तो आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह हो सकते हैं यहां के होटल
मैनपुरी में कमरा देते समय नहीं मांगते पहचान पत्र, पुलिस को भी सूचना देने की नहीं उठाते जहमत। नियमों को लेकर पुलिस भी बेफिक्र।
आगरा, जेएनएन। मैनपुरी जिले के होटलों में सुरक्षा संबंधी नियमों की जमकर धज्जियां उड़ रही हैं। यहां कोई भी आकर ठहर जाए। यह पूछने की जहमत कोई नहीं उठाता कि वह कौन है, क्यों आया है? पुलिस भी इसे लेकर आंखें मूंदे हुए है। इसी कारण एक विदेशी पर्यटक मैनपुरी में तीन दिन तक ठहरा रहा और पुलिस और खुफिया तंत्र को इसकी भनक तक नहीं लगी।
सोमवार देर शाम को होटलों में हुई चेङ्क्षकग में यहां लापरवाही उजागर हुई। सुमेर होटल में जैनिश नाम का विदेशी युवक ठहरकर चला गया और पुलिस को इसकी सूचना तक नहीं दी गई। लापरवाही का अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि खुद होटल प्रशासन यह भी नहीं बता पाया कि वह किस देश का था। इस लिहाज से यहां अगर कोई आतंकी भी आकर ठहर जाए तो हो सकता है कि उसकी सूचना भी किसी को नहीं लगे। सूत्रों के मुताबिक यही स्थिति जिले के दो दर्जन होटलों में से लगभग सबकी है। यात्री की जानकारी के नाम पर केवल खानापूर्ति होती है। सूत्रों की माने तो पुलिस आदि संबंधित विभागों ने बीते एक साल से इस संबंध में चेङ्क्षकग आदि ही नहीं की है।
उल्लघंन करने वालों पर होगी कार्रवाई
सभी होटलों को चेतावनी जारी की जा रही है। नियमित चेङ्क्षकग कर यात्रियों का विवरण दर्ज करने की जांच की जाएगी। उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
- ओमप्रकाश ङ्क्षसह, एएसपी
यह है नियम
विदेशी यात्री के लिए
होटल प्रशासन को विदेशी यात्री का पासपोर्ट-वीजा की प्रति लेनी होती है। फार्म सी (यलो फार्म) पर उसका पूरा विवरण दर्ज करना होता है। इसमें भी आने के कारण के साथ, यहां से पहले कहां रुका था और यहां से कहां जाएगा। यह सूचना भी अंकित करनी होती है। इसके बाद उसी दिन संबंधित थाने को ये जानकारी उपलब्ध करानी होती है।
भारतीय यात्री के लिए
यात्री से पहचान पत्र की प्रति लेनी होती है। उसके साथ ठहरने वाले व्यक्तियों की भी जानकारी लेकर इसे एक रजिस्टर दर्ज करना होता है।
स्लीपर सेल्स को लेकर सतर्क हुआ प्रशासन
पश्चिम उत्तर प्रदेश में नए आतंकी संगठन खड़ा करने की कोशिश और स्लीपर सेल्स का पर्दाफाश होने के बाद मैनपुरी जिले की पुलिस भी सक्रिय हो गई है। हालांकि अभी तक जिले में ऐसा कोई घटनाक्रम नहीं हुआ है।
जिले की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए अधिकारी कोई जोखिम नहीं लेना चाहते। लखनऊ- आगरा एक्सप्रेस वे और जीटी रोड के कारण यहां से अलीगढ़, नोएडा, दिल्ली, आगरा, मथुरा, कानपुर, लखनऊ, बरेली, हरदोई आदि जिलों में पहुंचना आसान है। ऐसे में स्लीपर सेल जिले को ट्रांजिट प्वाइंट के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैैं। खुफिया तंत्र को सक्रिय किया गया है। साथ ही स्वाट व सर्विलांस टीम भी चौकन्नी हैं। सभी थानाध्यक्षों को क्षेत्र में कड़ी नजर रखने को कहा गया है। विदेशों से आने वाली फोन कॉल पर नजर रखने की तैयारी की जा रही है।
बेवर के तालाब में मिला था मोर्टार
तीन महीने पहले बेवर क्षेत्र के एक तालाब में मोर्टार बरामद हुआ था। इसको निष्क्रिय करने के लिए सेना को बुलाया गया था। मोर्टार के राज सुलझाने में पुलिस अब तक कामयाब नहीं हो सकी है।
सैटेलाइट फोन की मिली थी लोकेशन
कुछ साल पहले भोगांव क्षेत्र में सैटेलाइट फोन की लोकेशन मिली थी। पुलिस के साथ एसटीएफ भी तलाश में लगी थी। यह राज अभी तक अनसुलझा है।
गोकशी को लेकर पैनी नजर
बुलंदशहर की घटना गोकशी का परिणाम थी। इसके चलते पुलिस गोकशी पर सख्ती कर रही है। कुख्यात इलाकों में निगरानी की जा रही है।
बरती जा रही है सतर्कता
संदिग्धों पर विशेष नजर रखी जा रही है। गणतंत्र दिवस और वर्तमान स्थितियों को लेकर सतर्कता बरती जा रही है।
- अजय शंकर राय, एसपी मैनपुरी