आगरा में कप्पा वेरिएंट की दस्तक, एक मरीज में हो चुकी पुष्टि, स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी
आगरा में सात मरीजों में मिल चुका है डेल्टा वैरिएंट केजीएमयू से आई रिपोर्ट। हाथरस मथुरा और मैनपुरी के मरीजों में भी मिला डेल्टा वैरिएंट। स्वास्थ्य विभाग ने कप्पा और डेल्टा वेरिएंट मिलने पर एडवाइजरी जारी कर सलाह दी है कि कोविड प्रोटोकॉल्स का पालन करें।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना की दूसरी लहर पूरी तरह से खत्म नहीं हो पाई है कि उससे पहले कप्पा वैरिएंट ने ताजनगरी में दस्तक दे दी है। एक मरीज में इस वायरस की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही ताजनगरी में सात मरीजों में कोरोना वायरस का डेल्टा (बी.1.617.2) वैरिएंट मिला है।
एसएन मेडिकल कालेज ने अप्रैल से अब तक 18 साल से अधिक उम्र के 94 संक्रमियों के नमूने लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय(केजीएमयू) जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे थे। इसमें से दूसरे चरण में 15 नमूनों की रिपोर्ट आई है, आगरा के सात मरीजों में डेल्टा और एक मरीज में कप्पा वैरिएंट मिला है। हाथरस में दो मरीज, मथुरा और मैनपुरी में एक-एक मरीज में डेल्टा वैरिएंट की पुष्टि हुई है। इससे पहले नौ जुलाई को पहले चरण के जीनोम सीक्वेंसिंग में 40 नमूनों की रिपोर्ट आई थी, जिसमें आगरा में 10 मरीजों में डेल्टा वैरिएंट की पुष्टि हुई थी। आगरा के 17 मरीजों में अब तक डेल्टा वैरिएंट की पुष्टि हो चुकी है। मेडिकल कालेज के कार्यवाहक प्राचार्य डा. प्रशांत गुप्ता का कहना है राहत की बात यह है कि अभी तक किसी भी मरीज में डेल्टा प्लस वैरिएंट की पुष्टि नहीं हुई है। यह वायरस बहुत तेजी से फैलता है।
स्वास्थ्य विभाग ने जारी की चेतावनी
स्वास्थ्य विभाग द्वारा चेतावनी जारी की गई है कि लोग लापरवाही न बरतें। मास्क, शारीरिक दूरी का पालन करते रहें। टीकाकरण जरूर कराएं। आवश्यकता पड़ने पर ही सार्वजनिक स्थानों पर जाएं।
क्या है कप्पा व डेल्टा वैरिएंट
कप्पा वैरिएंट बहुत कम संक्रामक होता है। वहीं डेल्टा वैरिएंट ज्यादा संक्रामक होता है। यह वायरस शरीर में सेल-टू-सेल फ्यूजन को प्रेरित करने की क्षमता में वृद्धि करता है। इस वजह से शरीर में वैक्सीन एवं संक्रमण प्रेरित एंटीबाडी के लिए संवेदनशीलता कम हो जाती है। डेल्टा प्लस वैरिएंट तेजी से फेंफड़ों पर चिपकता है। यह शरीर में मोनोक्लोनल एंटीबाडी को नष्ट करता है। इस पर न तो शरीर में बनने वाली और न ही बाहर से लगाई गई एंटीबाडी काम करती हैं। केरल, महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश में यह वैरिएंट तेजी से फैल रहा है।