Pulwama Terror Attack: ताजनगरी के होटलों में 'Kashmiris are not allowed'
ईदगाह के कुछ होटलों में मंगलवार को लगाए गए। पुलवामा के शहीदों को श्रद्धांजलि देने का निकाला तरीका।
आगरा, जागरण संवाददाता। ताजनगरी के जूता उद्यमियों द्वारा पाकिस्तान से आयात न करने का निर्णय लेने के बाद अब होटल इंडस्ट्री भी इसी डगर पर बढ़ चली है। ईदगाह में स्थित कुछ होटलों में 'कश्मीरीज आर नोट एलाउड हियर फॉर स्टे' के पोस्टर लगा दिए। पुलवामा हमले में शहीद सीआरपीएफ जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए होटल संचालकों ने यह कदम उठाया है।
पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हुए हमले के बाद देशभर में गम और गुस्से का माहौल है। आतंकवादियों को पनाह देने वाला पाकिस्तान तो लोगों के निशाने पर हैं ही, सेना पर पत्थरबाजी करने वाले कश्मीरियों के खिलाफ भी लोगों मेें गुस्सा है। आगरा के जूता निर्यातकों ने पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान से कच्चा चमड़ा नहीं मंगाने का निर्णय लिया है। नेशनल चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स ने भी पाकिस्तान को होने वाले निर्यात को रोकने के लिए आगरा के कारोबारियों को सर्टिफिकेट ऑफ ओरिजिन नहीं देने की घोषणा की है। इसी कड़ी में मंगलवार को ईदगाह क्षेत्र में स्थित होटल रिज, किशन टूरिस्ट लॉज में कश्मीरियों को कमरा नहीं देने के पोस्टर रिसेप्शन और गेट पर लगे दिखे। किशन टूरिस्ट लॉज के रज्जब अली ने बताया कि कश्मीरियों को हम कमरे व पनाह नहीं देंगे। उनको पनाह देने के कारण ही हमारे वीर जवान शहीद हुए। हम शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। होटल रिज के मैनेजर रोहित सोनी ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि देने को कश्मीरियों को कमरा नहीं देने की बात कही।
कश्मीरी ले रहे हालातों की जानकारी
पुलवामा हमले के बाद कश्मीरी निशाने पर हैं। ताजनगरी में इन दिनों पर्यटन सीजन चल रहा है। इन दिनों कश्मीरी यहां घूमने आते हैं, लेकिन अब वो सुरक्षा कारणों के चलते यहां आने से पूर्व टूर ऑपरेटर्स होटल संचालकों से पूरी जानकारी जुटा रहे हैं।
महोत्सव में आए कश्मीरी शिल्पी, सुरक्षा की चिंता
ताज महोत्सव समिति के आश्वासन पर मंगलवार को तीन कश्मीरी शिल्पी महोत्सव में आ गए। उन्हें अपनी सुरक्षा की चिंता सता रही है। उल्लेखनीय है कि पुलवामा पर आतंकी हमले के बाद देशभर में गम और गुस्से का माहौल हैे।
ताज महोत्सव में इस वर्ष सात-आठ शिल्पियों ने स्टॉल की बुकिंग कराई थी। महोत्सव के उद्घाटन के दिन सोमवार को कोई कश्मीरी शिल्पी नहीं आया था। महोत्सव समिति द्वारा उनसे संपर्क कर उन्हें सुरक्षा का आश्वासन दिया गया। इसके बाद मंगलवार को पहलगाम के बशीर अहमद, गुलाम मेहंदी मीर और अनंतनाग के मुजफ्फर शिल्पग्राम पहुंच गए। उन्होंने स्टॉल पर अपना सामान तो लगा लिया, लेकिन सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। बशीर अहमद ने बताया कि परिजन उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और वो निरंतर फोन पर जानकारी कर रहे हैं। मुजफ्फर ने पुलिस-प्रशासन से सुरक्षा देने की बात कही है। कश्मीरी शिल्पियों ने इस संबंध में मंगलवार सुबह एक स्थानीय व्यक्ति से भी एसएसपी से मुलाकात कराने के लिए संपर्क किया था। हालांकि उक्त व्यक्ति ने साथ जाने से इन्कार कर दिया। अन्य कश्मीरी शिल्पियों के लिए आरक्षित स्टॉल अभी भी खाली पड़ी हैं।