CoronaVirus: आया जांच का सामान, अब SN Medical में ही चल जाएगा संक्रमण का पता
एसएन में 11 अप्रैल से शुरू हो सकती है कोरोना की जांच। माइक्रोबायोलॉजी लैब में हुआ ट्रायल एनआइवी पुणे की अनुमति के बाद शुरू होगी जांच। स्वाइन फ्लू की तरह से जांच।
आगरा, जागरण संवाददाता। एसएन मेडिकल कॉलेज में 11 अप्रैल से कोरोना की जांच शुरू हो सकती है। यहां माइक्रोबायोलॉजी लैब में कोरोना की जांच की जाएगी। इसके लिए राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान संस्थान (एनआइएमआर) द्वारा जांच के लिए सामान भेज दिया है। गुरुवार को लैब में ट्रायल किया गया।
एसएन की माइक्रोबायोलॉजी लैब में 2015 से स्वाइन फ्लू की जांच की जा रही है, इसी तरह से कोरोना की पॉलीमरेज चेन रिएक्शन (पीसीआर) से जांच की जाती है। मगर, अभी तक एसएन में कोरोना की जांच नहीं हो रही थी। यहां से सैंपल जांच के लिए केजीएमयू, लखनऊ गाडी से भेजे जा रहे हैं। इसमें पांच से छह घंटे लग रहे हैं। वहीं, कोरोना की पीसीआर से जांच में नौ घंटे लगते हैं। केजीएमयू में सैंपल की संख्या भी बढने लगी है, इसके लिए रिपोर्ट आने में देर हो रही है। एसएन में कोरोना की जांच के लिए उपकरण खरीदे जा चुके हैं। एनआइएमआर द्वारा जांच के लिए केमिकल सहित अन्य सामान भी भेज दिया है। डीएम पीएन सिंह ने बताया कि एसएन में कोरोना की जांच के लिए ट्रायल किया गया जा चुका है। नेशनल इंस्टीटयूट आफ पुणे और नेशनल इंस्टीटयूट आफ मेडिकल रिसर्च से अनुमति मिलनी है। उम्मीद है दो दिन में जांच की सुविधा शुरू हो सकती है।
कोरोना मरीजों के इलाज को 100 बेड का आइसोलेशन वार्ड
एसएन मेडिकल कॉलेज में कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज इमरजेंसी में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में चल रहा है। गुरुवार को स्त्री रोग विभाग की नई बिल्डिंग में बनाए गए 100 बेड के आइसोलेशन वार्ड को भी शुरू कर दिया गया। डीएम पीएन सिंह ने आइसोलेशन वार्ड का निरीक्षण किया। डयूटी देने वाले जूनियर डॉक्टरों को भी वार्ड में रखा जाएगा। एसएन इमरजेंसी में 62 बेड का आइसोलेशन वार्ड है। मरीजों की संख्या बढने के बाद स्त्री रोग विभाग की नई बिल्डिंग के 100 बेड और पुरानी बिल्डिंग के 40 बेड में आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। यहां भी मरीज भर्ती किए जाएंगे। वहीं, जूनियर डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ के खाने की व्यवस्था भी अलग से की जा रही है। प्राचार्य डॉ एके आर्य, डॉ बलबीर सिंह आदि मौजूद रहे।
जोश में काम कर रही एसएन की टीम, 80 लोग डयूटी में लगे
एसएन में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए सात दिन बाद टीम बदली जा रही है, इन्हें क्वारंटाइन किया जा रहा है। इसके बाद दूसरी टीम लगाई जा रही है। डॉक्टर, जूनियर डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ सहित 80 की टीम तैयार की गई है। एसएन में पूरे जोश के साथ टीम इलाज कर रही है।
डेढ करोड के बजट से 100 पीपीई ही खरीदी गई
एसएन मेडिकल कॉलेज में मार्च के अंत में बजट आया था, इस बजट से उपकरण सहित अन्य सामान खरीद लिए गए। मगर, कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर, जूनियर डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ के लिए पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूप्मेंट पीपीई 100 ही खरीदी गईं, मास्क नहीं खरीदे गए हैं। इससे एसएन में पीपीई और मास्क की किल्लत होने लगी है।
एनआइवी पुणे की अनुमति के बाद एसएन में जांच
कोरोना संक्रमित मरीजों के सैंपल जांच के लिए केजीएमयू भेजे जा रहे हैं। ऐसे में एसएन में भी कोरोना की जांच की सुविधा शुरू करने की कवायद चल रही है। आइसीएमआर के बाद नेशनल इंस्टीटयूट आफ वायरोलॉजी, एनआइवी, पुणे से अनुमति मिलने और किट आने के बाद यहां जांच शुरू हो जाएगी।