Air Action Plan: आगरा बनेगा अन्य शहरों के लिए मॉडल, जानिए प्लान की मुख्य बातें
होटल आईटीसी मुगल में आगरा के एयर एक्शन प्लान की हुई लांचिंग। मुख्य सचिव अनूपचन्द्र पांडे के उप्र सरकार के सलाहकार केशव वर्मा सहित अन्य अधिकारी भी रहे मौजूद।
आगरा, जागरण संवाददाता। मुख्य सचिव अनूपचन्द्र पांडे ने कहा कि आगरा एक जीवंत शहर है। हमें पर्यावरण और विकास की बात साथ साथ करनी होगी। विकास पर्यावरण की कीमत पर नहीं होगा। पर्यावरण के लिए विकास पर भी रोक नहीं लगनी चाहिए। हमें दोनों का संतुलित सामंजस्य करने की आवश्यकता। इसे हमने विजन डॉक्यूमेंट में देखा है। एक- एक बात पर ध्यान दिया है। ताज ट्रेपेज़ीयम जोन में लगी तदर्थ रोक पर कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को टेकअप करेंगे कि जिन उद्योगों या गतिविधियों से प्रदूषण नहीं हो रहा है, उससे तदर्थ रोक हटाई जाए । पर्यावरण के विपरीत काम नहीं करेंगे, लेकिन पर्यावरण के नाम पर विकास अवरुद्ध न हो।
शनिवार को मुख्य सचिव होटल आईटीसी मुगल में आगरा का एयर प्लान लांच करने आये थे। उन्होंने बताया कि एक्शन प्लान महत्वपूर्ण है। आगरा एक आदर्श शहर है। ऐसी व्यवस्था हो जो अनुकरणीय हो। आगरा का मॉडल ऐसा हो, जो अन्य शहरों में भी लागू हो।
उन्होंने कहा कि आगरा में वायु प्रदूषण के प्रमुख कारणों में धूल कण हैं। इसकी वजह राजस्थान से नजदीकी है। इंडस्ट्री से पूर्व भी अंधड़ आते थे और वायु प्रदूषण अधिक रहता था। इसका निदान पौधरोपण है। हम प्रदेश में इस वर्ष 22 करोड़ पौधे लगाएं। विंड की दिशा के आधार पर पौधरोपण को प्रयास होगा, जिससे धूल कण कम हों। वाहनों के बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को बढ़ाएंगे। मेट्रो के साथ इलेक्ट्रिक बस चलेंगी। आगरा को 100 इलेक्ट्रिक बस मिलने वाली हैं। चार्जिंग स्टेशन बनाये जाएंगे। बायो फ्यूल और क्लीन फ्यूल के प्रयोग को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है। औद्योगिक प्रदूषण के लिए मोनिटरिंग की उचित व्यवस्था होगी। निर्माण व ध्वस्तीकरण गतिविधि से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम की जाएगी। इसके अलावा मुख्य सचिव ने उत्तर प्रदेश में अतिक्रमण के खिलाफ सख्ती से अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।
प्रमुख सचिव के साथ शहरी विकास विभाग के प्रमुख सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रदेश सरकार के सलाहकार केशव वर्मा, आवास व शहरी मामले मंत्रालय के संयुक्त सचिव वीके जिंदल, मेयर नवीन जैन, यूनाइटेड नेशन्स एनवायरमेंट प्रोग्राम के कंट्री हैड अतुल बगई, यूएनडीपी की प्रतिनिधि शोको नोडा, कमिश्नर अनिल कुमार भी मौजूद रहे।
बता दें कि ताजनगरी का एयर एक्शन प्लान शहरी क्षेत्रों में बढ़ते वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए तैयार किया गया है। उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) द्वारा तैयार एयर एक्शन प्लान को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने एप्रूव्ड किया है। सीपीसीबी द्वारा एक्यूआइ का मानक 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर प्रतिवर्ष तय कर रखा है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने देश के प्रदूषित 102 शहरों में वायु प्रदूषण की स्थिति में सुधार को आदेश दिया था। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम बनाया है। इसमें निर्धारित समय में एक्यूआइ के वार्षिक औसत को प्राप्त किया जाना है। 26 फरवरी को यूनाइटेड नेशंस इनवायरमेंट व क्लीन एयर एशिया ने स्थानीय अधिकारियों व पर्यावरण सुधार को काम कर रहे लोगों के साथ बैठक की थी। इसके बाद यूपीपीसीबी ने आगरा के लिए एयर एक्शन प्लान तैयार किया। इसमें मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव डालने वाले वायु प्रदूषण को कम करने का प्रयास किया जा रहा है।
ये हैं एक्शन प्लान की मुख्य बातें
- वाहन जनित प्रदूषण की रोकथाम को लांग टर्म प्लान और पालन की अवधि
-सार्वजनिक परिवहन को इलेक्ट्रिक बसों का संचालन व चार्जिंग स्टेशन की स्थापना। 360 दिन
-एक्सप्रेस-वे, बाइपास के निर्माण को प्लान बनाया जाना। 360 दिन
-शहर के बाहर रोड बनाना, जिससे कि बाहर से आने वाले वाहन बाहर के बाहर ही निकल जाएं। 360 दिन
-मल्टीलेवल पार्किंग की स्थापना। 360 दिन
-मेट्रो, रेलवे व बस स्टेशन पर बाइक जोन व साइकल जोन बनाया जाना। 360 दिन
-डीजल वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर रोक लगाने को उचित उपकरणों का प्रयोग। 360 दिन
रोड डस्ट पर नियंत्रण को लांग टर्म प्लान
-मास्टर प्लान के अनुसार शहर में 33 फीसद हरित क्षेत्र बनाना। 180 दिन
-नालों के किनारे खुली जगह पर ईंटें लगाना और पौधरोपण करना। 360 दिन
बायोमास, फसलों के अवशेष, कूड़ा-करकट आदि के लिए लांग टर्म प्लान
-खुले में जलने वाले बायोमास, फसल अवशेष, कूड़ा आदि के खिलाफ व्यापक अभियान चलाना। 90 दिन
-म्यूनिसिपल सोलिड वेस्ट के जलने की नियमित मॉनीटरिंग। 90 दिन
-हॉर्टिकल्चर वेस्ट का उचित संग्रहण और उसका निवारण। 90 दिन
-कृषि अवशिष्टों के जलने पर प्रतिबंध लगाना। 180 दिन।
उद्योग से होने वाले प्रदूषण को रोकने को लांग टर्म प्लान
-ईंट भट्टों में जिगजैग तकनीक का उपयोग। 360 दिन
-फैक्ट्री व औद्योगिक क्षेत्रों में वायु प्रदूषण नियंत्रण डिवाइस की स्थापना। 180 दिन
-एक्यूआइ की मॉनीटङ्क्षरग को मोबाइल फैसिलिटी/वैन की स्थापना। 360 दिन
निर्माण व ध्वस्तीकरण से होने वाले प्रदूषण को रोकने को लांग टर्म प्लान
-निर्माण व ध्वस्तीकरण नियम, 2016 का पालन कराना। 15 दिन
-रेजीडेंसियल कॉलोनी में 33 फीसद क्षेत्र में ग्रीन बेल्ट की स्थापना।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप