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Navratra 2020: एक पर्वत जहां श्रीकृष्ण संग विराजित हैं नवशक्तियां, एक बार दर्शन करें जरूर

Navratra 2020 राधारानी और उनकी आठ सखियां वह शक्तियां हैं जिनके बिना श्रीकृष्ण के पराक्रम और लीलाओं की कल्पना अधूरी ही रह जाएगी। अष्टसखी ललिता विशाखा चित्रा इंदुलेखा चपंकलता रंग देवी सुदेवी तुंगविद्या के बिना राधारानी की कल्पना भी कृष्ण सी अधूरी है।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 02:45 PM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 02:45 PM (IST)
Navratra 2020: एक पर्वत जहां श्रीकृष्ण संग विराजित हैं नवशक्तियां, एक बार दर्शन करें जरूर
ब्रह्मांचल पर्वत के किनारे बसे बरसाना की संरचना अष्टदल कमल सी बताई गई है।

आगरा, जागरण संवाददाता। ब्रह्मांचल पर्वत के किनारे बसे बरसाना की संरचना अष्टदल कमल सी बताई गई है। इसके केंद्र में पर्वत पर बने लाड़िली महल में ब्रज की महारानी राधारानी विराजमान हैं। आठ गांव उनको घेरे हैं, जिनमें उनकी आठ सखियां विराजमान हैं। राधारानी और उनकी आठ सखियां वह शक्तियां हैं, जिनके बिना श्रीकृष्ण के पराक्रम और लीलाओं की कल्पना अधूरी ही रह जाएगी। अष्टसखी ललिता, विशाखा, चित्रा, इंदुलेखा, चपंकलता, रंग देवी, सुदेवी, तुंगविद्या के बिना राधारानी की कल्पना भी कृष्ण सी अधूरी है।

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ये हैं नवशक्तियां

राधारानी: आठ शक्तियों के साथ विराजमान हैं ब्रज की अधिष्ठात्री देवी राधारानी। बरसाना में राधारानी का विशाल मंदिर है।

ललिता सखी: ललिता जी ऊंचागांव में विराजमान हैं। मोरपंख की नीली साड़ी पहनती हैं। प्रिया-प्रियतम को पान खिलाती रहती हैं। वन विहार नौका विहार की सेवा भी इनके हिस्से में आती है।

विशाखा सखी: विशाखा सखी कमई गांव में निवास करती हैं। ये भीनी भीनी सुगंधित चीजों से बने चदंन का लेप करती है तथा चदंन लगाती है।

चित्रा सखी: चित्रा सखी चिकसौली गांव में रहती हैं, इन्हें पीली साडी़ पहनना अधिक प्रिय है। राधारानी को फल शर्बत की सेवा चित्रा सखी के हिस्से में हैं।

इंदुलेखा सखी: इदुंलेखा आजनौंख स्थित मंदिर में भक्तों को दर्शन दे रही हैं। राधारानी का गजरा बनाती हैं तथा प्रिया-प्रियतम को प्रेम कहानी सुनाती है।

चंपकलता सखी: चंपकलता करहला गांव में विराजमान हैं। प्रिया-प्रियतम के लिए भोजन की सेवा का सौभाग्य इन्हें प्राप्त हैं।

रंगदेवी सखी: रंगदेवी रांकोली गांव में रहती हैं। राधारानी की वेणी (चोटी) गूंथना और श्रृंगार करना तथा उनके नैनो में काजल लगाना इनकी सेवा में शुमार है।

तुंगविधा सखी: तुंगविधा सखी डभाला गांव में निवास करती हैं। युगल स्वरूप में विराजमान राधा कृष्ण के दरबार में नृत्य के साथ मधुर स्वरों से दोनों को रिझाना इनकी सेवा में शुमार है।

सुदेवी सखी: सुनहरा गांव में निवास करने वाली सुदेवी राधारानी के नैनों मे काजल लगाती हैं ।  


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