Maha Shivratri Special: आस्था से महके शिवालय, सुख- समृद्धि की प्रार्थना
शिवालयों में सुबह से ही उमड़ना शुरू हो गए श्रद्धालु। किसी ने मांगा सुनहरा भविष्य किसी ने की सुख-समृद्धि की प्रार्थना।
आगरा, जेएनएन। शिव समान दाता नहीं कोई, शिव समान नहीं कोई कृपा निधान। भगवान आशुतोष की महापूजा का दिन महाशिवरात्रि। द्वादस ज्योर्तिलिंगों के प्रादुभाव का दिन। शिव पार्वती के विवाह का दिन। शिव और शक्ति के एकाकार का दिन।
इस महारात्रि पर शिव आराधना करने से मिलती है विशेष कृपा। कई वर्षों बाद सोमवार को महाशिवरात्रि का विशेष संयोग होने से महत्व और अधिक बढ़ गया। भोर के साथ शिवालयों में घंटों और जयकारों की गूंज है। अपने आराध्य का जलाभिषेक करने के लिए भक्त आतुर हैं। शहर हो या देहात शिवालय छोटे हों या बड़े हर जगह बस बम बम भोले की ही गूंज छाई है।
ताज की नगरी आगरा हो या कान्हा की नगरी मथुरा, आस्था का जनसमुद्र मंदिरों में उमड़ रहा है। पूरे दिन निराहार का संकल्प रखने के साथ लोग शिव आराधना के लिए निरंतर बढ़ रहे हैं। सोमवार को सुबह से ही शिवालय आस्था से महक रहे हैं। कोई सुनहरे भविष्य तो कोई सुख-समृद्धि की महादेव से प्रार्थना कर रहा है। शिवालय हर- हर महादेव के जयघोष से गूंज रहे थे।
बिल्वपत्र, धतूरा, फूल आदि चढ़ाकर महादेव से सुख-समृद्धि की प्रार्थना की जा रही है। सुबह से ही कांवर और जेहर चढ़ाने वालों का तांता शिवालयों में जुटने लग गया था। आगरा के प्रमुख शिवालय कैलाश महादेव, पृथ्वीनाथ, राजेश्वर, बल्केश्वर, रावली और मन:कामेश्वर, बटेश्वर के शिवालय, मथुरा में भूतेश्वर, गोकर्णेश्वर, पिपलेश्वर, रंगेश्वर, गर्तेश्वर आदि मंदिरों में लोगों की भक्ति का रंग दिखाई दे रहा है। क्षेत्रीय शिवालयों में भी आस्था झूमती रही। श्रद्धालुओं ने व्रत रखा। हर मार्ग पर श्रद्धालुओं की कतार लगी रही।
शाम से शुरु होंगे विशेष आयोजन
महाशिवरात्रि पर शिवालयों में दिनभर जलाभिषेक होने के बाद शाम को विशेष आयोजन होंगे। भगवान आशुतोष के विशेष श्रंगार के बाद महाआरती होगी। मन:कामेश्वर मंदिर में रात्रिभर जलाभिषेक, श्रंगार और आरती होगी। महंत योगेश पुरी के अनुसार महाशिवरात्रि को भगवान शिव और पार्वती के विवाह दिवस के रूप में भी मनाने की पंरपरा है। मंदिर में कई दशकों से महाशिवरात्रि पर रातभर पांच प्रकार के श्रंगार और आरती होती है, जिसमें अंतिम श्रंगार दूल्हे का स्वरूप देखने के लिए लोग रातभर प्रतिक्षा करते हैं। भोर में गुलाल खेलने के साथ विदाई की आरती की जाती है। इधर बल्केश्वर महादेव में भी भगवान शिव की बरात निकालने का विशेष आयोजन होता है।