्क्स अब गणित में भी।
आगरा, जागरण संवाददाता। 2020 में सीबीएसई ने कई बदलाव किए हैं। परीक्षा पैटर्न से लेकर पाठ्यक्रम तक में बदलाव हुए हैं। दसवीं और 12वीं के बोर्ड परीक्षार्थियों को इस साल नए प्रारूप के अनुसार ही परीक्षा देनी होगी। प्रेक्टिकल से लेकर उपस्थिति में अब सख्ती की गई है। परीक्षा हॉल में क्या ले जाना है, क्या नहीं संबंधित निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। नए साल में सीबीएसई द्वारा जारी किए गए बदलावों पर नजर डालती एक रिपोर्ट-
होम सेंटर पर नहीं होगा प्रेक्टिकल
सीबीएसई 2020 से 12वीं बोर्ड के प्रेक्टिकल होम सेंटर पर नहीं कराएगी। इसके लिए अलग से सेंटर तय किए जाएंगे। 12वीं के विद्यार्थियों के लिए प्रेक्टिकल परीक्षा से पहले एडमिट कार्ड भी जारी किए जाएंगे। इस पर परीक्षार्थी का फोटो भी रहेगा।
फ्लाइंग परीक्षार्थियों पर रहेगी नजर
जो विद्यार्थी कहीं और नामांकन करते हैं और परीक्षा किसी और जगह देते हैं, उन्हें फ्लाइंग परीक्षार्थी कहा जाता है। इस बार बड़े पैमाने पर सीबीएसई उन छात्रों को पकडऩे की तैयारी में है, जिन्होंने 2018 में 11वीं में फ्लाइंग नामांकन लिया था। 2018 में 11वीं में नामांकन लेने वाले विद्यार्थी 2020 में 12वीं बोर्ड परीक्षा में शामिल होंगे। अगर ये छात्र 2020 के प्रेक्टिकल में शामिल नहीं होंगे तो उन्हें परीक्षा नहीं देने दी जाएगी।
विषय को समझने के भी 20 अंक
2020 से हर विषय में इंटरनल माक्र्स जोडऩे की सुविधा सीबीएसई ने शुरू की है। इस निर्देश के अनुसार अब 10वीं और 12वीं के सभी विषयों की परीक्षा 80 अंकों की होगी। 20 नंबर स्कूल की तरफ से शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों के प्रदर्शन के आधार पर दिए जाएंगे। 20 अंकों के इस इंटरनल असेसमेंट में पीरियोडिक असेसमेंट 10 नंबर का, पोर्टफोलियो पांच नंबर का, सब्जेक्ट एनरिचमेंट एक्टिविटीज पांच नंबर का होगा।
अब अंग्रेजी बोलने और सुनने के भी मिलेंगे माक्र्स
2020 से 12वीं की अंग्रेजी की परीक्षा में 80 अंक थ्योरी के होंंगे तो 20 अंक स्कूल में पूरे साल विद्यार्थी द्वारा बोली और सुनी जाने वाली अंग्रेजी के होंगे। इन 20 अंकों के लिए शिक्षकों द्वारा विषय दिए जाएंगे, उस विषय पर विद्यार्थियों को बोलना होगा। अंग्रेजी बोलने का प्रवाह देखा जाएगा। उच्चारण सही होना चाहिए। शब्दावली सही होनी चाहिए। किसी भी किताब की समीक्षा कराई जाएगी। सार तैयार करने को दिया जाएगा। सेमीनार की रिपोर्ट अंग्रेजी में तैयार करनी होगी। कहानी लिखवाई जाएगी। यह गतिविधियां पूरे साल चलेंगी।
दस नंबर के आएंगे एप्लीकेशन प्रश्न
पहली बार हाईस्कूल में 10 नंबर के प्रश्न एप्लीकेशन पर आधारित पूछे जाएंगे। एप्लीकेशन आधारित प्रश्न सिलेबस से ही होंगे। प्रेक्टिकल के लिए चुङ्क्षनदा प्रश्न पढऩे की बजाय सिलेबस के हर चैप्टर को ठीक से समझना और पढऩा होगा। दूसरे केंद्रों पर परीक्षक भी विद्यार्थियों के अपने स्कूल के नहीं होंगे।
दो हिस्सों में बंट गई गणित
सीबीएसई दसवीं के छात्रों के लिए स्टेंडर्ड और बेसिक गणित में से कोई एक लेने का विकल्प दिया गया है। बेसिक गणित सामान्य गणित है। वहीं, स्टेंडर्ड गणित उन छात्रों के लिए है जो आगे की पढ़ाई गणित विषय के साथ करना चाहते हैं।
वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का बदला पैटर्न
सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजूकेशन ने 10वीं व 12वीं की परीक्षा में वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के पैटर्न में बदलाव किया है। सभी विषयों में वस्तुनिष्ठ प्रश्न अब छह तरह से पूछे जाएंगे।
बदलावों की जानकारी के लिए बनाए प्रश्न बैंक
