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JantaCurfew: सैंकड़ों नेपाली पहुंचे कान्‍हा की नगरी, और भी शहरों के लोगों ने डाला डेरा, ये है वजह

नेपाल जाने वाले यात्री मथुरा स्‍टेशन पर ट्रेन से उतरे। जिलाधिकारी कर रहे यात्रियों को भेजने के लिए बसों का इंतजाम।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sun, 22 Mar 2020 01:02 PM (IST)Updated: Sun, 22 Mar 2020 01:02 PM (IST)
JantaCurfew: सैंकड़ों नेपाली पहुंचे कान्‍हा की नगरी, और भी शहरों के लोगों ने डाला डेरा, ये है वजह
JantaCurfew: सैंकड़ों नेपाली पहुंचे कान्‍हा की नगरी, और भी शहरों के लोगों ने डाला डेरा, ये है वजह

मथुरा, जेएनएन। शहर के बस स्टैंड पर रविवार सुबह पांच सैकड़ा से अधिक नेपाल वासी पहुंच गए। ये गुजरात, मुंबई, दिल्ली और बंगलुरू से पहुंचे। कुछ दिल्ली ट्रेन से पहुंचे तो कुछ मथुरा पर ट्रेन से उतर गए। इन लोगों को नेपाल जाना है, लेकिन वाहन का इंतजाम नहीं हो सका। सुबह सात बजे से ही नेपाल के लोग बस स्टैंड पर एकत्र हो गए। डीएम सर्वज्ञराम मिश्रा ने बताया कि यात्रियों की परेशानी को देख उन्हें गंतव्य तक भेजे जाने के लिए बसों का इंतजाम किया जा रहा है। वहीं बस स्टैंड पर स्वास्थ्य टीम भी यात्रियों का मेडिकल चेकअप करने के लिए पहुंच गई।

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देर रात उधर ट्रेनों से रेलवे स्टेशन पहुंचे सैकड़ों यात्री स्टेशन पर ही डेरा डाले हैं। अपने गंतव्य तक जाने के लिए यात्री ट्रेनों का इंतजार कर रहे हैं। सड़क पर बस और ऑटो तक न चलने के कारण यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

कर्फ्यू का दिख रहा असर 

ये कान्हा की नगरी है, कोरोना से जंग को हर ब्रजवासी तैयार है। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस से बचने को जनता कर्फ्यू का आह्वान किया तो ब्रजवासियों ने खुले दिल से इस कर्फ्यू का इस्तकबाल किया। स्वेच्छा से दुकानों के शटर गिराए, तो काॅलोनी तक में लोग घरों में कैद हो गए। रोजमर्रा की भागदौड़ से इतर परिवार के साथ समय बिताया। अभूतपूर्व जनता कर्फ्यू के बीच न सड़क पर वाहन दिखाई दिए और न ही पटरी पर रेल। रेलवे स्टेशन के टिकट काउंटर तक पूरी तरह बंद रहे। अस्पताल में चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ तैनात रहा तो सुरक्षा को सड़कों पर पुलिस। जनता कर्फ्यू के बाद नई सुबह को दिन भर शहर में सफाई का अभियान चलता रहा। नगर निगम की टीमों ने सड़कों पर सफाई कर चूना डाला। डीएम सर्वज्ञराम मिश्रा और एसएसपी डाॅ. गौरव ग्रोवर ने शहर का भ्रमण कर हालात देखे। ये ब्रजवासियों की इच्छाशक्ति की ही थी कि जिन सड़कों और चौराहों पर पैर रखने की जगह नहीं होती थी, आज वहां सन्नाटा पसरा है। हाल ये है कि चाय-पान की दुकानों पर भी ताले लटक रहे हैं।

बंद रहे पट, सेवायत करते रहे पूजा

धर्मनगरी में मंदिरों के पट शनिवार से श्रद्धालुओं के बंद कर दिए गए हैं। रविवार सुबह श्रीकृष्ण जन्मस्थान, ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर, बरसाना का राधारानी मंदिर, द्वारिकाधीश मंदिर के साथ ही गोवर्धन के मंदिरों में पट बंद रहे, लेकिन सेवायत आराध्य की सेवा करते रहे। द्वारिकाधीश मंदिर सुबह कुछ देर के लिए मंगला आरती के समय खुला और फिर पट बंद हो गए।

 

चित्र के दर्शन कर गृहण किया जल

ये ठाकुर जी के प्रति श्रद्धा ही है कि उनके भक्त बिना उनकी छवि निहारे अन्नजल भी गृहण नहीं करते। लेकिन शायद ये पहला मौका था,जब ठाकुर जी के दर के पट उनके दर्शन के लिए बंद थे। वृंदावन में करीब दर्जनों एेसे श्रद्धालु हैं जो सुबह श्रृंगार आरती में शामिल होने के बाद ही अन्न और जल गृहण करते हैं। आज मंदिर के पट बंद थे। कुछ मंदिर पहुंचे और पट बंद देख वापस लौट गए, तो कुछ ने घर पर ही आराध्य की छवि का दीदार कर अन्न जल गृहण किया। वृंदावन में रहने वाले रामप्रसाद और कल्लू ने बताया कि हमने ठाकुर जी की छवि निहार कर पानी पिया। 


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