कार में आग और दो की लाश: कहानी में आया ट्विस्ट तो पुलिस के भी उड़े होश
मथुरा के बरसाना- छाता रोड पर श्रीनगर गांव के पास जली हुई मिली थी ईको कार। घटना के 24 घंटे बाद भी पुलिस खाली हाथ।
आगरा, जेएनएन। मथुरा के बरसाना छाता रोड पर मिली ईको कार और उसमें मिले जले हुए शवों की गुत्थी और उलझ गई है। मामला कहीं कहीं बीमा की रकम से जुड़ता हुआ दिख रहा है लेकिन पुलिस अभी कुछ भी कहने को तैयार नहीं है।
घटना को हुए 24 घंटे होने जा रहे हैं लेकिन अभी तक पुलिस सिर्फ जांच और सवालों के दायरे में ही उलझी हुई है। यहां तक कि अभी तो दोनों जले हुए शवों का पोस्टमार्टम तक नहीं हो सका है। फिर मृतकों की शिनाख्त तो अभी दूर की कौड़ी ही लग रही है।
बुरी तरह जले हुए शवों की शिनाख्त पुलिस के लिए पहली चुनौती बन गई है। इसी बीच मिलकोड़ा गांव से चार लोगों के गायब होने की सूचना मिल रही है। वहीं सूत्रों के अनुसार पूरे घटनाक्रम में नया मोड़ आया है। गांव से गायब चल रहे लालाराम व रोहतास ने चार माह पहले ही किसी बीमा एजेंट से चालीस लाख रुपये की पॉलिसी कराई थी। जबकि पुलिस के अनुसार लालाराम और रोहतास दोनों की लोकेशन बुधवार की रात्रि बरसाना में थी। वहीं शक के आधार पर पुलिस ने हरियाणा के होडल से बीमा करने वाले एक एजेंट को भी पूछताछ के लिए उठाया है। सूत्रों की माने तो बीमा एजेंट भी घटना स्थल पर मौजूद था। पूरे मामले को सुलझाने के लिए पुलिस तमाम पहलुओं पर जांच करने में जुटी हुई है। पुलिस के सामने सवाल है कि आखिर मरने वाले कौन थे? लालाराम एवं रोहतास है या कुंवरपाल और लेखन। या फिर इन चारों के अलावा कोई और है। इधर एक नये सवाल का जन्म उस वक्त हुआ जब गांव से गायब चारों लोगों का मोबाइल बन्द जा रहा है। फिलहाल सीओ सुरेश कुमार के नेतृत्व में थाना हथीन पुलिस मौका मुआयना करने पहुंची हुई है।
ये है पूरा मामला
गुरुवार को बरसाना कस्बा से करीब दो किलोमीटर दूर श्रीनगर गांव के समीप सड़क के किनारे जली हुई ईको कार खड़ी थी। इसके दो पहिया सड़क पर थे, जबकि दो कच्चे फुटपाथ पर थे। एक शव कार के बाहर पिछली खिड़की के पास पड़ा था, जबकि दूसरा गाड़ी के अंदर ड्राइङ्क्षवग सीट और पीछे की सीट पर था। दोनों ही शव कंकाल भर रह गए थे। घटना स्थल के हालात साफ जाहिर कर रहे थे कि दोनों की हत्या की गई है। कार के जलने की घटना रात की बताई जा रही है। हालांकि इसका कोई चश्मदीद नहीं है। सुबह करीब सात बजे पुलिस को इस घटना की गांव वालों ने जानकारी दी। सूचना पर पहुंची बरसाना पुलिस ने कार की तलाशी ली तो उसको कार में एक अधजला पर्स भी मिला। पुलिस को पर्स से एक फोटो भी मिला। दोहरे हत्याकांड की खबर से आसपास के इलाके में सनसनी फैल गई। पुलिस ने लोगों से घटना की जानकारी की तो उसको घटना का कोई चश्मदीद गवाह तक नहीं मिल सका। इसलिए यह भी जानकारी नहीं हो सकी कि घटना रात को कब घटित हुई। दोपहर बाद छानबीन में बरसाना पुलिस को जानकारी मिली कि हरियाणा के पलवल जिले के हथीन थाना क्षेत्र के गांव मिलकोड़ा निवासी रोहताश, लालाराम, कुंवरपाल और लेखन के गायब हैं। इनमें लालाराम और रोहताश के अपहरण की रिपोर्ट भी लिखाई गई है। सूचना पर हरियाणा पुलिस के साथ ही लालाराम के परिजन भी बरसाना थाने आ गए। मगर, बुरी तरह से जल चुके शवों की पहचान नहीं हो सकी। पुलिस को जो फोटो मिला है, वह लेखन का है। एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने बताया कि जली हुई गाड़ी लालाराम की है। लालाराम और रोहताश बुधवार की शाम गांव मिडकोला से पलवल के लिए निकले। वह घर से डेढ़ लाख रुपये लेकर चले और कुछ बाजार से उठाए। उन्हें कोसीकलां किसी काम से आना था। बरसाना पहुंचे मिडकोला के गांव वालों ने बताया कि तीसरा कुंवरपाल गांव के बाहर ढाबे से उनके साथ सवार हुआ।
