सितंबर में यमुना में रहा सबसे कम प्रदूषण
लाकडाउन की अपेक्षा यमुना में कम रहे टोटल और फीकल कालिफार्म
आगरा, जागरण संवाददाता। लाकडाउन में औद्योगिक और मानवीय गतिविधियों पर लगाम लगी तो सितंबर में यमुना सबसे कम प्रदूषित रही। बारिश में यमुना में पानी छोड़े जाने की वजह से उसमें गंदगी और प्रदूषक तत्वों की मात्रा कम हुई। ताजमहल के डाउन स्ट्रीम में जनवरी में जो टोटल कालिफार्म (मानव व जीव अपशिष्ट) 1.10 लाख एमपीएन दर्ज किया गया था वो सितंबर में घटकर 42000 एमपीएन रह गया।
उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) माह में दो बार यमुना जल की सैंपलिग आगरा में अप स्ट्रीम में कैलाश घाट व वाटर वर्क्स और डाउन स्ट्रीम में ताजमहल पर करता है। सैंपल की जांच यूपीपीसीबी के आगरा और लखनऊ कार्यालय में की जाती है। यूपीपीसीबी द्वारा जारी की गई यमुना की आगरा में तीनों सैंपलिग प्वाइंट की जनवरी से सितंबर तक की रिपोर्ट को देखें तो सितंबर में यमुना सबसे कम प्रदूषित रही। सितंबर में यमुना में डिजाल्व आक्सीजन डीओ, बायो आक्सीजन डिमांड और टोटल कालिफार्म की मात्रा मानक से अधिक दर्ज की गई। जनवरी से सितंबर तक सितंबर में यमुना जल में टोटल कालिफार्म की मात्रा वाटर वर्क्स व ताजमहल पर सबसे कम रही। कैलाश पर सितंबर में यह अगस्त के समान ही दर्ज की गई। सितंबर में प्रदूषक तत्वों की मात्रा अगस्त की अपेक्षा कम होने के बावजूद यमुना जल न तो पीने योग्य रहा और न ही नहाने लायक।
यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी भुवन प्रकाश यादव ने बताया कि सितंबर में यमुना में बारिश के दिनों में बांधों से छोड़ा गया पानी आने से प्रदूषक तत्वों की मात्रा कम हुई थी।