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National Pollution Control Day 2020: एयर एक्शन प्लान भी सिमटा कागजों तक, हर दिन बढ़ रहे आगरा में प्रदूषण के ये कारण

National Pollution Control Day 2020 ताजनगरी में कारगर नहीं हुए प्रदूषण नियंत्रण के उपाय। ताज ट्रेपेजियम जोन में होने के बावजूद हवा खराब और यमुना का बुरा हाल। कागजों से निकलकर हकीकत नहीं बन सका आगरा का एयर एक्शन प्लान।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 03:18 PM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 03:18 PM (IST)
National Pollution Control Day 2020: एयर एक्शन प्लान भी सिमटा कागजों तक, हर दिन बढ़ रहे आगरा में प्रदूषण के ये कारण
ताजनगरी में कारगर नहीं हुए प्रदूषण नियंत्रण के उपाय।

आगरा, जागरण संवाददाता। बुधवार को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस है। आगरा के वायु प्रदूषण की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र ताज ट्रेपेजियम जोन (टीटीजेड) में होने के बावजूद यहां प्रदूषण की रोकथाम को किए गए उपाय नाकाम साबित हुए हैं। वायु गुणवत्ता की स्थिति तो खराब है ही, यमुना का भी बुरा हाल है। एयर एक्शन प्लान कागजों से निकलकर हकीकत नहीं बन सका है। यमुना में सीवर का बदस्तूर जाना जारी है।

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सुप्रीम कोर्ट ने किया था आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने 30 दिसंबर, 1996 को ताजमहल की 50 किमी की परिधि में ताज ट्रेपेजियम जोन (टीटीजेड) बनाने का आदेश किया था। कोर्ट ने यहां प्रदूषणकारी उद्योगों की स्थापना पर रोक लगा दी थी। वर्तमान में यहां केवल ईको-फ्रेंडली और गैर-प्रदूषणकारी उद्योग ही लग सकते हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा तय की गई उद्योगों की कैटेगरी के अनुसार यहां केवल व्हाइट कैटेगरी के उद्योग लग सकते हैं।

स्थानीय कारण हैं अधिक जिम्मेदार

ताजनगरी में वायु प्रदूषण के लिए स्थानीय कारण अधिक जिम्मेदार हैं। सड़कों के किनारे पर उचित सफाई के अभाव में धूल कणों का एकत्र होना, कूड़ा-करकट जलना, स्मार्ट सिटी, हाईवे को सिक्स लेन करने, जल निगम द्वारा सीवर लाइन व गंगाजल की पाइप लाइन बिछाने में धूल उड़ने से रोकने के उचित उपाय नहीं किए जाने से यह स्थिति हो रही है। उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने स्मार्ट सिटी, एडीए और जल निगम में से प्रत्येक पर 31.12 लाख रुपये का जुर्माना पर्यावरण को क्षति पहुंचाने के मामले में की है।

कागजों में ही रह गया एयर एक्शन प्लान

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर आगरा का एयर एक्शन प्लान एक जून, 2019 को लांच किया गया था। प्लान लांच हुए डेढ़ वर्ष का समय बीत चुका है, लेकिन यह कागजों से निकलकर धरातल पर नहीं आ सका है। इसमें विभागों के लिए शार्ट, मिड व लांग टर्म लक्ष्य व कार्य निर्धारित किए गए थे, लेकिन किसी विभाग ने इस दिशा में अमल नहीं किया। जबकि इस प्लान को लांच करते समय पूरे प्रदेश के लिए माडल बनाने की बात तत्कालीन मुख्य सचिव अनूपचंद्र पांडेय ने कही थी।

यमुना में सीधे गिर रहे नाले

यमुना में 92 नाले यमुना में गिरते हैं। 31 नाले नगर निगम द्वारा टैप किए जा चुके हैं, जबकि 61 नाले यमुना में सीधे गिरते हैं। इनसे 400 एमएलडी पानी शोधन के बगैर यमुना में जा रहा है। इन नालों को अमृत योजना में टैप करने का प्रस्ताव है।

लाक डाउन में हुआ था सुधार

आगरा में वायु गुणवत्ता और यमुना की स्थिति में लाक डाउन के दौरान सुधार देखने को मिला था। ऐसा मानवीय व औद्योगिक गतिविधियों और वाहनों पर पाबंदी के चलते हुआ था। लाक डाउन खत्म होते ही वायु व जल प्रदूषण बढ़ गया। दीपावली पूर्व तो लगातार चार दिन तक आगरा की वायु गुणवत्ता खतरनाक स्थिति में पहुंच गई थी।

पिछले कुछ वर्षों में दो दिसंबर को एक्यूआइ की स्थिति

वर्ष, एक्यूआइ, स्थिति

2019, 76, संतोषजनक

2018, 323, बहुत खराब

2017, 190, मध्यम

2016, 405, खतरनाक

आगरा में संबंधित विभागों द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर अमल नहीं किया जा रहा। एयर एक्शन प्लान को लांच किया गया, लेकिन उसे लागू कराने पर ध्यान नहीं दिया गया। यमुना में सीधे गिरते नालों को रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

-डा. शरद गुप्ता, पर्यावरणविद 


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