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साधना और उपासना के केंद्र हैं ताजनगरी के जैन मंदिर, जानिए क्‍या है इतिहास Agra News

दिगंबर जैन समाज के करीब 72 व श्वेतांबर जैन समाज के आधा दर्जन मंदिर हैैं।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sun, 08 Sep 2019 08:52 AM (IST)Updated: Sun, 08 Sep 2019 08:52 AM (IST)
साधना और उपासना के केंद्र हैं ताजनगरी के जैन मंदिर, जानिए क्‍या है इतिहास Agra News
साधना और उपासना के केंद्र हैं ताजनगरी के जैन मंदिर, जानिए क्‍या है इतिहास Agra News

आगरा, आदर्श नंदन गुप्‍त। शहर में दिगंबर जैन समाज व श्वेतांबर जैन समाज के प्राचीन मंदिरों की लंबी श्रृंखला है, जहां नियमित श्रद्धा की धारा प्रवाहित होती है। ये पूजा के साथ-साथ ध्यान साधना के प्रमुख केंद्र भी हैं। यहां जैन आचार्यों द्वारा साधना की जाती है। दिगंबर जैन समाज के करीब 72 व श्वेतांबर जैन समाज के आधा दर्जन मंदिर हैैं।

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दिगंबर जैन समाज का प्रमुख मंदिर श्रीशांति नाथ दिगंबर जैन मंदिर है, जो हरीपर्वत पर एक बड़ा तीर्थ स्थल जैसा है। करीब 85 साल पूर्व इसका निर्माण किया गया। मंदिर के मूल नायक भगवान शांतिनाथ की मूर्ति स्थापित है। इनके अलावा भगवान अजितनाथ, भगवान ऋषभनाथ आदि की भी मूर्तियां यहां हैं। आगरा दिगंबर जैन परिषद के अध्यक्ष अशोक जैन, एडवोकेट के अनुसार यहां जितना ऊंचा मान स्तंभ है, उतना आसपास में कोई नहीं है। यह स्तंभ भी करीब 65 साल पुराना है। इस मंदिर में प्रतिवर्ष विशेष आयोजन होते हैं। आचार्यों व साधु संतों का प्रवास रहता है।

नुनिहाई में पाश्र्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर है। यह करीब 600 साल पुराना बताया जाता है। इसके मूल नायक भगवान पाश्र्वनाथ हैं। इस मंदिर में भी एक मान स्तंभ है।

गुदड़ी मंसूर खां में सेठ बिहारीलाल जैन मंदिर धर्मशाला में शीतलनाथ दिगंबर जैन मंदिर है। जिसका निर्माण करीब 90 साल पूर्व बिहारीलाल जैन परिवार ने कराया था। छीपीटोला में प्राचीन मंदिर हैं, यहां भी नियमित आयोजन होते हैैं। कचौड़ा बाजार, लोहामंडी, कमला नगर, दयालबाग, नसिया जी, मोतीलाल नेहरू रोड आदि भी मुख्य जिनालय हैैं।

 

ऐतिहासिक तीर्थ स्थल जैन दादाबाड़ी

शाहगंज में सेठ का बाग पर जैन दादाबाड़ी मंदिर एक विशाल व भव्य तीर्थ स्थल बन गया है। यहां करीब पांच सौ साल पहले आचार्य हीर विजय सूरीश्वर महाराज ने मुगल शासक अकबर को प्रवचन दिया था, जिससे अकबर सवा साल तक शाकाहार रहा। यहां जिन कुशल सूरीश्वर महराज का आगमन हुआ, जिससे यहां उनके चरण मंदिर की स्थापना हुई। भगवान महावीर का पाताल मंदिर भी है। श्वेतांबर जैन मूर्ति पूजक संघ के अध्यक्ष अशोक जैन सीए के अनुसार यह उत्तर भारत का प्रमुख मंदिर है जहां 24 जिनालय हैं, इसके मूल नायक भगवान कलिकुंड पाश्र्वनाथ हैं। यह मंदिर गुजराती शैली में बना हुआ है।

इसी प्रकार रोशन मोहल्ला में चिंतामणि पाश्र्वनाथ जैन श्वेतांबर जैन मंदिर है। यह 500 वर्ष पुराना है। यहां चिंतामणि पाश्र्वनाथ भगवान की चमत्कारी प्रतिमा है। आत्मा जैन सभा का आत्मबल्लभ नगर, बालूगंज में मंदिर है। बेलनगंज में पाश्र्वनाथ भगवान का मंदिर जन-जन की आस्था के केंद्र बने हुए हैैं। 


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