Move to Jagran APP

Taxation: सुस्त सर्वर ने किया परेशान, कैसे बचें पैनल्टी से, यहां पढ़ें समाधान

Taxation जीएसटीआर नाइन और नाइस सी रिटर्न 31 अक्टूबर तक करना है फाइल। देरी पर 200 रुपये रोजाना लेट फीस के साथ पैनल्टी और ब्याज भी लगना संभव। पोर्टल भी महज 10 फीसद क्षमता से ही काम कर रहा है।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 08:26 AM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 08:26 AM (IST)
Taxation: सुस्त सर्वर ने किया परेशान, कैसे बचें पैनल्टी से, यहां पढ़ें समाधान
जीएसटीआर नाइन और नाइस सी रिटर्न 31 अक्टूबर तक करना है फाइल।

आगरा, जागरण संवाददाता। त्योहारी सीजन है और बाजारों में भीड़ बढ़ने लगी है, लेकिन व्यापारी व कारोबारी व्यापार छोड़कर जीएसटी की औपचारिकताएं पूरा करने में लगे हैं। कारण जीएसटीआर नाइन रिटर्न (वार्षिक विवरणी नक्शा) और नाइन सी रिटर्न (आडिट) दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर है। उनकी यह कवायद भी जरूरी है क्योंकि इससे चूके तो लेट फीस, पैनल्टी और ब्याज की मार झेलनी पड़ सकती है। लेकिन उनकी इस परेशानी को एक हफ्ते से सुस्त चल रहा जीएसटीएन पोर्टल और बढ़ा रहा है।

loksabha election banner

सीए सौरभ अग्रवाल ने बताया कि स्थित यह है कि एक जीएसटी रिटर्न फाइल करने में अमूमन आधा घंटा लगना चाहिए, लेकिन सुस्त रफ्तार सर्वर के कारण एक-एक रिटर्न फाइल करने में ढ़ाई से तीन घंटे तक का समय लग रहा है। बीच-बीच में साइट क्रेश भी हो रही है, जिससे पूरा रिटर्न फाइल होने के बाद भी एरर आने से पूरी कवायद दोबारा शुरू करनी पड़ रही है। पोर्टल भी महज 10 फीसद क्षमता से ही काम कर रहा है।

इसलिए जरूरी है सावधानी

सभी पंजीकृत व्यापारियों और कारोबारियों को जीएसटीआर नाइन रिटर्न फाइल करने है, जबकि पांच करोड़ टर्नओवर वाले कारोबारियों को अनिवार्य रूप से आडिट कराकर जीएसटीआर नाइन फाइल करना है। इसमें सावधानी इसलिए भी जरूरी है क्योंकि एक बार फाइल होने के बाद इसमें किसी भी संशोधन का कोई विकल्प नहीं। ऐसे में एक बार गलती होने पर वह जीएसटीएन पोर्टल पर चढ़ जाएगी। इसलिए प्रोफेशनल और कारोबारी-व्यापारी अपना काम छोड़कर इसकी औपचारिताएं पूरी करने में जुटे हैं।

यह हो सकती है कार्यवाही

सीए सौरभ ने बताया कि जीएसटीआर नाइन और नाइन सी दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर है। इसके बाद एक नवंबर से दो सौ रुपये प्रतिदिन के हिसाब से लेट फीस लगना शुरू हो जाएगी। साथ में 0.5 फीसद की पैनल्टी भी है। इस तरह पांच करोड़ पर ढ़ाई लाख तक की पैनल्टी भी लग सकती है। वहीं टैक्स देयता बनने पर उस पर 18 फीसद की दर से ब्याज भी चुकाना पड़ सकता है।

खराब हो रही ऊर्जा व समय

जूता ट्रेडर सिद्धार्थ चतुर्वेदी का कहना है कि करीब सात महीने बाद बाजार में थोड़ी रौनक लौटी है, ऐसे में व्यापार को देखने की जगह सभी जीएसटीआर नाइन को पूरा करने की औपचारिकताओं में फंसे हैं। लेकिन सुस्त रफ्तार सर्वर के साथ समय व ऊर्जा खराब हो रही है, जो व्यापार बढ़ाने में लगाई जा सकती थी। सरकार पूरा टैक्स लेने के तीन साल बाद भी व्यवस्था को सुचारू नहीं कर पाई है।

बढ़ाएं अंतिम तिथि या माफ हो पैनल्टी

टैक्स अधिवक्ता मनोज शर्मा का कहना है कि पिछले छह दिनों से जीएसटीआर पोर्टल ठीक से कार्य नहीं कर रही। 31 अक्टूबर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि है। सुबह नौ बजे से शाम तीन बजे तक वेबसाइट बार-बार बंद होती रही। इस कारण कार्य पूरी तरह प्रभावित रहा। टैक्स भरने के लिए चालान भी जनरेट नहीं हुए। ऐसे में सरकार से मांग है कि अंतिम तिथि 15 दिन बढ़ाई जाए फिर पेनल्टी माफ की जाए।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.