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ABVP राष्‍ट्रीय अधिवेशन: देश का इतिहास लिखा वामपंथियों ने, आज पूरा इतिहास बदलने की जरूरत Agra News

आगरा कॉलेज में चल रहा है अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का 65 वां राष्‍ट्रीय अधिवेशन।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sat, 23 Nov 2019 02:32 PM (IST)Updated: Sat, 23 Nov 2019 09:04 PM (IST)
ABVP राष्‍ट्रीय अधिवेशन: देश का इतिहास लिखा वामपंथियों ने, आज पूरा इतिहास बदलने की जरूरत Agra News
ABVP राष्‍ट्रीय अधिवेशन: देश का इतिहास लिखा वामपंथियों ने, आज पूरा इतिहास बदलने की जरूरत Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। जो देश सभ्‍यता और संस्‍कृति की विरासतों से परिपूर्ण रहा है। जिस देश की आजादी के लिए यहां के वीर सपूतों ने अपना लहू बहाया है उसका इतिहास वामपंथियों ने लिख बुरी तरह से क्षति पहुंचाई है। अब समय आ गया है कि देश का इतिहास पूरी तरह से दोबारा लिखा जाए और जो सच है वो दुनिया के सामने आए। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के तीसरे दिन के सत्र में यह बातें राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष डॉ एस सुब्‍बैया ने कहीं।

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आगरा कॉलेज मैदान में चल रहे एबीवीपी के 65 वें राष्‍ट्रीय अधिवेशन के तीसरे दिन के सत्र का उदघाटन एन नरसिम्हा रेड्डी, पूर्व न्यायाधीश, पटना उच्च न्यायालय ने किया। उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए एन नरसिम्हा रेड्डी ने कहा कि भारत विश्व गुरु बनने की तरफ अग्रसर है इसमें एबीवीपी की अहम भूमिका होगी।

राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष डॉ एस सुब्‍बैया ने कहा कि रियासत से सियात में बंधुओं को हिरासत में लेना, देश की विरासत नहीं रही है। ये वामपंथी लोग थे जिन्‍होंने विषैले तीर चलाए। हमारा भारत तो भगवान श्रीराम और श्रवण कुमार की भूमि रहा है। हम ऐसे विषैले तीर चलाने वालों को खत्‍म कर देंगे। उन्‍होंने कहा कि  जो भारत का इतिहास वामपंथी इतिहासकारों ने लिखा है वो गलत हैै। इसे पूरी तरह से पौराणिक कथाओं और संस्‍कृति के आधार पर दोबारा लिखा जाना चाहिए। राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष ने आगे कहा कि राष्‍ट्र का पुननिर्माण तभी माना जाएगा जब गरीबी नहीं रहेगाी, देश संयुक्‍त राष्‍ट्र परिषद का स्‍थाई सदस्‍य बनेबा, अधिकृत राष्‍ट्रीय भाषा हिंदी होगी और आयात निर्यात डॉलर की जगह रुपए में होगा। मुख्य अतिथि एन नरसिम्हा रेड्डी, पूर्व न्यायाधीश, पटना उच्च न्यायालय ने कहा कि गणित से लेकर जितने भी विषय थे सभी के ज्ञाता भारतीय ही थे। ज्ञान और संस्‍कृति हमें विरासत में मिला है। वो दिन दूर नहीं अब जब शिक्षा के क्षेत्र में भी दुनिया का प्रतिनिधित्‍व भारत करेगा।

राष्‍ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने अनुच्‍छेद 370 पर कहा कि इस धारा के कारण देश की अखंडता भंग कर दी गई थी। परिषद इसकी समाप्ति की मांग लंबे समय कर रहा था। महिलाआें को संबोधित करते हुए उन्‍होंने कहा कि कुछ संगठन है जो स्‍वयं को महिलाा सशक्तिरण के झांडावरदार बताते हैं लेकिन करते कुछ नहीं। महिला उत्‍पीड़न की घटनाएं जब देश में बढ़ने लगीं तो एबीवीपी ने छात्राओं को आत्‍मरक्षा का प्रशिक्षण दिया और इस लायक बनाया कि अपनी रक्षा स्‍वयं कर सकें।


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