मम्मी-पापा से बर्थ डे गिफ्ट में चाहिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
आगरा: दैनिक जागरण के जल जागरण अभियान के तहत शुक्रवार को सेंट एंड्रूज पब्लिक स्कूल, कर्मयोगी में पानी की बर्बादी रोकने और जल संरक्षण के लिए विशेषज्ञों ने जागरूक किया।
जागरण संवाददाता, आगरा: आंखों के सामने पानी की बर्बादी और इससे गहराते जल संकट को बाल मन भी समझ रहा है। पहली कक्षा की पावनी का सुझाव है कि ब्रश करते समय नल बंद रखें। फिर, जब बच्चों से पूछा बर्थ डे गिफ्ट में मम्मी-पापा से रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाने की मांग करोगे। एक सुर में बच्चे बोले इस बार बर्थ डे गिफ्ट में घर पर चाहिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम। दैनिक जागरण के जल जागरण अभियान के तहत शुक्रवार को सेंट एंड्रूज पब्लिक स्कूल, कर्मयोगी में पानी की बर्बादी रोकने और जल संरक्षण के लिए विशेषज्ञों ने जागरूक किया।
आर्किटेक्ट एसोसिएशन ऑफ आगरा के अध्यक्ष समीर गुप्ता ने कालीदास की कहानी का जिक्र करते हुए पानी की बर्बादी को बयां किया। कहा कि जिस तरह से कालीदास जिस डाली पर बैठे थे, उसे ही काट रहे थे, इसी तरह से पानी के साथ हो रहा है। उन्होंने जल संकट की वर्तमान स्थिति और 50 साल बाद के संकट को पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन से सामने रखा। कहा कि आने वाले सालों में पीने के पानी की तरह दैनिक कार्य के लिए भी पानी खरीदना पड़ेगा, शहर के कुछ क्षेत्रों में यह शुरू हो चुका है। उन्होंने बताया कि 97 फीसद समुद्र का पानी है इसे पीने के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। पीने के लिए तीन फीसद पानी है, इसमें भी बारिश का पानी सबसे शुद्ध है। चेरापूंजी में साल भर में सर्वाधिक 11000 एमएम बारिश होती है, इसके बाद भी पीने के लिए पानी नहीं है। यहां बारिश का पानी बर्बाद हो रहा है, इसी तरह आगरा में 570 एमएम बारिश हो रही है। इस बारिश के पानी से वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम द्वारा भूजल को रीचार्ज किया जा सकता है। बारिश के पानी को पाइप से भूजल के स्तर से नीचे पहुंचाया जाता है, इससे भूजल का स्तर बढ़ने लगता है। एक घर से शहर में तीन से चार महीने होने वाली बारिश में 354000 लीटर पानी भूजल तक पहुंचाया जा सकता है। फिजीशियन डॉ. पंकज गुप्ता ने बच्चों से कहा कि वे बर्थ डे गिफ्ट में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम मांगें, उन्होंने बच्चों से पूछा कि कितने बच्चे ऐसा करेंगे। इस पर सभागार में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम चाहिए बर्थ डे गिफ्ट गूंजने लगा। स्कूल के सीएमडी डॉ. गिरधर शर्मा ने कहा कि जो बच्चे अपने जन्मदिन पर घर पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाएंगे उन्हें सार्टिफिकेट और पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाएगा। ऐसे बच्चों के उदाहरण दिए जाएंगे। स्कूल की एमडी दिव्या शर्मा ने कहा कि सेंट एंड्रूज ग्रुप के सभी स्कूलों में पानी की एक-एक बूंद का संरक्षण किया जा रहा है। सभी जगह रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगे हुए हैं। इस दौरान प्रधानाचार्य अंशु सिंह आदि मौजूद रहे।
20 रुपये का नोट फ्लश कर दो
आर्किटेक्ट समीर गुप्ता ने कहा कि जिस छात्र के पास 20 रुपये हैं वह आ जाए। 20 रुपये का नोट लेकर छात्र ऋषभ पहुंच गया, उससे कहा कि यह नोट शौचालय में डाल कर फ्लश चला देना। यह सुन सभी सोच में पड़ गए, उन्होंने कहा कि आने वाले समय में पीने के पानी की तरह दैनिक कार्य के लिए भी पानी खरीदना पड़ेगा।
बच्चों ने दी एक युद्ध पानी का होगा की प्रस्तुति : सेंट एंड्रूज ग्रुप के संस्थापक डॉ. राम अवतार शर्मा ने 30 साल पहले एक युद्ध पानी का होगा कविता लिखी थी। इस पर छात्रों ने नाटक की प्रस्तुति दी, पानी को बर्बाद करने के साथ ही हैंडपंप न आने और सबमर्सिबल का पानी उतरने को बयां किया।
बच्चों ने दिए सुझाव
- ब्रश करते समय नल बंद रखें।
- नहाने सहित दैनिक कार्य में इस्तेमाल होने वाली पानी का दोबारा इस्तेमाल किया जाए।
- आरओ से बर्बाद हो रहे पानी का इस्तेमाल करें।
- गिलास में पीने का पानी बच जाने पर उसे नाली में न फेंकें।
- पाइप लाइन की लीकेज को ठीक करा लें।
- वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाएं
आरओ से काफी मात्रा में पानी बर्बाद होता है, यह नाली में बहा दिया जाता है। इस पानी का घर में इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
नैना चौधरी, छठवीं कक्षा बारिश के पानी को एकत्रित करना चाहिए, इसके लिए टैंक का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस पानी का दैनिक कार्य में इस्तेमाल करें।
प्रगति, सातवीं कक्षा पानी की बर्बादी करने वालों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। गाड़ी साफ करने के लिए और सड़क पर पानी फैलाने वालों पर कार्रवाई की जाए।
रौशिका बंसल, आठवीं कक्षा नहाते समय बहुत मात्रा में पानी बर्बाद होता है। इस पानी को स्टोर कर दैनिक कार्यो के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
सुमित मिश्रा - आठवीं कक्षा जलसंस्थान की पाइप लाइन से लीकेज होती है, इसे रोका जाना चाहिए, नलों से पानी बहता रहता है। इसे बंद किया जाए।
उत्कर्ष, सातवीं कक्षा बूंद-बूंद से सागर बनता है, इसी तरह से बूंद-बूंद की पानी की बर्बादी जल संकट पैदा कर रही है। इसे सभी लोग मिलकर रोक सकते हैं।
हितेंद्र सातवीं कक्षा