एक पैग और मसूद के सिर पर एक हथगोला, जानिए दावा करने वाला कौन है ये बंदा
वाट्सएप फेसबुक और ट्विटर पर देशभर में छा गया सुभाष जैन का वीडियो। पीहू के निर्देशक विनोद कापड़ी का ट्वीट भी सुर्खियों में।
आगरा, प्रतीक गुप्ता। एक टॉर्च, एक दूरबीन और हेलीकॉप्टर। देसी दारू के 12 पौवे और हथगोले। इन के दम पर पाकिस्तान जाकर आतंकी सरगना अजहर मसूद से लेकर तमाम आतंकियों को नेस्तनाबूद करने का दंभ। वापसी में घर की छत पर हेलीकॉप्टर लैंड...दैट्स ऑल। मां दुर्गा की शक्ति साथ होने का दावा कर पीएम मोदी तक संदेश पहुंचाने की अपील करने वाले इस शख्स का वीडियो इस समय सोशल मीडिया पर सुर्खियों में है। क्या वाट्सएप, क्या फेसबुक और ट्विटर। हर जगह इस शख्स की चर्चा हो रही है। यहां तक कि पीहू फिल्म के निर्देशक विनोद कापड़ी ने वीडियो के साथ ट्वीट किया तो उस पर भी कमेंट्स की बौछार होने लगी। आइए जानते हैं कि कौन है ये शख्स, जो रातों-रात देशभर में लोकप्रिय हो गया।
फटे पुराने से कपड़े, उस पर पैबंद लगा आर्मी का पुराना कोट। सिर पर टोपी। जन्मजात होठ कटा हुआ। सफेद दाढ़ी और चमकती बड़ी आंखें। बोलने पर आए तो एकदम फर्राटा। क्या हिंदी और क्या अंग्रेजी, दोनों भाषाओं का भरपूर ज्ञाता। लबादा गंदा है और मुंह से हर वक्त आती देसी मदिरा की महक। पहली नजर पड़े तो कोई पास ठहरना तो दूर देखना भी पसंद न करे।
आगरा शहर का कोई कोना ऐसा नहीं, जहां लोग इसे जानते न हों। ये व्यक्ति हैं बल्केश्वर निवासी सुभाष जैन। मुहल्ले के चौराहे पर अंडे की ठेल लगाते-लगाते नगर निगम में वर्ष 1989 में पार्षद निर्वाचित हो चुके हैं और समाजवादी पार्टी के झंडाबरदार। बरसों से यही वेशभूषा चली आ रही है। जो लोग जानते हैं, वे इसके गुजरने पर बुलाकर पास बिठाते हैं और चटखारे लेकर बात भी करते हैं।
ऐसा पार्षद, जो खुद करता था नाली सफाई
सुभाष जैन जब पार्षद थे तो क्षेत्र के लोग खुश थे। कारण ये था कि सफाई कर्मचारी न आएं तो पार्षद के तौर पर वे खुद ही फावड़ा और झाड़ू लेकर नाली साफ करने कूद पड़ते थे। किसी का कोई काम अटका तो खुद एप्लीकेशन लिखने बैठ गए और उसके साथ संबंधित दफ्तर पहुंच गए।
फर्राटेदार अंग्रेजी और समसामयिक ज्ञान
ये व्यक्ति हिंदी के साथ अंग्रेजी का भी बहुत अच्छा जानकार है। राष्ट्रीय स्तर के तमाम अंग्रेजी समाचार पत्र और किताबें पढऩा भी इनका एक शौक रहा है। क्षेत्र के बच्चों को किसी जमाने में अंग्रेजी का ट्यूशन भी देते थे। साथ ही सम-सामयिक विषय की भी गहरी जानकारी बांटते रहे। खासियत कहें या कमी, कोई काम टिक कर न किया। ट्यूशन पढ़ाना छोड़ा तो अंडे की ठेल लगा ली। ठेल छोड़ी तो आमलेट में डालने के लिए मसाला बनाने लगे। इस तरह तमाम धंधे बदल डाले।
कोई भी जनसभा ऐसी नहीं, जहां न हों जैन
आगरा में किसी भी राजनेता की सभा हो या कोई बड़ी घटना-दुर्घटना। इनको वहां पहुंचना और शाम को अखबारों के दफ्तर में उस पर अपना बयान भी देना। वाहन के तौर पर साइकिल, उसके आगे टंगी कंडी में एक रेडियो, कुछ कागज और कुछ अखबार। आकाशवाणी पर खबरें सुनना पसंद रहा। मसला चाहे राष्ट्रीय हो या अंतरराष्ट्रीय, सुभाष जैन तुरंत अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बयान जारी करने में पारंगत रहे।
होम्योपैथी की चलती-फिरती दुकान
किताब पढऩे के शौकीन सुभाष जैन के हाथ एक दिन होम्योपैथी के जनक डा. हैनीमैन की किताब लग गई। उस किताब का इतना गहन अध्ययन कर लिया कि दवाइयां साथ लेकर साइकिल पर चलने लगे। जो रास्ते में मिला, उसका मर्ज समझ अटैची से दवाई निकालकर थमा दी। लोगों का कहना है कि इनकी दवाई भी कारगर रही है।
'फाइटर' का दीवाना, अब बहलाता लोगों का मन
मदिरापान के काफी अरसे से शौकीन चले आ रहे सुभाष जैन देसी मदिरा ब्रांड 'फाइटर' के दीवाने हैं। मदिरा के आगे समय और पैमाना तय नहीं। अब अपना दायरा सीमित करते हुए आगरा में भगवान टॉकीज के पास स्थित एक ढाबे पर रात्रिकालीन सेवा दे रहे हैं। मदिरा का सेवन करने के बाद ढाबे पर आने वाले लोगों का मनोरंजन भी करते हैं। कभी कविता, कभी कोई किस्सा, कभी राजनीति पर चर्चा तो कभी कोई और विषय। जो वीडियो इस समय वायरल हो रहा है, वह भी ढाबे पर आए ग्राहकों द्वारा ही बनाया गया है। तब उन्हें भी अनुमान नहीं रहा होगा कि यह वीडियो सुभाष जैन को राष्ट्रीय फलक पर ले जाएगा।