Ahoi Ashtmi: इस कुंड से मिलता है संतान प्राप्ति का वरदान, आधी रात को होगा यहां स्नान Agra News
गोवधर्नन परिक्रमा मार्ग पर स्थित है राधा कुंड। निसंतान दंपती का समूह आज रात श्रद्धा की डुबकी लगाएगा।
आगरा, रसिक शर्मा। वरदान के समंदर में विश्वास की लहरें, सूनी गोद भरने को करुण पुकार, आस्था के सागर में फैला ममता का आंचल। अहोई अष्टमी पर चिकित्सा से निराश दंपती संतान सुख की चाहत में राधाकुंड में जल स्वरूपा राधारानी से कुछ ऐसी ही अरदास करेंगे। कुछ ऐसे भी होंगे, जो राधारानी से अपनी गोद भरने का धन्यवाद देने पहुंचेंगे।
श्रीकृष्ण की क्रीड़ास्थली गोवर्धन ऐसे ही चमत्कारिक प्रसंगों से सराबोर है। सूने आंगन में किलकारी गूंजने की उम्मीद जब नहीं होती, तो ऐसे में हजारों निराश दंपती यहां पहुंचते हैं, जो दिलों में वेदना लेकर आस्था के सागर में गोते लगाते हैं। निसंतान दंपती का समूह गोवर्धन परिक्रमा मार्ग के राधाकुंड में अहोई अष्टमी की रात श्रद्धा की डुबकी लगाएगा। बहुत से लोगों के आंगन में इस डुबकी के बाद किलकारी गूंज चुकी हैं। मान्यता है कि अहोई अष्टमी पर राधाकुंड में डुबकी लगाने से संतान की प्राप्ति होती है। इस बार मुख्य स्नान 21 अक्टूबर की आधी रात होगा। दिल में श्रद्धा का दीप जला और सूनी गोद का हवाला देकर दंपती जल स्वरूपा राधारानी के दरबार में संतान प्राप्ति को अपना आंचल फैलाएंगे। देश ही नहीं अपितु सात समंदर पार से विदेशी भक्त भी अपनी फरियाद लेकर पहुंचते हैं।
ऐसी है मान्यता
धार्मिक मान्यता है कि अहोई अष्टमी पर राधाकुंड में रात बारह बजे सभी देव और तीर्थ वास करते हैं। इन पलों में स्नान करने से दंपती को संतान की प्राप्ति होती है। स्नान के बाद यहां एक फल त्यागने का विधान है। संतान प्राप्ति तक ये फल वो दंपती छूते नहीं हैं। यदि संतान प्राप्ति हो जाती है, तो यहां आकर फिर स्नान किया जाता है। कुछ लोग इसके बाद त्यागा हुआ फल खाना शुरू करते हैं, तो कुछ पूरी जिंदगी नहीं खाते हैं।
ठहर जाता है सौंदर्य
राधाकुंड में आयोजित मेले को लेकर प्रशासन ने कमर कस ली है। इसके लिए रंग-बिरंगी लाइट से सजा राधाकुंड परिसर, रात में दिन का एहसास कराती हाईमास्क लाइट, राधानाम की गूंजते गीत राधाकुंड के वातावरण को अलौकिक बना देते हैं। कुंड के बीचों-बीच आशीष देती राधारानी की मूर्ति। ऐसे में पूरा भरोसा होता है कि कोई श्रद्धालु निराश नहीं लौटेगा।