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Hallmarking on Gold: हालमार्किंग से खरी होगी सोने की चमक, मजबूत होगा ज्वेलर्स और ग्राहकों के बीच विश्वास का रिश्ता

Hallmarking on Gold सरकार ने 16 जून से सोने की ज्वेलरी पर अनिवार्य गोल्ड हालमार्किंग के नियम को लागू कर दिया। ज्वेलर्स सिर्फ हालमार्किंग वाली गोल्ड ज्वेलरी ही बेच पाएंगे। इससे ग्राहकों को नकली सोने या कम दाम के सोने के नाम पर होने वाली धोखाधड़ी से निजात मिल सकेगी।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sun, 20 Jun 2021 05:49 PM (IST)Updated: Sun, 20 Jun 2021 05:49 PM (IST)
Hallmarking on Gold: हालमार्किंग से खरी होगी सोने की चमक, मजबूत होगा ज्वेलर्स और ग्राहकों के बीच विश्वास का रिश्ता
ज्वेलर्स सिर्फ हालमार्किंग वाली गोल्ड ज्वेलरी ही बेच पाएंगे।

आगरा, गाैरव भारद्वाज। हालमार्किंग का नियम लागू होने के बाद सराफा कारोबारी और ग्राहक दाेनों ही खुश हैं। हालमार्किंग से ज्वेलर्स और ग्राहक के बीच विश्वास का रिश्ता और मजबूत होगा। ग्राहकों के लिए खरा सोना खरीदना अब आसान होगा। शुद्ध सोने के नाम पर ग्राहकों के साथ होने वाली धोखाधड़ी भी रुकेगी।

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सरकार ने 16 जून से सोने की ज्वेलरी पर अनिवार्य गोल्ड हालमार्किंग के नियम को लागू कर दिया है। यानी अब ज्वेलर्स सिर्फ हालमार्किंग वाली गोल्ड ज्वेलरी ही बेच पाएंगे। इससे ग्राहकों को नकली सोने या कम दाम के सोने के नाम पर होने वाली धोखाधड़ी से निजात मिल सकेगी। आगरा के सराफा कारोबारियों ने भी इस नियम का स्वागत किया है। उनका कहना है कि हालमार्किंग से ईमानदारी से काम करने वाले सराफ और ग्राहक के बीच विश्वास और बढे़गा। ग्राहक को भी वास्तविक कीमत के आभूषण मिल सकेंगे। आगरा में सराफा बाजार में करीब 450 सराफा हैं, जबकि शहर में करीब डेढ़ हजार ज्वेलर्स हैं।

दो हजार रुपये सस्ता हुआ सोना

सोने के कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी है। पिछले दो दिनों में सोने की कीमत में दो हजार रुपये प्रति 10 ग्राम की गिरावट आई है। शनिवार को हाजिर में सोने की कीमत 48500 रुपये 10 ग्राम रही। दो दिन पहले सोना साढे़ 50 हजार रुपये पहुंच गया था। सराफा कारोबारियों के अनुसार इस समय बाजार में सहालग की खरीदारी हो रही है। अनलाक के बाद बाजार में ग्राहक बढे़ हैं। सोने के दाम में थोड़ा बहुत उतार-चढ़ाव होता रहता है।

यह होती है हालमार्किंग

हालमार्किंग एक प्रकार से शुद्ध सोने का प्रमाण है। भारत में सोने के आभूषणों में हालमार्क की शुरुआत वर्ष 2000 से हुई। हालमार्क का निशान बताता है कि सोना अंतरराष्ट्रीय स्टैंडर्ड का है। हालमार्क भारत सरकार की गारंटी होती है। यह भारत सरकार की संस्था ब्यूराे आफ इंडियन स्टैंडर्ड यानि बीआईएस जारी करता है। इसके लिए 35 रुपये प्रति अाभूषण चार्ज लगता है, जिसका भुगतान ज्वेलर करता है। शहर में तीन हालमार्क केंद्र फुव्वारा और नमक की मंडी, सेब का बाजार में हैँ।

इन गहनों की होती है हालमार्किंग

14 जून 2018 को सरकार ने हालमार्किंग से जुड़ा नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके मुताबिक सोने की ज्वेलरी, सोने की सजावटी वस्तुओं, चांदी की ज्वेलरी और चांदी के सजावटी सामान पर होलमार्क जरूरी है।

ऐसे करें हालमार्क ज्वेलरी की पहचान

हालमार्क चिन्ह में तीन चीजें होंगी। बीआईएस (भारतीय मानक ब्यूरो) चिह्न एक त्रिकोण द्वारा दिखाया गया होगा। कैरेटेज और जौहरी का चिह्न और एएचसी हो। ग्राहक सुनार से उसका बीआइएस लाइसेंस दिखाने के लिए कह सकते हैं। सुनार द्वारा दी गई पर्ची और दुकान का पता एक ही होना चाहिए। अाभूषण खरीदते समय बिल का ब्रेकअप मांगें। ग्राहक बिल पर हालमार्किंग शुल्क को दर्शाने के लिए कह सकते हैं।

क्या बेकार हो जाएगा घर पर पड़ा सोना

हालमार्किंग के अनिवार्य होने के बाद क्या घर पर पड़ा सोना बेकार हो जाएगा? ऐसे ही सवाल से लोग घर में रखे सोने को लेकर चिंतित हो उठे हैं। सराफा कारोबारियों का कहना है कि सोने की हालमार्किंग का घर में रखे सोने पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। ग्राहक कभी भी चाहे पुरानी ज्‍वेलरी बेच सकेंगे। क्‍योंकि हालमार्किंग का नियम सुनार के लिए जरूरी है। वह अब बिना हालमार्क के सोना नहीं बेच सकेगा।

हालमार्किंग अनिवार्य करने से ईमानदारी से कारोबार करने वाले व्यापारियों को राहत मिली है। आगरा चौबे जी के फाटक में हमने सबसे पहले हालमार्किंग का रजिस्ट्रेशन कराया है। इससे सराफ और ग्राहक दोनों को फायदा है। ग्राहक के मन में भी सोने की शुद्धता को लेकर संशय नहीं रहेगा।

रिंकू बंसल, सराफा कारोबारी

हालमार्किंग को अनिवार्य करने की बहुत जरूरत थी। इससे ग्राहक पूरे विश्वास के साथ आभूषण खरीद सकेगा। हालमार्क से ग्राहक की जेब पर कोई अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा, बल्कि उनके मन का संशय खत्म होगा।

अनुराग बंसल, तनिष्क ज्वेलर्स

हालमार्किंग से ग्राहकों को लाभ होगा। मगर, इसके लिए उन्हें जागरूक रहना होगा। वहीं, सराफा कारोबारियों के नजरिए से इस नियम में अभी बहुत सुधार की जरूरत है। यूनिक आइडी लेने की प्रक्रिया को थोड़ा सरल करना होगा।

नितेश अग्रवाल, अध्यक्ष आगरा सराफा एसोसिएशन 


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