दो करोड़ के टर्नओवर पर भरा जाएगा आइटीआर-4, जानिए क्या रहेगी प्रक्रिया
आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि है 31 जुलाई। इस बार हुआ है नियमों में कुछ बदलाव।
By Prateek GuptaEdited By: Published: Thu, 06 Jun 2019 10:01 PM (IST)Updated: Thu, 06 Jun 2019 10:01 PM (IST)
आगरा, जागरण संवाददाता। आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है। इस बार रिटर्न जमा कराने के नियमों में कुछ बदलाव हुआ है। ऐसे में इन बदलावों की जानकारी के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट ऑफ इंडिया की आगरा शाखा द्वारा कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसका विषय इनकम टैक्स रिटर्न 3 व 4 कैसे जमा करें, यह था।
शाखा कार्यालय में मुख्य वक्ता सीए कुंवर वर्मा ने बताया कि आइटीआर-4 व्यक्तिगत पार्टनरशिप फर्म, एचयूएफ ही भर सकते हैं, जिनकी आय 44 एडी या 44 एई या 44 एडीए से होती है। वो अपने टर्नओवर पर तय फीसद के हिसाब से रिटर्न भर सकते हैं। ऐसे कर दाता को बही खाते नहीं बनाने होते हैं। अगर कोई करदाता किसी कंपनी में डायरेक्टर होता है तो वह आइटीआर-4 नहीं भर सकता है। उन्होंने कहा कि आपकी आय बैंक से होती है तो 44 एडी में छह फीसद, आठ फीसद टर्नओवर दे सकते हैं। साथ में सेक्शन 44 ए ई में ट्रांसपोर्टर्स को गाड़ी की क्षमता स्वयं की हो या किराए की, इसकी जानकारी भी देनी होगी। उन्होंने सीए छात्रों को आइटीआर-3 में आने वाली समस्याओं से कैसे उबरें व आइटीआर-3 भरना भी सिखाया। आइटीआर-4 केवल दो करोड़ के टर्नओवर तक भरा जा सकता है। नए बदलावों के तहत अब इनवेस्टमेंट इन लिस्टेड कंपनी के बारे में जानकारी देनी होगी। अचल संपति के केस में क्रेता के बारे में बताना होगा। उसका पैन नंबर, नाम व अन्य विवरण देना होगा। कार्यशाला में सिकासा अध्यक्ष सीए सौरभ नारायण सक्सेना, शिवम शुक्ला, सुलभ शर्मा, प्रखर गर्ग, कुशाग्र अग्रवाल, मीनाक्षी गुप्ता, विक्रांत सिंह, प्रांशी अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।
शाखा कार्यालय में मुख्य वक्ता सीए कुंवर वर्मा ने बताया कि आइटीआर-4 व्यक्तिगत पार्टनरशिप फर्म, एचयूएफ ही भर सकते हैं, जिनकी आय 44 एडी या 44 एई या 44 एडीए से होती है। वो अपने टर्नओवर पर तय फीसद के हिसाब से रिटर्न भर सकते हैं। ऐसे कर दाता को बही खाते नहीं बनाने होते हैं। अगर कोई करदाता किसी कंपनी में डायरेक्टर होता है तो वह आइटीआर-4 नहीं भर सकता है। उन्होंने कहा कि आपकी आय बैंक से होती है तो 44 एडी में छह फीसद, आठ फीसद टर्नओवर दे सकते हैं। साथ में सेक्शन 44 ए ई में ट्रांसपोर्टर्स को गाड़ी की क्षमता स्वयं की हो या किराए की, इसकी जानकारी भी देनी होगी। उन्होंने सीए छात्रों को आइटीआर-3 में आने वाली समस्याओं से कैसे उबरें व आइटीआर-3 भरना भी सिखाया। आइटीआर-4 केवल दो करोड़ के टर्नओवर तक भरा जा सकता है। नए बदलावों के तहत अब इनवेस्टमेंट इन लिस्टेड कंपनी के बारे में जानकारी देनी होगी। अचल संपति के केस में क्रेता के बारे में बताना होगा। उसका पैन नंबर, नाम व अन्य विवरण देना होगा। कार्यशाला में सिकासा अध्यक्ष सीए सौरभ नारायण सक्सेना, शिवम शुक्ला, सुलभ शर्मा, प्रखर गर्ग, कुशाग्र अग्रवाल, मीनाक्षी गुप्ता, विक्रांत सिंह, प्रांशी अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।
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