Fathers days Special: भारतीय सेना में अधिकारी बनेगी आगरा की बेटी, पिता का अधूरा सपना भी पूरा
Fathers days Special आगरा कॉलेज की छात्रा रिचा पाराशर का चयन प्रतिष्ठित ऑफीसर्स ट्रेनिंग अकादमी चेन्नई के लिए हो गया है।
आगरा, तनु गुप्ता। फादर्स डे से ठीक चार दिन पहले एक बेटी ने अपने पिता का सपना जब पूरा किया तो उसे खुद भी विश्वास नहीं हुआ। यकीनन ये उसके साथ उसके परिवार के लिए बड़ी उपलब्धि है तो वहीं उसके दिवंगत पिता को एक बेटी की ओर से दिया गया आभार है। जी हां, कोरोना वायरस की महामारी के संकट के बीच ताजनगरी के लिए एक खुशी की खबर आई है। शहर की एक बेटी ने न सिर्फ अपने कॉलेज का बल्कि पूरी ताजनगरी का नाम रोशन किया है। आगरा कॉलेज की छात्रा रिचा पाराशर का चयन प्रतिष्ठित ऑफीसर्स ट्रेनिंग अकादमी, चेन्नई के लिए हो गया है। यहां से प्रशिक्षण के बाद वे भारतीय सेना में अधिकारी के रूप में शामिल होकर देश की सेवा करेंगी। इसमें गौर करने वाली बात ये है इसमें देश की केवल पांच महिला अधिकारी ही चयनित हुई हैं। रिचा के पिता स्वर्गीय ब्रजेश पाराशर पुलिस विभाग में कार्यरत थे। उनका निधन ड्यूटी के दौरान हुआ था।
देश सेवा का जुनून रिचा को विरासत में ही मिला है। बृजेश पाराशर ने पुलिस में विभाग में कार्यरत और ड्यूटी करते हुए ही जिन्होंने प्राण त्यागे ऐसे पिता की बेटी बचपन से ही जुझारू और जुनूनी रही। महज 12 वर्ष की उम्र में जिस मासूम बच्ची के सिर से पिता का साया उठ गया हो, उसके सपने जिंदा रहे और उन सपनों को उसने पूरा भी कर दिखाया। आज रिचा ताजनगरी की बेटियों के लिए मिसाल बन चुकी हैं। जिस ओहदे के लिए देश की बेटियां प्रयासरत रहती हैं उस पद को हासिल करने में रिचा बहुत आगे बढ़ चुकी है।
कर्मयोगी, कमला नगर निवासी आगरा कॉलेज गर्ल्स विंग की कैडिट सीनियर अंडर ऑफीसर रिचा पाराशर का बचपन का सपना था कि सेना में शामिल होकर देश की सेवा करे। बुधवार को जब ऑफीसर्स ट्रेनिंग अकादमी, चेन्नई के लिए देशभर से पांच महिला ऑफिसर्स का चयन हुआ तो उसमें रिचा का नाम भी शामिल था। रिचा की यह उपलब्धि उनकी मेहनत, लगन का नतीजा है। रिचा के अनुसार उन्हें यह सफलता आगरा कॉलेज की एनसीसी अधिकारी लेफ्टिनेट रीता निगम और कर्नल जीएस सिद्धू के कुशल मार्ग दर्शन से मिली है। लेफ्टिनेट रीता निगम के अनुसार रिचा बेहद सामान्य परिवार में जन्मी असाधरण प्रतिभावान लड़की है।
पिता के सपने को पूरा किया रिचा ने
रिचा के अनुसार उनके पिता बृजेश पाराशर भारतीय सेना में शामिल होना चाहते थे लेकिन वो सफल नहीं हो पाए। उन्होंने अपनी इच्छा अपनी छोटी सी बेटी से साझा की थी। पिता का जब देहांत हुआ उस वक्त रिचा सिर्फ 12 साल की थी लेकिन उसने अपने पिता का अधूरा ख्वाब को पूरा करने की उसी वक्त कसम खा ली। मां मीरा पाराशर की प्रेरणा से रिचा ने अपने पिता के सपने को अपना लक्ष्य बना लिया और इस ओर ही जीवन की दिशा मोड़ दी। रिचा उत्तर प्रदेश एनसीसी निदेशालय की सर्वश्रेष्ठ कैडिट रह चुकी हैं। गणतंत्र दिवस कैंप दिल्ली, प्रधानमंत्री रैली में निदेशालय का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। राज्यपाल से रजत पदक प्राप्त कर चुकी हैं। रिचा आगरा कॉलेज से इतिहास विषय में पोस्ट ग्रेजुएट हैं।
11 माह तक कठिन ट्रेनिंग
रिचा शुक्रवार को दिल्ली से चेन्नई के लिए रवाना हो जाएंगी। यहां उनकी 11 माह तक कठिन ट्रेनिंग होगी। इस दौरान उनका मोबाइल भी साथ नहीं होगा। किसी से संपर्क में भी नहीं रहेंगी। हांलाकि छह माह बाद 21 दिनों की छुट्टी पर वो अपने परिवार के पास आ सकेंगी।