जनक सुता जग जननि जानकी, अतिसय प्रिय करुणानिधान की..
राजा जनक और रानी सुनयना के हल चलाने पर हुआ जानकी का जन्म, भगवान श्रीराम ने एक बाण से ताड़का का किया वध, पुतला जलाया गया
आगरा (जेएनएन): रामलीला मैदान सोमवार को मिथिला नगरी बना नजर आया। राजा जनक बने दीपक गोयल और रानी सुनयना बनीं ममता गोयल के हल चलाने पर घड़े से जानकी का अवतरण होते ही उल्लास छा गया। उत्साह में श्रद्धालु भावविभोर होकर झूमने लगे। जनकपुरी में घरों में बधाई गीत गाए गए।
सोमवार को हुई लीला में दिखाया गया कि मिथिला नगरी अकाल से पीड़ित है और राजा जनक से अपनी परेशानी दूर करने की मांग करती है। इसके बाद राजा जनक और रानी सुनयना के हल चलाने पर जमीन में दबे घड़े से जानकी का अवतरण होता है। उनके अवतरण के साथ ही जय जयकारे लगने लगे। इसके साथ ही मिथिला नगरी में बधाई गीत गूंजने लगे। जानकी के जन्मोत्सव पर खिलौने, मिठाई, फल, चॉकलेट व टॉफियां बांटी गई। श्रद्धालु झूमने लगे। लीला का मुख्य आकर्षण जानकी बनीं मिष्ठी अग्रवाल रहीं। करीब एक घंटे तक मंच पर बधाई गायन और नृत्य का दौर चला। अन्य लीलाओं में मुनि विश्वामित्र का अयोध्या आना और राजा दशरथ से राम-लक्ष्मण को यज्ञ की रक्षा के लिए मांगने, राम द्वारा एक बाण से ताड़का को परमधाम पहुंचाने की लीला हुई। इसके बाद ताड़का का पुतला जलाया गया। यह देख श्रद्धालुओं ने प्रभु श्रीराम की जय जयकार शुरू कर दी। प्रभु के जयकारों से माहौल गुंजायमान हो गया। इससे पूर्व स्वरूपों की आरती सिटी मजिस्ट्रेट एमपी सिंह ने की। इस दौरान रामलीला कमेटी के अध्यक्ष विधायक जगन प्रसाद गर्ग, महामंत्री श्रीभगवान अग्रवाल, मंत्री रामप्रकाश अग्रवाल के साथ रामलीला कमेटी व जनकपुरी महोत्सव समिति के पदाधिकारी मौजूद रहे।