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International Player: इंटरनेशनल खिलाड़ी ने लगाई अपनी संपत्ति बचाने की गुहार, घर छोड़कर रहने को मजबूर

International Player फतेहाबाद के अई गांव निवासी पूर्व कैप्टन सरनाम का मामला। साउथ एशिया फेडरेशन गेम्स में जीत हैं स्वर्ण पदक। अंतरराष्ट्रीय राष्ट्रीय राज्य स्तरीय खेलों में जीते हैं 34 पदक। 24 जून को गांव में हुई हत्या में नामजद भतीजा जेल में।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sun, 27 Dec 2020 02:51 PM (IST)Updated: Sun, 27 Dec 2020 02:51 PM (IST)
International Player: इंटरनेशनल खिलाड़ी ने लगाई अपनी संपत्ति बचाने की गुहार, घर छोड़कर रहने को मजबूर
संपत्ति खुर्द-बुर्द होने से बचाने को अधिकारियों से लगाई गुहार।

आगरा, अली अब्बास। खेल के मैदान पर भाला फेंक (जैवलीन थ्रो) में कई गोल्ड मेडल जीतने और रिकार्ड बनाने वाला अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी सरनाम सिंह को रंजिश के चलते गांव का मैदान छोड़ना पड़ा। गांव से पलायन करके तीन महीने से रिश्तेदारी में रहने को मजबूर हैं। गांव में अपनी पैतृक संपत्ति को खुर्द-बुर्द होने से बचाने के लिए इस खिलाड़़ी ने अधिकारियों से गुहार लगाई है।

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मामला फतेहाबाद के अई गांव निवासी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी एवं पूर्व कैप्टन सरनाम सिंह का है। सरनाम सिंह ने वर्ष 1984 में नेपाल में आयोजित साउथ एशिया फेडरेशन गेम्स में हिस्सा लिया था। उन्होंने जैवलीन थ्रो स्पर्धा में देश के लिए स्वर्ण पदक जीता था। वहीं, वर्ष 1985 में राष्ट्रीय खेलों में उन्होंने जैवलीन थ्रो में रिकार्ड बनाया था। इसी साल उन्होंने इंडोनेशिया के जकार्ता में आयोजित एशियाई ट्रैक एंड फील्ड गेम्स में हिस्सा लिया। इसमें वह पांचवे स्थान पर रहे थे ।

सरनाम सिंह ने बताया गांव से उनके पलायन की कहानी इस साल 24 जून से शुरू हुई। गांव में रंजिश में उनके घर के पास रहने वाले जर्नादन सिंह की हत्या हो गई। इसमें हत्यारोप में उनके भतीजे पारथ काे भी नामजद कर दिया गया। भतीजा हत्यारोप में इस समय जेल में निरुद्ध है। जबकि उनका और उनके परिवार का इस विवाद से कोई लेना देना नहीं था। हत्या के बाद से गांव के दूसरे पक्ष के लोगों ने उनसे रंजिश मानना शुरू कर दिया। इसके चलते उन्हें उनके भाई समेत परिवार के अन्य लोगों को तीन महीने पहले गांव से पलायन को मजबूर होना पड़ा। वह आरोपित नहीं होते हुए भी दर-दर भटकने और रिश्तेदारी में रहने काे मजबूर हैं।

सरनाम सिंह का आरोप है कि उनकी अनुपस्थिति में गांव की पैतृक संपत्ति को लोगों द्वारा खुर्द बुर्द और नष्ट किया जा रहा है। उन्होंने जिन लोगाें को अपने खेत बटाई पर दे रखे थे। उन्हें भी खेती नहीं करने दी जा रही है । सरनाम सिंह ने पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों से अपनी संपत्ति खुर्द-बुर्द होने से बचाने की गुहार लगाई है।

कुल 35 मेडल जीत चुके हैं सरनाम सिंह

सरनाम सिंह अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय, मिलेट्री सर्विसेज की प्रतिस्पर्धाओं, अंतरराज्यीय प्रतिस्पर्धाओं में कुल 35 पदक जीत चुके हैं । इनमें वर्ष 1985 जकार्ता और 1989 में दिल्ली में आयोजित एशियाई ट्रैक एंड फील्ड गेम्स, वर्ष 1984 और 1989 में नेपाल और इस्लामाबाद में हुए साउथ एशिय फेडरेशन गेम्स शामिल हैं । इसके अलावा 1989 में उन्होंने जर्मनी में 45 दिन का विशेष प्रशिक्षण लिया ।

बार्डर पर दुश्मन से लड़ सकते हैं, अपने गांव के लोगों से नहीं

तीन महीने से रिश्तेदारी में रह रहे सरनाम सिंह की आंखें पैतृक गांव और मकान का नाम आते ही भर आती हैं । वह छूटते ही कहते हैं कि वह बार्डर दुश्मन से तो लड़ सकते हैं। मगर, अपने ही गांव के लोगों से नहीं लड़ सकते है। इसके बावजूद रंजिश के चलते उन्हें अपने गांव से दूर रहना पड़ा रहा है। उनके पीछे पैतृक मकान एवं संपत्ति को कुछ लोगों द्वारा खुर्द बुर्द किया जा रहा है। वह इसे बचाना चाहते हैं।

नहीं पता था यह दिन भी देखने पड़ेंगे

राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में करीब दो दर्जन पदक जीतने वाले सरनाम सिंह का कहना था कि उम्र के इस पड़ाव पर ये दिन भी देखने पड़ेंगे, उन्हें नहीं मालूम था । उन्हें अपने ही गांव से बेगानों की तरह पलायन करने को मजबूर होना पड़ेगा ।

अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी की संपत्ति खुर्द-बुर्द करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी ।

बबलू कुमार एसएसपी 


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