JantaCurfew: न खुद की, न अपनों की चिंता, बहाने बनाकर कर्फ्यू का तमाशा देखने निकलेे 'समझदार'
कोरोना से बचाव को जनता कर्फ्यू के बाद भी घरों से बाहर निकले कुछ लोग। पूछे जाने पर बनाए तमाम रोचक बहाने पुलिस ने बैरंग लौटाया।
आगरा, जागरण संवाददाता। मैं तो गाड़ी में पेट्रोल डलाने आया था। देखने आया था कि जनता कफ्र्यू का क्या असर रहा। कोरोना गर्मी से मर जाता है, इसलिए क्रिकेट खेलकर शरीर में गर्मी पैदा करने आए हैं, ताकि वह आए तो मर जाए। ऐसे ही न जाने कितने और भी बहाने थे, जो जनता कफ्र्यू तोडऩे वाले लोगों ने पूछने पर बताए। हालांकि सभी ने पीएम मोदी के इस आह्वान का स्वागत किया, लेकिन खुद नियम तोडऩे पर बहानों की आड़ लेकर बचने की कोशिश करते नजर आए।
एक तरफ कोरोना का खौफ है, पूरेे देश में जनता कफ्र्यू लगा है, कोई भी घर से बाहर निकलने की सोच भी नहीं, लेकिन शहर में कुछ ऐसेे भी लोग थे, जो इन सबकी परवाह किए बिना न सिर्फ घर के बाहर निकलेे, बल्कि सड़कों और मैदानों पर खूब दौड़ भी लगाई। वैसे तो शहर के अधिकांश खेल मैदान जहां खाली रहे, लेकिन फिर भी कई जगह युवा बैट-बॉल लेकर अपने दोस्तों की टोली केे साथ क्रिकेट खेलने जा पहुंचे। जनता कफ्र्यू को उन्होंने अच्छा कदम बताया लेकिन नियम तोडऩे पर अपने-अपने बहाने बनाते नजर आए। साईं का तकिया स्थित बैप्टिस्ट स्कूल ग्राउंड पर दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलने पहुंचे निखिल और प्रशांत का कहना था कि कोरोना गर्मी से मर जाता है, इसलिए क्रिकेट खेलकर शरीर में गर्मी पैदा करने आए हैं, यदि वह किसी तरह शरीर में आ जाए, तो शरीर की गर्मी से मर जाएगा। हालांकि निखिल ने अपनी सुरक्षा के लिए इस दौरान मास्क पहना हुआ था।
बोर हो रहे थे इसलिए आए
वहीं दीपक और राहुल का कहना था कि आज छुट्टी थी, तो घर पर मन नहीं लग रहा था, इसलिए मन बहलाने के लिए क्रिकेट खेलने आ गए। इस पर हमने कहा छुट्टी नहीं है, जनता कफ्र्यू है, तो फिर कहने लगे कि बस एक घंटा खेलकर चले जाएंगे।
खूब दौड़ाई गाड़ी
कुछ ऐसे भी लोग थे, जो दूसरों के सामने शेखी बघारने और खाली रोड पर गाड़ी दौड़ाने के लिए ही घर से निकले। ऐसे दो स्कूटर और एक कार सवार युवकों से हमने पूछा तो उन्होंने पेट्रोल डलाने या अन्य किसी काम का बहान बनाकर वहां से दौड़ लगा दी। वहीं कुछ लोग ऐसे भी थे, जिन्हें काम से ऑफिस जाना था। हालांकि उन्होने संस्थान का नाम नहीं बताया, लेकिन काम पर जाने की बात कहकर चुपचाप निकल लिए।
पुलिस से बैरंंग लौटाया
ऐसे युवाओं पर पुलिस की विशेष नजर रही। हर चौराहा पर जहां होमगार्ड की तैनाती की गई थी, वहीं डायल 112 के साथ पुलिस की मोबाइल यूनिट भी कार और बाइकों से शहरभर में घूमती रहीं। जहां भी युवा संदिग्ध हालातों में बिना किसी कारण घूमतेे मिले, तो पूछतता मिला अपने स्तर से डांटकर घर जाने को बोल दिया।