Move to Jagran APP

कानून का शिकंजा कसता देख सलमान खुर्शीद की पत्‍नी ने मांगी अग्रिम जमानत, जानिए क्‍या है पूरा मामला Agra News

दिव्यांगों को उपकरण घोटाले में लुईस खुर्शीद ने मांगी अग्रिम जमानत। लुईस खुर्शीद रह चुकी हैं विधायक। अदालत ने दिए 3 अक्टूबर को पेश होने के निर्देश।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Tue, 01 Oct 2019 12:36 PM (IST)Updated: Tue, 01 Oct 2019 08:32 PM (IST)
कानून का शिकंजा कसता देख सलमान खुर्शीद की पत्‍नी ने मांगी अग्रिम जमानत, जानिए क्‍या है पूरा मामला Agra News
कानून का शिकंजा कसता देख सलमान खुर्शीद की पत्‍नी ने मांगी अग्रिम जमानत, जानिए क्‍या है पूरा मामला Agra News

आगरा, जेएनएन। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के डॉ. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा विभिन्न जिलों में नौ साल पहले लगाए गए दिव्यांग उपकरण वितरण शिविरों के घोटाले को लेकर उनकी पत्नी लुईस खुर्शीद पर आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन ने कानूनी शिकंजा कस दिया है। लुईस ने एटा की अदालत से अग्रिम जमानत मांगी है। न्यायालय ने 3 अक्टूबर को सुनवाई की तिथि निर्धारित की है, साथ ही आरोपितों को पेश होने का आदेश भी दिया है।

loksabha election banner

वर्ष 2009-10 में एडिप योजना के अंतर्गत डॉ. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट ने एटा, इटावा, फर्रुखाबाद, कासगंज, मैनपुरी, कन्नौज, अलीगढ़, शाहजहांपुर, बरेली, मेरठ, मुरादाबाद, गौतमबुद्ध नगर, रामपुर, संत रविदास नगर व इलाहाबाद(अब प्रयागराज) में दिव्यांगों के लिए सहायता शिविर लगाए थे। जिनमें दावा किया गया कि संस्था ने शिविरों में आए दिव्यांगों को उपकरण दिए। इसका सत्यापन 5 मई 2010 को परियोजना निदेशक की हैसियत से लुईस खुर्शीद ने किया था और उपकरण वितरण को सही ठहराया था। लुईस फर्रुखाबाद जिले की कायमगंज सीट से विधायक भी रह चुकी हैं।

इस मामले में गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन ने जांच की। इस जांच में लुईस की सत्यापित रिपोर्ट फर्जी पाई गई। इसके बाद जांच एजेंसी के इंस्पेक्टर रामशंकर यादव ने अलीगंज थाने में लुईस और संस्था के सचिव अतहर फारुखी के खिलाफ 15 जून 2017 को एफआईआर दर्ज करा दी। अपने ऊपर कानूनी शिकंजा कसते देख आरोपितों ने अग्रिम जमानत के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील की।

जहां से एटा में अपील करने के निर्देश दिए गए। तब यह याचिका जिला जज रेणु अग्रवाल की अदालत में दी गई, जहां सोमवार को सुनवाई हुई। शासकीय अधिवक्ता विनोद पचौरी व सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अभिनंदन सिंह ने अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध किया। जनपद न्यायाधीश ने मामला अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम की अदालत में भेज दिया और आरोपितों को 3 अक्टूबर को पेश होने का आदेश दिया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.