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Viral Attack: मौसम की मार न कर दे बीमार, अपनाएं घरेलू उपचार Agra News

होम्‍योपैथिक एवं आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ एनके सिन्‍हा ने बताया वायरल बुखार का घरेलू इलाज। लक्षणों को पहचान कर रसोई की दवा का करें प्रयोग।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sat, 07 Sep 2019 04:59 PM (IST)Updated: Sat, 07 Sep 2019 07:46 PM (IST)
Viral Attack: मौसम की मार न कर दे बीमार, अपनाएं घरेलू उपचार Agra News
Viral Attack: मौसम की मार न कर दे बीमार, अपनाएं घरेलू उपचार Agra News

आगरा, तनु गुप्‍ता। तेज धूप, परेशान करने वाली उमस और फिर अगले ही पल बारिश। मौसम के इन विविध रूपों ने सेहत की हालत खस्‍ता कर रखी है। वायरल का हमला घर- घर में हो रहा है। अस्‍पतालों की ओपीडी में लंबी लाइनें लगी हैं तो घरों में चारपाइयां पड़ी हुई हैं। एलोपैथिक दवाओं के सेवन से फायदे के साथ नुकसान भी हो रहा है। होम्‍योपैथी एवं आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ एनके सिन्‍हा के अनुसार हर बीमारी का समाधान हमारे देशी इलाज में है। विशेषकर वायरल का सौ फीसद इलाज घर की रसोई में ही छुपा हुआ है। बस जरूरत सही ज्ञान की है। डॉ सिन्‍हा कहते हैं वायरल बुखार हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देता है। जिसकी वजह से शरीर में इंफेक्शन बहुत तेजी से बढ़ता है। तेज बुखार एवं अन्‍य परेशानी होने पर लोग अंग्रेजी दवाओं का सेवन कर लेते हैं, जबकि ये दवाएं आरंभिक उपचार मात्र हैं और इनके साइड इफेक्‍ट बहुत अधिक हैं। ये ध्‍यान रखना चाहिए कि वायरल के संक्रमण बहुत तेजी से एक इंसान से दूसरे इंसान तक पहुंच जाता है। इसलिए इसका इलाज जड़ से होना चाहिए।

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डॉ एनके सिन्‍हा

पहचानें लक्षण

डॉ एनके सिन्‍हा के अनुसार वायरल की चपेट में आने पर व्‍यक्ति को गले में दर्द, खांसी, सिर दर्द थकान, जोड़ों में दर्द के साथ ही उल्टी और दस्त होना, आंखों का लाल होना और माथे का बहुत तेज गर्म होना जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं।

रसोई में है उपचार का खजाना

हल्दी और सौंठ का पाउडर

अदरक में एंटी आक्सिडेंट गुण बुखार को ठीक करते हैं। एक चम्मच काली मिर्च का चूर्ण, एक छोटी चम्मच हल्दी का चूर्ण और एक चम्मच सौंठ यानी अदरक के पाउडर को एक कप पानी और हल्की सी चीनी डालकर गर्म कर लें। जब यह पानी उबलने के बाद आधा रह जाए तो इसे ठंडा करके पिएं। इससे वायरल फीवर से आराम मिलता है।

तुलसी का इस्तेमाल

तुलसी में एंटीबायोटिक गुण होते हैं जिससे शरीर के अंदर के वायरस खत्म होते हैं। एक चम्मच लौंग के चूर्ण और दस से पंद्रह तुलसी के ताजे पत्तों को एक लीटर पानी में डालकर इतना उबालें जब तक यह सूखकर आधा न रह जाए। इसके बाद इसे छानें और ठंडा करके हर एक घंटे में पिएं। आपको वायरल से जल्द ही आराम मिलेगा.