सीबीएसई कक्षा 11वीं के 14 विषयों के बहुविकल्पीय प्रश्न तैयार करा रही है। इन विषयों में एकाउंटेंसी, बायोलॉजी, हिस्ट्री, बिजनेस स्टडीज, इंग्लिश, फिजिक्स, केमिस्ट्री, आइपी, पॉलिटिकल साइंस, इकोनॉमिक्स, साइकोलॉजी, इंटरप्रेन्योरशिप, ज्योग्राफी और मैथमेटिक्स के प्रश्न बनाए जाएंगे।
सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में डिजिटल घडी पर प्रतिबंध
केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने नकलविहीन परीक्षा कराने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। बोर्ड ने सभी स्कूलों को निर्देश भेजकर साफ कर दिया है कि परीक्षा के दौरान कोई भी छात्र डिजिटल घड़ी पहन कर परीक्षा नहीं दे सकेगा।
75 प्रतिशत हाजिरी नहीं, तो बोर्ड परीक्षा नहीं
सीबीएसई ने परीक्षा में बैठने के लिए 75 प्रतिशत हाजिरी जरूरी कर दी है। इस साल से बोर्ड ने स्कूलों को भी सख्त हिदायत दी है कि वे ऐसे सभी विद्यार्थियों की लिस्ट बोर्ड में जमा कराएं, जिनकी हाजिरी 75 प्रतिशत से कम है। इन बच्चों को परीक्षा में बैठने देना है या नहीं, इसका निर्णय सीबीएसई बोर्ड द्वारा लिया जाएगा।
थ्योरी और प्रेक्टिकल में होना अलग-अलग पास
दसवीं की परीक्षा में शामिल में अलग-अलग विषयों के अनुसार 80, 70 और 50 अंकों की परीक्षा होगी। साथ ही प्रेक्टिकल की परीक्षा भी क्रमश: 20, 30 और 50 अंकों की होगी। दसवीं के पासिंग क्राइटेरिया को 12वीं से अलग रखा गया है। स्टूडेंट्स को पास होने के लिए थ्योरी और प्रेक्टिकल दोनों ही परीक्षाओं में 100 में से 33 फीसदी अंक कुल मिलाकर प्राप्त करने होंगे। थ्योरी और प्रेक्टिकल के अंक अलग-अलग नहीं जोड़े जा रहे हैं। ऐसे में दोनों को मिलाकर यदि स्टूडेंट्स के 33 फीसदी अंक हो जाते हैं तो उन्हें उत्तीर्ण माना जायेगा।
20 नंबर का इंटरनल असेसमेंट
दसवीं की तीन घंटे की परीक्षा होगी। हिंदी, अग्रेंजी, उर्दू, संस्कृत, स्पेनिश, पंजाबी, बंगाली, गुजराती आदि विषय शामिल हैं। इन विषयों में कुल मिलाकर स्टूडेंट्स को 33 फीसदी अंक हासिल करने होंगे। इनमें साइंस, सोशलसाइंस, गणित स्टैैंडर्ड और गणित बेसिक जैसे विषय भी शामिल हैं। इन विषयों थ्योरी की परीक्षा 80 अंकों की होगी और इंटरनल असेस्टमेंट 20 अंकों का होगा।
बदल दिया 12वीं के लिए पासिंग क्राइटेरिया
2020 में 12वीं के लिए पास होने का प्रतिशत दसवीं से अलग है। इसके अंतर्गत 12वीं में अब 70 अंक वाले विषयों की परीक्षा में पास होने के लिए 23 अंक प्राप्त करने होंगे। वहीं, 80 अंक वाले विषयों की परीक्षा में पास होने के लिए न्यूनतम 26 अंकों की आवश्यकता पड़ेगी। जो पे्रक्टिकल परीक्षाएं 20 अंकों की होंगी, उनमें उत्तीर्ण होने के लिए न्यूनतम छह अंक प्राप्त करने जरूरी होंगे।
बोर्ड द्वारा किए बदलावों से विद्यार्थियों को अवगत कराया जा चुका है। इन बदलावों से विद्यार्थियों को फायदा होगा। प्री-बोर्ड्स भी इसी प्रारूप पर कराए गए हैं।
- डा. राहुल राज, अध्यक्ष, वोसा
इस साल हुए बदलावों का उद्देश्य रिजल्ट के साथ ही नकल को भी रोकना है। विद्यार्थियों को राहत भी मिली है।
- डा. गिरधर शर्मा, सचिव, अप्सा
अब विद्यार्थियों को पूरा साल ही मेहनत करनी होगी, जिससे उनकी नींव मजबूत होगी। हर विषय को वे गंभीरता से समझ सकेंगे।
- संजय तोमर, अध्यक्ष, नप्सा
इस साल हमने विद्यार्थियों को नए प्रारूपों के आधार पर ही पढ़ाया है। हमारी कोशिश है कि हम विद्यार्थियों की हर शंका को दूर कर सकें।
- हिमांशु उप्पल, कैमेस्ट्री टीचर, प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल
हम लगातार विद्यार्थियों की शंकाओं को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। विद्यार्थी फोन से भी हमारे संपर्क में हैं। नए प्रारूप को लेकर जो भी शंकाएं है, उन्हें स्कूल में भी दूर किया जा रहा है।
- पूनम कक्कड़, हिंदी शिक्षक, जीडी गोयंका पब्लिक स्कूल