Janmashtami 2020: Coronavirus के सन्नाटे को तोड़ेगा गिरिराजजी का वैभव, अद्भुत होगा श्रृंगार
Janmashtami 2020 कान्हा के जन्मोत्सव को झिलमिलाएगा गोवर्धन पर्वत। स्वर्ण श्रृंगार धारण करेंगे मुकुट गिरिराज।
आगरा, जेएनएन। कान्हा के जन्म को लेकर पर्वतराज गोवर्धन की भूमि वैभवपूर्ण आभा से दमकेगी। गिरिराजजी के मंदिरों में रंग-बिरंगी रोशनी के साथ भव्यता प्रभु का यशोगान करती नजर आएगी।
बुधवार को कृष्ण जन्माष्टमी पर गोवर्धन के प्रमुख मंदिरों में कान्हा स्वरूप गिरिराजजी का उत्सव मनाया जाएगा। इसके लिए गिरिराजजी का पंचामृत अभिषेक कर आरती उतारी जाएगी। हालांकि श्रद्धालुओं का आवागमन प्रतिबंधित है। मुकुट मुखारङ्क्षवद मंदिर रिसीवर रमाकांत गोस्वामी ने बताया कि रात्रि में प्रभु की बाल स्वरूप में पूजा अर्चना होगी। मानसीगंगा के तट पर विराजमान मुकुट मुखारङ्क्षवद गिरिराजजी स्वर्णिम श्रंगार धारण कर विशाल पुष्प महल में विराजमान होंगे। महोत्सव के लिए रोशनी के विशेष प्रबंध किए गए हैं। दानघाटी मंदिर में प्रबंधन का कार्य संभाल रहे अशोक पुरोहित ने बताया कि प्रभु को पुष्प महल में विराजमान कर छप्पन भोग समर्पित किए जाएंगे। रात्रि 12 बजे प्रभु का अभिषेक किया जाएगा। इसके बाद विशेष आरती होगी।
संत कन्हैया बाबा ने बताया कि गोवर्धन परिक्रमा के गांव आन्यौर में गिरिराजजी के समीप श्रीनाथजी की प्राकट््य स्थली है। नाथद्वारा (राजस्थान) में विराजमान श्रीनाथजी का प्राकट््य आन्यौर की इस स्थली पर हुआ था। कृष्ण जन्मोत्सव मनाने के लिए यहां विशेष तैयारी की जा रही है। संत कन्हैया बाबा के अनुसार जन्माष्टमी के दिन आधी रात को विशेष पूजा की जाएगी। दूध दही शहद बूरा और कुंडों के जल से बने पंचामृत से गिरिराजजी का अभिषेक किया जाएगा। प्रभु को पालना में झुलाकर खिलौनों से उनको मुस्कराने पर विवश किया जाएगा।