धनिया की चाय

धनिया सेहत का धनी होता है इसलिए यह वायरल बुखार जैसे कई रोगों को खत्म करता है। वायरल के बुखार को खत्म करने के लिए धनिया चाय बहुत ही असरदार औषधि का काम करती है।

मेथी का पानी

मेथी के दानों को एक कप में भरकर इसे रात भर के लिए भिगों लें और सुबह के समय इसे छानकर हर एक घंटे में पिएं। जल्द ही आराम मिलेगा।

नींबू और शहद

नींबू का रस और शहद भी वायरल फीवर के असर को कम करते हैं। आप शहद और नींबू का रस का सेवन भी कर सकते हैं।

तुलसी हैं बुखार का आयुर्वेदिक इलाज

डॉ सिन्‍हा के अनुसार तुलसी में बुखार का बेहम उम्‍दा इलाज है। 16 तुलसी के पत्ते, इलाइची, लौंग और कालीमिर्च इन तीनो को 4 की मात्रा में लें, थोड़ा सा गुड़, 11 ग्राम अदरक भी लें और आखिर में 450 ग्राम पानी ले लें। इन सभी सामग्री को लेने के बाद आप सबसे पहले एक बर्तन में बताई गई मात्रा में पानी डालकर आग पर उबालना शुरू करे। जब पानी उबलना शुरू होने लगे तो इसमें कालीमिर्च, लौंग, अदरक, गुड़ इन सभी को बारीक़ पीसकर डाल दें। इन सभी को डालने के बाद एक- दो मिनट रुके और फिर तुलसी के पत्तों को इस पानी में डाल दें। अब सभी सामग्री डाली जा चुकी हैं। जब यह पानी उबलकर आधा रह जाए तब इसे गैस पर से उतार लें और ठंडा होने का इंतजार करे। इसे आप रोजाना रात को सोने से पहले प्रयोग में लाएं। इसका सेवन करने के बाद आप पानी न पिएं व खुली हवा में भी न जाएं।

गिलोय है हर मर्ज की औषधि

डॉ सिन्‍हा कहते हैं कि पान के पत्‍तों की तरह दिखने वाले गिलोय के पत्‍ते एक तरह की बेल है। गिलोय के सेवन से हमारी रो प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। शरीर बीमारियां से बचा रहता है। आयुर्वेद में तो गिलोय को बुखार की एक महान औषधि के रूप में माना गया है। पान के आकार के होने के कारण गिलोय की पत्तियों को आसानी से पहचाना जा सकता है। गिलोय को चिकनगुनिया, डेंगू या नॉर्मल सभी तरह के बुखार की रामबाण औषधि माना जाता है।

बचाव है सबसे बेहरत विकल्‍प

डॉ सिन्‍हा कहते हैं कि बचाव ही सबसे बेहतर विकल्‍प है। यदि मौसम बदलने के साथ ही कुछ सावधानियां अपना ली जाएं तो वायरल के संक्रमण से आसानी से बचा जा सकता है।

- खुद को बारिश में भीगने से बचाइए।

- यदि बारिश में भीग जाएं तो उसके बाद घर में जरूर नहाए।

- रात को सोने से पहले हल्दी वाले दूध का सेवन करें।

- गरम पानी के गरारे करें, ताकी आराम मिले।

- बाहर का खाना खाने में परहेज करें।

- सब्जियों को पकाने से पहले नमक के गर्म पानी से धोएं।

- गीले कपड़ों और गीले बालों के साथ एसी रूम में घुसने से बचें।

- साफ सफाई का पूरा ध्यान रखें।

- घर में मच्छर हैं तो पेस्ट स्प्रे अपनाएं।

- फ्लोर पर एंटी बेक्टेरियल लिक्विड छिड़कने के बाद पोछा लगाएं।

- छिलके वाले फल जहां तक हो सके ना खाएं, वही फल खाएं जनका छिलका उतर सकता है ।

- सबसे ज्यादा संक्रमण के मामले दूषित पानी और खानपान के कारण होते हैं। इसलिए भोजन ताजा और गर्म खाएं।

- पानी को उबालकर ठंडा करें फिर पीएं।

- बारिश के बाद डेंगू फैलने की आशंका भी रहती है, जिसके लक्षण बुखार के रूप में दिखते हैं इसलिए गंदे पानी से दूर रहें।

- घर या आसपास ठहरा हुआ पानी है तो हटाएं या उसमें केरोसिन की कुछ बूंदें डालें इससे मच्छरों की बढ़ोतरी पर रोक लगेगी।


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