Positive India: कुलपति का योग, अध्ययन और स्वजन संग गुजरता है दिन
लॉकडाउन में खुद ही बनाते हैं सुबह की चाय फिर पढ़ते हैं अखबार। नाश्ते से लेकर डिनर तक हल्का सुपाच्य ही ले रहे खानपान में।
आगरा, प्रभजोत कौर। करीब साढ़े 950 शैक्षणिक संस्थान। लगभग तीन लाख छात्रों और हजारों शिक्षकों का परिवार। इनके मुखिया डॉ. आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा के कुलपति प्रो. अशोक मित्तल पर तमाम जिम्मेदारियां हैं। इन जिम्मेदारियों को निभाने के लिए वह खुद को चुस्त-दुरस्त भी रखते हैैं। अब लॉकडाउन में प्रो. अशोक मित्तल परिस्थितियों से सामजंस्य बनाते हुए योग, अध्ययन और स्वजन संग समय का सदुपयोग कर रहे हैं।
लॉकडाउन होने के बाद विश्वविद्यालय के प्रशासनिक और शैक्षणिक कार्यकलाप पूरी तरह बंद हो चुके हैं। कुलपति प्रो. मित्तल ने अपनी दिनचर्या भी उसी अनुरूप ढाल ली है। बकौल प्रो. मित्तल, सुबह की चाय वे खुद बनाते हैं। नाश्ते में पोहा, उपमा या नमकीन सेवई लेते हैं। दोपहर में दाल, सब्जी, रायता, रोटी लेते हैं। शाम को चाय के साथ स्नैक्स रात का भोजन काफी हल्का यानी खिचड़ी या दलिया खाते हैं। खें
पढ़ रहे किताबें और थीसिस
सुबह चाय की चुस्कियों के बीच वह अखबार पढ़ते हैं। कहते हैं कि स्थानीय ही नहीं, देश-दुनिया की गतिविधियों से जानने का यही एकमात्र सशक्त और भरोसेमंद जरिया है। प्रो. मित्तल बताते हैं कि आम दिनों में व्यस्तता की वजह से किताबें नहीं पढ़ पाते हैं। इस समय का सदुपयोग वह इसके लिए कर रहे हैं। इकोनॉमिक्स की नई किताबें पढ़ रहा हूं। मेरे पास काफी लंबे समय से अन्य विश्वविद्यालयों से आईं थीसिस थीं, जिन्हें पढ़ नहीं पा रहा हूं। अब 15 थीसिस पढऩी हैं। साथ ही दलाई लामा की लिखी किताब बियोंड रिलीजन भी पढ़ रहा हूं।
चुस्त-दुरस्त रहने पर ध्यान
प्रो. मित्तल बताते हैं कि कोशिश करता हूं कि घर में टहल लूं। एक-दो बार अपनी सोसायटी के पार्क में गया, वहां सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखता हूं। मास्क लगाकर ही निकलता हूं।
विवि की भी है चिंता
प्रो. मित्तल बताते हैं कि लॉकडाउन के बाद विश्वविद्यालय खुलते ही एक प्रोफेशनल सॉफ्टवेयर कंपनी की तलाश करूंगा। पूरे सिस्टम को ऑनलाइन करना है। विवि का अपना एक अलग सिस्टम डेवलप कराऊंगा। इसमें हर विभाग जुड़ा होगा। एप की भी योजना है। आजकल हर काम ऑनलाइन है तो हमारा विश्वविद्यालय क्यों पीछे रहे।
धैर्य रखिए और मस्त रहिए
कुलपति प्रो. मित्तल अपने शिक्षकों और छात्रों के लिए संदेश भी देते हैं। कहते हैं कि सकारात्मक रहें। वक्त हमेशा आगे बढ़ता है, यह बुरे दिन भी निकल जाएंगे। इस समय घर पर रहकर हर वो काम करिए जो हमेशा से करना चाहते थे।