केदारनाथ और अमरनाथ की तरह आगरा−मथुरा में भी होगी हेलीकॉप्टर यात्रा, आकाश से देख सकेंगे ताजमहल
आगरा में मदरा और मथुरा में गोवर्धन में बनाए गए हैं हेलीपोर्ट। हेलीकॉप्टर से पर्यटकों को स्मारकों का हवाई दर्शन कराने की योजना। पर्यटन विभाग ने जारी किया है ई-टेंडर किया है। 31 मई की दोपहर 12 बजे पर्यटन विभाग के लखनऊ विभाग में होगी प्री−बिड।
आगरा, जागरण संवाददाता। केदारनाथ, अमरनाथ और वैष्णाे देवी की तरह ही आगरा और मथुरा में भी टूरिस्ट हेलीकॉप्टर यात्रा का आनंद ले सकेंगे। जरा सोचिए ताजमहल और बांकेबिहारी व प्रेम मंदिर का यदि हेलीकॉप्टर से दीदार करने को मिले तो नजारा कैसा होगा, सब कुछ सही रहा तो जल्द ही यह हकीकत में हो जाएगा। ताजनगरी के स्मारकों का हवाई दर्शन करने का पर्यटकों का ख्वाब शीघ्र साकार होगा।
उप्र सरकार द्वारा पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) माडल पर हेलीपोर्ट के संचालन पर मुहर लगाने के बाद पर्यटन विभाग ने आगरा व मथुरा में हेलीपोर्ट के संचालन को ई-टेंडर कर दिया है। आगरा के मदरा और मथुरा के गोवर्धन में हेलीपोर्ट बनाए गए हैं।
आगरा और मथुरा में बने हेलीपोर्ट
19 अप्रैल को हुई कैबिनेट की बैठक में आगरा, मथुरा व प्रयागराज में हेलीपोर्ट का संचालन पीपीपी माडल पर करने पर सहमति दी गई थी। हेलीपोर्ट से हेलीकाप्टर के माध्यम से शहर में स्थित स्मारकों का हवाई दर्शन कराने की योजना है। आगरा में इनर रिंग रोड व लखनऊ एक्सप्रेस-वे के समीप स्थित मदरा में 4.95 करोड़ रुपये की लागत से हेलीपोर्ट बनाया गया है। पांच एकड़ जमीन में बनाए गए हेलीपोर्ट का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौ जनवरी, 2019 को कोठी मीना बाजार मैदान में आयोजित रैली में किया था। वहीं, मथुरा में गोवर्धन में हेलीपोर्ट बनाया गया है।
ई-टेंडर जारी
पर्यटन विभाग के लखनऊ मुख्यालय ने हेलीपोर्ट सेवा के संचालन को ई-टेंडर किया है। 31 मई की दोपहर 12 बजे पर्यटन विभाग के लखनऊ विभाग में हेलीकाप्टर सेवा के संचालन को योग्यता के अनुरोध के लिए प्री-बिड होगी। 22 जून को दोपहर दो बजे तक ई-टेंडर जमा किया जा सकेगा।
हेलीकाप्टर सेवा की शुरुआत से शहर के पर्यटन में चार चांद लग सकेंगे। स्मारकों का हवाई दर्शन कर पर्यटक रोमांच का अनुभव कर सकेंगे। उपनिदेशक पर्यटन राजेंद्र कुमार रावत ने बताया कि आगरा व मथुरा में हेलीपोर्ट सेवा के संचालन को ई-टेंडर किया गया है। विभागीय प्रक्रिया की शुरुआत से हेलीकाप्टर सेवा की शीघ्र शुरुआत होने की उम्मीद बंधी है।
हेलीपोर्ट: एक नजर
-हेलीपोर्ट निर्माण को 4.95 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत की गई थी।
-फायर फाइटिंग सिस्टम अप-टू-डेट करने व अन्य कार्यों के लिए रिवाइज्ड एस्टीमेट 7.9 करोड़ रुपये का भेजा गया था।
-रिवाइज्ड एस्टीमेट को अनुमति न मिलने पर हेलीपोर्ट को संचालन योग्य बनाने को 19 लाख रुपये की मांग की गई।
-पांच एकड़ जमीन में बनाया गया है हेलीपोर्ट।
-उप्र एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने इसके लिए जगह उपलब्ध कराई है। 200 वर्ग गज जमीन किसान से खरीदी गई।
-यहां एक हेलीपैड व दो हैंगर हेलीकाप्टर खड़े करने को बनाए गए हैं।