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    Leopard in Agra: आगरा के पास तेंदुए की दस्तक, दहशत में हैं ग्रामीण, रेस्क्यू टीम ने डाला डेरा

    By Prateek GuptaEdited By:
    Updated: Fri, 13 May 2022 12:46 PM (IST)

    अरावली की पहाड़ियों से सटे जगनेर के रिछोहा में तेंदुए की दस्तक। पांच दिन से वन विभाग और वाइल्ड लाइफ की टीम किए हुए है गांव में कैंप। ग्रामीण उसके साथ दो बच्चे भी होने की बात कह रहे हैं। बाघ है या तेंदुआ अभी ये नहीं हुआ स्पष्ट।

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    जगनेर में अरावली की पहाड़ियों पर विचरता तेंदुए जैसा जानवर।

    आगरा, जागरण टीम। आगरा के पास जगनेर क्षेत्र की राजस्थान सीमा के गॉव रिछोहा, भोजपुर के जंगलों में तेंदुए की दस्तक से ग्रामीण भयभीत हैं। वन विभाग के साथ वाइल्ड लाइफ की टीम अलग अलग शिफ्ट में पांच दिन से अरावली की पहाड़ियाें पर बने जंगल में डेरा डाले हुए हैं, लेकिन अभी तक इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है कि जंगल में चहल कदमी करने वाला जानवर तेंदुआ है या बाघ, पूरे तामझाम के साथ टीम के चार से पांच आदमी जंगल के आसपास तैनात रहते हैं।

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    राजस्थान के भरतपुर सीमा से लगे आगरा के रिछोहा, भोजपुर के जंगल में ग्रामीण किसी जंगली जानवर की दस्तक से भयभीत हैं। ग्रामीणों की सूचना पर वाइल्ड लाइफ व वन विभाग की टीम जंगली जानवर को रेस्क्यू करने के लिये रात−दिन जंगल में डेरा डाले हुए है। शुक्रवार को वन विभाग के दरोगा ब्रजराज सिंह ने बताया कि गुरुवार की रात को टोर्च की रोशनी में किसी जानवर की आंख चमकती नजर आयी है।

    गांव में कैंप किए हुए वन विभाग और वाइल्ड लाइफ की टीम। 

    वहीं ग्रामीण नरेश गुर्जर ने बताया कि तेंदुआ विगत कई महीनों से जंगल में रह रहा है लेकिन अब वह गांव के अंदर आने लगा है। ग्रामीण तेंदुए के साथ दो बच्चे होने की बात भी कह रहे हैं, लेकिन अभी तक किसी के पास कोई पुख्ता सबूत नही है। वाइल्ड लाइफ की टीम के साथ वन विभाग की टीम जंगल में डेरा डाले है। इधर एक ग्रामीण ने काफी दूर से जंगल में विचरते जानवर का फोटो खींचा है, उसकी आकृति बाघ या तेंदुए जैसी है। वहीं कुछ ग्रामीणाें ने जानवर के पदचिन्ह भी देखे हैं। वाइल्ड लाइफ की टीम अपने साथ तेंदुए या बाघ को पकड़ने वाला पिंजरा ही लेकर पहुंची है।

    पहाड़ी से गांव और जंगली जानवर की गतिविधियों पर नजर रखती टीम। 

    पानी की तलाश में आया रिहाइशी इलाके में

    ग्रामीणाें का कहना है कि अरावली की पहाड़ियां सूखी पड़ी हैं। पत्थरों के अलावा उन पर पानी का इंतजाम नहीं है। माना ये जा रहा है कि तेंदुआ पानी की तलाश में भटकते हुए रिहायशी इलाके में दस्तक दे रहा है।  

    कुत्तों को बना रहा शिकार

    ग्रामीण रोशन ने बताया कि ट्यूबवेल पर आठ माह पूर्व मेरे कुत्ते को जानवर खा गया, दूसरे कुत्ते को बीती आठ मई को खा गया है। ग्रामीण हरिभान के गाय के बच्चे को दो मई को जानवर ने खा लिया है। सोमवार को गांव से थोड़ी दूरी पर तीन जंगली जानवर घूमते नजर आए थे।