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नववर्ष की पहली सुबह बोलें यह मंत्र..होगा भाग्योदय, पढ़ें क्‍या रहेगा ग्रहों का प्रभाव Agra News

अंग्रेजी कलेंडर के नववर्ष का प्रवेश शतभिषा नक्षत्र एवं कन्या लग्न के दुर्लभ योग के साथ होगा।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Tue, 31 Dec 2019 03:26 PM (IST)Updated: Tue, 31 Dec 2019 06:37 PM (IST)
नववर्ष की पहली सुबह बोलें यह मंत्र..होगा भाग्योदय, पढ़ें क्‍या रहेगा ग्रहों का प्रभाव Agra News
नववर्ष की पहली सुबह बोलें यह मंत्र..होगा भाग्योदय, पढ़ें क्‍या रहेगा ग्रहों का प्रभाव Agra News

आगरा, तनु गुप्‍ता। नव शिखर मिलें, सुर प्रखर मिलें, मन लहर मिलें इस वर्ष। नवगान मिलेें, सम्‍मान मिले, पल मुखर मिले इस वर्ष...एक माह सेे दूसरे माह में जाने भर का प्रवेश मात्र नहीं है एक जनवरी। यह यह तिथि संग अपने लेकर आती है नई उम्‍मीेदें, नई उमंगें। 2020 की एक जनवरी भी अपने साथ नई अाशाओं का सवेरा लेकर आती है। बेशक ग्रहों की चाल भी नये वर्ष बनती और बिगड़ती है। इस बाबत धर्म वैज्ञानिक पंडित वैभव जोशी से जागरण डॉट कॉम ने बात की और पाठकों के लिए नववर्ष पर शुभता के उपाय और विभिन्‍न राशियों की ग्रह दशा के बारे में जाना।

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पंडित वैभव जोशी के अनुसार सूर्य प्राण शक्ति देने वाले देवता हैं। हिन्दू धर्म के पंचदेवों सूर्य, शिव, शक्ति, श्री गणेश, विष्णु में सूर्य ही ऐसे देवता माने जाते हैं, जो हर दिन हर प्राणी और प्रकृति जगत की क्रियाओं और कार्य के साक्षी हैं। धार्मिक मान्यताओं में सूर्य बल, यश, निरोगी जीवन के साथ सौंदर्य देने वाले देवता भी हैं। इस कारण शक्ति और स्वास्थ्य के लिए हर रोज भी सूर्य उपासना का महत्व बताया गया है। इस तरह जीवन में वास्तविक सुंदरता यानी चेहरे के साथ सुंदर मन पाने के लिए भी सूर्य उपासना शुभ मानी गई है, क्योंकि निरोगी तन, मन ही आत्मविश्वास बढ़ाकर कामयाबी तय करता है। नववर्ष की भोर में सूर्य उपासना करने से विशेष ऊर्जा का संचार होता है। सूर्य उपासना का मंत्र है-

ॐ जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महाद्युतिम।

तमो रि सर्वपषपघ्नं सूर्यमषवषह्याम्यहम।

ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:।।

ॐ ह्रीं घृणि सूर्य आदित्य श्रीं ओम्।

ॐ आदित्याय विद्महे मार्तण्डाय धीमहि तन्न सूर्य: प्रचोदयात्।

राशि के अनुसार करें वर्ष के पहले दिन उपासना

कहा जाता है कि राशि अनुसार देवता की पूजा करने से परेशानियां दूर होने के साथ-साथ ग्रह दोष से भी मुक्ति मिलती है। मान्यता अनुसार अपनी जन्म तारीख और राशि के स्वामी गृह की पूजा करने से मनचाही सफलता हासिल होती है। वर्ष की शुरुआत राशि के अनुसार देवता की पूजा करने से सालभर शुभता प्राप्‍त होती है।

मेष- इस राशि का स्वामी गृह मंगल है। इसलिए इस राशि के जातकों को नए साल की शुरुआत भगवान शिव की पूजा करके करनी चाहिए।

वृष- शुक्र आपकी राशि का स्वामी है। ये ग्रह वैभता का प्रतीक होता है। इस ग्रह को मजबूत करने के लिए आप नव वर्ष की शुरुआत माता लक्ष्मी की पूजा करके कर सकते हैं।

