भगवान जगन्नाथ पड़े बीमार, इन पदार्थों से किया जा रहा यहां उपचार Agra News
भगवान को दिया जा रहा काढ़ा और जड़ी-बूटी। अस्वस्थ होने के कारण नहीं दे रहे भक्तों को दर्शन।
आगरा, जेएनएन। ज्येष्ठ पूर्णिमा पर सहस्त्रधारा से स्नान कर बीमार पड़े भगवान जगन्नाथ के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करने लगे हैं भक्त। भगवान के स्वास्थ्य लाभ के लिए उन्हें जड़ी-बूटी के साथ काढ़ा दिया जा रहा है। अस्वस्थ होने के चलते भगवान अब भक्तों को दर्शन नहीं दे रहे वे विश्राम कर रहे हैं।
वृंदावन में जगन्नाथ घाट स्थित जगन्नाथ मंदिर में सुबह से शाम तक हरिनाम संकीर्तन की गूंज सुनाई दे रही है। भगवान के विश्राम के दौरान उनकी सेवा पूजा तो जारी है। किंतु दर्शन नहीं होने से भजन कीर्तन कर भक्त उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं। आश्रम के महंत स्वामी ज्ञानप्रकाश पुरी प्रतिदिन भगवान का पूजन निर्धारित समय पर कर रहे हैं। अस्वस्थ पड़े भगवान अब 15 दिन आराम करने के बाद 4 जुलाई को भक्तों को दर्शन देंगे। इसी दिन भगवान रथ में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देने नगर भ्रमण पर भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ निकलेंगे।
बता दें कि परिक्रमा मार्ग स्थित मंदिर में जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव चल रहा है। ज्येष्ठ पूर्णिमा से शुरु हुए महोत्सव में भगवान को सहस्त्रधारा से स्नान कराया गया था। ब्रह्म पुराण में उल्लेख है कि ब्रह्माजी राजा इंद्रधुम्न से कहते हैं कि जो प्राणी ज्येष्ठ पूर्णिमा को भगवान जगन्नाथ के महाभिषेक का दर्शन करता है उस प्राणी को किसी भी मां के गर्भ में नहीं जाना पड़ता। यानि की उस प्राणी की मुक्ति हो जाती है। स्नान के बाद भगवान जगन्नाथ गणेश रूप धारण कर विश्राम गृह में चले गए थे। इस अवधि में भगवान की सेवा आदि स्कंध पुराण के अनुसार विधि विधान पूर्वक चलती है। उन्हें औषधियां आदि दी जाती हैं। कहते हैं कि अधिक स्नान के कारण भगवान अस्वस्थ हो जाते हैं और विश्राम करते हैं। इसके बाद 4 जुलाई को आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया को अरुणोदय बेला में भगवान जगन्नाथ भक्तों को दर्शन देंगे और महाआरती होगी। इसी दिन शाम को तीन बजे से भगवान रथ में विराजमान होकर नगर भ्रमण को निकलेंगे।
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