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शहरों से अब गांव की तरफ फैलेगी ब्रजगंधा की सुगंध, बनेंगे आर्थिक साधन Agra News

उद्यम सूक्ष्म लघु एवं मध्यम मंत्रालय की ज्वॉइंट सेक्रेटरी ज्योति अरोड़ा ने महिला आश्रय सदन में चल रहे ब्रजगंधा प्रोजेक्ट का अवलोकन किया।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Fri, 07 Feb 2020 05:45 PM (IST)Updated: Fri, 07 Feb 2020 05:45 PM (IST)
शहरों से अब गांव की तरफ फैलेगी ब्रजगंधा की सुगंध, बनेंगे आर्थिक साधन Agra News
शहरों से अब गांव की तरफ फैलेगी ब्रजगंधा की सुगंध, बनेंगे आर्थिक साधन Agra News

आगरा, जेएनएन। भारत सरकार के उद्यम, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम मंत्रालय की ज्वॉइंट सेक्रेटरी ज्योति अरोड़ा ने महिला आश्रय सदन में चल रहे ब्रजगंधा प्रोजेक्ट का अवलोकन किया। प्रोजेक्ट के तहत फूलों से बनाए जा रहे इत्र, अगरबत्ती, गुलाल की निर्माण विधि से लेकर बिक्री और फूलों को एकत्रित करने की समीक्षा की। ज्वॉइंट सेक्रेटरी ने इस उद्योग को आर्थिक आय का साधन बताया। कहा इस तरह के प्रोजेक्ट शहरों के साथ ग्रामीण अंचलों में शुरू किए जाने पर विचार किया जा रहा है।

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चैतन्य विहार, वृंदावन स्थित महिला आश्रय सदन परिसर में चल रहे ब्रजगंधा प्रोजेक्ट का निरीक्षण करने पहुंचीं ज्वाइंट सेक्रेटरी ज्योति अरोड़ा ने कहा कन्नौज के टेक्नोलॉजी सेंटर की मदद से ये सेंटर चलाया जा रहा है। ये बेहतर प्रयास है फूलों के उपयोग करने का। मंदिरों में चढऩे वाले फूलों को नदियों में न डालकर उनका उपयोग बड़े बेहतर तरीके से हो रहा है। जो फूल सड़क और नदियों में डाल दिया जाता था। आज उनका उपयोग हो रहा है। सदन में रह रहीं तीन सौ माताओं को एक रोजगार भी मिल रहा है। जो उन्हें आत्मनिर्भर बना रहा है। पूरा प्रोजेक्ट ईको फ्रेंडली है, कोई केमिकल का प्रयोग नहीं हो रहा। उन्होंने मंदिरों से भी इस्तेमाल किए गए फूलों को प्रोजेक्ट को देने की अपील की। इससे पूर्व उन्होंने प्रोजेक्ट में चल रहे कार्यों को देखकर उनके बारे में सूक्ष्म जानकारी हासिल की। राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम लिमिटेड के शाखा प्रबंधक पुष्पेंद्र सूर्यवंशी भी साथ रहे।

ये है प्रोजेक्‍ट की विशेषता

गरमी के मौसम में ब्रज के मंदिरों में फूल बंगला सजाने की परंपरा है। एक बार में कई मन फूलों का प्रयोग होता है। यह बाद में कूड़े में फेंक दिए जाते हैं। इनका उपयोग करने के लिए प्रदेश सरकार ने प्रोजेक्ट ब्रजगंधा की शुरुआत 2018 में की थी। वृंदावन के आश्रय सदन की वृद्ध विधवा माताओं को आर्थिक मजबूती देना भी उद्देश्य है। सुगंध एवं सरस विकास केंद्र (एफएफडीसी) कन्नौज के विशेषज्ञों ने प्रशिक्षिण की जिम्मेदारी ली। माताओं को ब्रज के मंदिरों से मिले फूलों से अगरबत्ती, धूम, इत्र आदि बनाना सिखाया।


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