मिथुन- इस राशि के स्वामी ग्रह बुध हैं और बुध के देवता श्रीमननारायण माने जाते हैं। इसलिए आपको अच्छे भाग्य के लिए श्रीमननारायण की पूजा करनी चाहिए।

कर्क- इस राशि के मालिक चंद्रमा है और देवी गौरी चंद्रमा की देवी हैं। अगर आप अपने नए साल की शुरुआत माता गौरी की पूजा करके करेंगे तो आपकी इच्छाओं की पूर्ति हो जायेगी।

सिंह- इस राशि का स्वामी ग्रह सूर्य है और देवता शिव हैं। अगर आप अपने किसी भी काम या फिर नए साल की शुरुआत शिवजी की अराधना से करेंगे तो आपको अपने सभी कार्यों में सफलता हासिल होगी।

कन्या- आपकी राशि का ग्रह बुध है और भगवान श्रीमननारायण बुध ग्रह के स्वामी माने जाते हैं। इसलिए आपको अपने सौभाग्य में वृद्धि के लिए नए साल के पहले दिन श्रीमननारायण का ध्यान करना चाहिए।

तुला- इस राशि का स्वामी शुक्र और शुक्र ग्रह की स्वामी देवी लक्ष्मी है। अगर आप देवी लक्ष्मी की पूजा करेंगे तो आपको धन धान्य की कभी कमी नहीं होगी।

वृश्चिक- आपकी राशि का मालिक ग्रह मंगल है। मंगल को मजबूत करने और नए साल को उन्नत बनाने के लिए आपको शिव की अराधना करनी चाहिए।

धनु- इस राशि का स्वामी बृहस्पति है। देवगुरु बृहस्पति के स्वामी श्री दक्षिणामूर्ती हैं जिन्हें भगवान शिव का अवतार माना जाता है। इनकी पूजा से ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति होती है।

मकर- इस राशि का स्वामी ग्रह शनि होता है। शनि देव भगवान शिव की पूजा से प्रसन्न हो जाते हैं। इसलिए सुख समृद्धि के लिए भगवान शिव की उपासना करें।

कुंभ- इस राशि के स्वामी भी भगवान शनि देव हैं। आपके लिए भगवान शिव और श्री कृष्ण की उपासना करना सबसे लाभकारी साबित होगा

मीन- इस राशि का स्वामी बृहस्पति है। वृहस्पति के स्वामी “श्री दक्षिणमूर्ती” हैं इसलिए मीन राशि वालों को “श्री दक्षिणमूर्ती” की पूजा अर्चना करनी चाहिए। भगवान गणेश की पूजा से भी आप अपने नए साल की शुरुआत कर सकते हैं।

नव वर्ष 2020 के ग्रहों के प्रभाव

पंडित वैभव के अनुसार नववर्ष का प्रवेश शतभिषा नक्षत्र एवं कन्या लग्न में होगा। अंग्रेजी वर्ष 2020 दुर्लभ संयोग के साथ आ रहा है। इस बार 1 जनवरी को अंग्रेजी नववर्ष 2020 की शुरुआत बुधवार के दिन हो रही है। 2020 में सनातन हिन्दू नव वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा गुड़ी पड़वा भी बुधवार के दिन शुरू होगा। साल में 63 बुधवार रहेंगे, इनमें अधिकांश बुधवार रवि को सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग रहेगा। साल में आने वाले प्रमुख व्रत व त्योहार भी बुधवार के दिन आ रहे हैं। वर्ष की अंक गणना से भी यह साल उन्नति व प्रगति देने वाला रहेगा। इस बार नववर्ष 2020 का आरंभ शतभिषा नक्षत्र से आरम्भ हो रहा है जो राहु का नक्षत्र है। यह नक्षत्र 1 जनवरी 2020 को प्रातः 01 बजकर 28 मिनट तक है इसके उपरांत बृहस्पति का नक्षत्र पूर्वा भाद्रपद होगा जिसे नववर्ष का सूर्योदय होगा अर्थात 2020 का सूर्योदय बृहस्पति के नक्षत्र में होगा जो की देश दुनिया, व्यापारी वर्ग और नौकरी वर्ग के लोगों के लिए अत्यंत कल्याणकारी होगा।

