श्रीराम के स्वागत का इंतजार, होने हैं काफी विकास कार्य
आगरा: वर्ष 2005 में जनकपुरी का गवाह बन चुका विजय नगर एक बार फिर श्रीराम के स्वागत का मौका मिला है।
जागरण संवाददाता, आगरा: वर्ष 2005 में जनकपुरी का गवाह बन चुका विजय नगर एक बार फिर श्रीराम के स्वागत को उत्साही है। पर अब भौगोलिक स्थिति बदल गई है। खाली पड़े मैदान पर ऊंची इमारतें खड़ी हैं। क्षेत्र में कोई बड़ा मैदान नहीं होने के कारण लंगडे़ की चौकी की ओर जाने वाले रास्ते के पास ही सड़क पर भव्य मंच सजेगा। वहीं अंतिम समय में होने वाले विकास कार्यो की जगह ये सब समय से पहले हो जाएं, इसके लिए क्षेत्र के सक्रिय लोग प्रयास में जुट रहे हैं।
विजय नगर शहर का पॉश इलाका है, लेकिन सड़कों बदहाल हैं। नालिया टूटी हैं और सड़कों पर ही कूड़े का अंबार लगा रहता है। शाम होते ही सड़कों पर अंधेरा छा जाता है। आधी से ज्यादा स्ट्रीट लाइट खराब पड़ी हैं। ऐसे में इलाका भले ही पॉश हो, लेकिन विकास कार्यो की दरकार है। क्षेत्रीय आयोजन समिति के अध्यक्ष के लिए नाम खंगाल रहे हैं। सर्वमान्य नाम लगभग फाइनल हैं, लेकिन उनकी सहमति के साथ ही सभी की संस्तुति की औपचारिकताएं पूरी करनी हैं। इसके बाद राजा जनक के लिए कसरत का दौर शुरू होगा। हर घर का स्वामी भी अपने घर को स्वागत के लिए सजाने को आतुर बैठा है। क्षेत्र की चौड़ी सड़कें और हर छोटी गली लिंक रोड होने के कारण भीड़ को लेकर क्षेत्रीय लोग आश्वस्त हैं। 2005 में स्थिति ज्यादा बदहाल थी। क्षेत्र में तब प्रयास कर काफी विकास कार्य कराए गए थे। अब काफी सुधार है, लेकिन काफी दरकार भी है। सभी संयुक्त प्रयास से समय से पहले कार्य पूरे कराएंगे और श्रीराम का स्वागत करेंगे।
मनीष अग्रवाल जनकपुरी का गवाह बनने का एक बार फिर अवसर मिला रहा है, ये सौभाग्य की बात है। प्रशासन को सक्रिय भूमिका निभाते हुए अंतिम समय के लिए काम नहीं छोड़ने चाहिए। समय रहते काम होने से आयोजन का आनंद ही अलग होता है।
सुधीर अग्रवाल श्रीराम के स्वागत का अवसर मिलना सौभाग्य की बात है। इसके लिए सभी मिलकर काम करेंगे। क्षेत्र में बारिश के समय जलभराव हो जाता है। नालिया भी गंदी रहती हैं और सड़कें भी जर्जर हो गई हैं। ये कार्य समय से हो जाएं, तो कार्यक्रम भी भव्यता अलग होगी।
नीतेश अग्रवाल क्षेत्र में जगह-जगह मलवे की ढेर हैं। स्ट्रीट लाइट चंद जगह ही रोशनी करतीं हैं। सड़क भी जर्जर हैं। इसलिए विकास कार्य समय रहते होने चाहिए। क्षेत्रीय सड़कें काफी चौड़ी हैं, इसलिए सड़क पर मंच निर्माण से कोई मुश्किल नहीं आएगी।
अमित अग्रवाल