वर्ष 2020 आरंभ के समय कन्या लग्न रहेगा, इस लग्न का स्वामी भी बुध है। साथ ही ग्रह गोचर में पांच ग्रह क्रमश: सूर्य, बुध, गुरु, केतु व शनि का धनु राशि पर होना तथा बुध व गुरु का केंद्र योग बनाते हुए वर्गोत्तम होना इस बात की साक्षी है कि नए साल में भारतीय जीवन में व्यवसायिकता एवं आध्यात्मिकता का प्रभाव रहेगा। वर्ष 2020 का नवांश भी बुध व गुरु की श्रेष्ठ स्थिति बता रहा है।

रहेगा शुक्र का प्रभुत्व

1-1-2020 का पूर्णांक 6 आता है। अंकशास्त्र की गणना से देखें तो 6 अंक पर शुक्र का प्रभुत्व रहता है। नवग्रहों में शुक्र सौंदर्य, समृद्धि, ऐश्वर्य, मनोरंजन, सफलता तथा नवाचार का कारक ग्रह माना जाता है। इस दृष्टि से वर्ष 2020 हर्षल के साथ शुक्र कारक ग्रह साबित होगा। नया साल आंतरिक्ष विज्ञान, वैश्वीकरण, सोलर एनर्जी, योग साधना, प्राचीन विद्या, प्रागेतिहासिक सिद्धांत शैली को अपनानेे वाला रहेगा।

नवसंवत्‍सर और नया साल एक ही दिन

इस बार अंग्रेजी के नए साल 2020 की शुरुआत और 25 मार्च 2020 से शुरू होने वाला भारतीय नवसंवत्सर विक्रम संवत 2077 दोनों ही बुधवार के दिन से होगी। ज्योतिष के अनुसार नये साल 2020 में पूरे वर्ष पर बुधदेव का अधिपत्य रहेगा। मंत्रिमंडल में इस बार राजा बुध और मंत्री चंद्रमा रहेंगे। साल 2020 में मंत्रिमंडल के राजा बुध कन्या राशि का स्वामी है। अंग्रेजी नव वर्ष का शुभारंभ कन्या लग्न में ही होगा। अंक ज्योतिष के अनुसार अंग्रेजी नव वर्ष 1/1/2020 का कुल योग भी 6 है। वर्ष 2020 में बुध के राजा होने से पूरे वर्ष धर्म और अध्यात्म का बोलबाला रहने वाला है। इस बार नया साल 2020 का आगमन रवि और सिद्धि योग में होने से वर्ष 2020 शुभ रहेगा। 25 मार्च 2020 को विक्रम नवसंवत्सर 2077 का शुभारंभ बुधवार को होगा। बुध का संबंध उन्नति और संपन्नता से होता है। इससे पहले बुधवार के दिन नए वर्ष का शुभारंभ 2014 में भी हुआ। जो इस बार फिर से 2020 में ऐसा संयोग बन रहा है।

कन्या लग्न में साल शुरू होने से इस राशि के लोगों के लिए यह साल बेहतरीन बीतेगा। साल 2020 पर बुध का अधिपत्य रहने से खासतौर पर महिलाओं के लिए शुभ साल रहेगा।

वर्ष में होगा बुधवार विशेष

- 01 जनवरी 2020 वर्ष का आरंभ

-8 जनवरी बुधवार प्रदोष सर्वार्थसिद्धि योग

-15 जनवरी बुधवार मकर संक्रांति

-22 जनवरी बुधवार प्रदोष सर्वार्थसिद्धि योग

-05 फरवरी बुधवार जया एकादशी सर्वार्थसिद्धि योग

-12 फरवरी बुधवार संकष्टी चर्तुथी सर्वार्थसिद्धि योग

-19 फरवरी बुधवार आंवला एकादशी

-18 मार्च बुधवार दशा माता का पूजन

-25 मार्च बुधवार नवचंद्र संवत्सर का आरंभ गुड़ी पड़वा

-01 अप्रैल बुधवार चैत्र नवरात्र की महाअष्टमी

-08 अप्रैल बुधवार हनुमान जयंती

-22 अप्रैल बुधवार वैशाख अमावस्या

-29 अप्रैल बुधवार रामानुजाचार्य जयंती

-06 मई बुधवार नृसिंह जयंती

-17 जून बुधवार योगिनी एकादशी

-01 जुलाई बुधवार देव शयनी एकादशी

-12 अगस्त बुधवार जन्माष्टमी

-04 नवंबर बुधवार करवा चौथ

-25 नवंबर बुधवार देव प्रबोधिनी एकादशी 


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