पुलिस ने एक सिरा पकड़ा तो दूसरा उलझ गया
ईको कार में और उसमें दो लाश। लाश भी ऐसी कि कंकाल बन चुकीं। एक कड़ी सुलझी तो दूसरी उलझ गई। पूरे घटनाक्रम में कोई भी कड़ी दूसरी से जुड़ती नजर नहीं आ रही है। मथुरा से लेकर हरियाणा पुलिस तक चकरघिन्नी बन गई है।
बरसाना- छाता रोड पर श्रीनगर गांव के पास जली हुई मिली ईको कार के मामले में दिनभर कवायद के बाद भी रात तक पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी थी और ना ही कोई ठोस सुराग हाथ लगा था। हरियाणा के पलवल के मिलकोड़ा से आए ग्रामीणों ने गांव से चार लोग लालाराम, रोहताश, कुंवरपाल और लेखन के गायब होने की खबर दी थी। वहां थाने में लालाराम और रोहताश के अपहरण का मुकदमा दर्ज है। लालाराम, रोहताश और कुंवरपाल के साथ कोसीकलां आने के चश्मदीद हैं पर लेखन कैसे इनके साथ शामिल हुआ? इसका कोई गवाह नहीं। घटनास्थल पर मिले अधजले पर्स में लेखन का फोटो मिला। पर्स यहां कैसे आया? लेखन कहां गया? ये सवाल अनसुलझा है।
कार में मिले शव किस के?
पूरे घटनाक्रम में अभी सबसे बड़ा सवाल यह भी है कि कार में मिले दोनों शव किसके हैं? परिजन शिनाख्त कर नहीं पा रहे। हालांकि पुलिस डीएनए जांच के जरिए यह पता लगाने का प्रयास करेगी।
अधजला पर्स कैसे?
ईको कार और उसमें मिले शव पूरी तरह जल चुके हैं। शव कंकाल जैसी स्थिति में हैं। ऐसे में उससे अधजला पर्स और उसमें लेखन का फोटो मिलना भी सवाल खड़ा कर रहा है कि आखिर यह कैसे सुरक्षित रह गया? पुलिस इस बिंदु पर भी जांच कर रही है।
अपहरण किसने किया, अपह्रत कौन?
लालाराम और रोहताश के अपहरण का मुकदमा हरियाणा में दर्ज है। इनका अपहरण किसने किया? जब कुंवरपाल भी इनके साथ था तो वह कहां गया? कुंवरपाल और लेखन की भूमिका क्या रही? पुलिस की जांच का एक बिंदु यह भी है।
पुलिस गश्त पर थी तो क्यों नहीं दिखी जलती कार
पुलिस का दावा है कि रात में हर रास्ते पर गश्त की जा रही है। अगर यह सच है तो बरसाना- छाता मार्ग पर जलती कार की खबर पुलिस को कैसे नहीं लग सकी। आखिर उसे सुबह गांव वालों से घटना की खबर क्यों मिली। यह जरूर बताया कि रात करीब 11 बजे सड़क किनारे आग की लपटें उठती देखी थीं, पर कोई भी घटनास्थल की तरफ नहीं गया।
सनसनीखेज इस घटना ने सुरक्षा को लेकर सवाल जरूर खड़े कर दिए हैं। बरसाना- छाता मार्ग रात में सुनसान ही रहता है। रात में इस मार्ग पर टटलुओं और बदमाशों की चहलकदमी भी रहती है। हरियाणा के अपने गांव से कोसीकलां के लिए निकले यह लोग इस मार्ग पर कैसे पहुंचे यह गुत्थी अनसुलझी है। हरियाणा पुलिस और परिजनों का कहना है कि लालाराम और रोहताश दोनों घर से बुधवार शाम को सात बजे पलवल के लिए निकले थे, कुंवर पाल भी रास्ते में गाड़ी से बैठ गया, लेकिन लेखन उनके साथ था या नहीं यह भी पता नहीं चला। कुंवरपाल अगर गांव के पास से बैठा तो वह कहां गया, पुलिस के लिए रहस्य बना हुआ है। लेखन का फोटो गाड़ी में मिला है तो लेखन कहां गया। जली हुई लाश किन दो लोगों की है यह भी अभी स्पष्ट नहीं है। लालाराम जूते का कारोबारी है और एक मोबाइल कंपनी का वितरक भी है।
सवाल यह है कि जब ग्रामीणों ने तीनों को कार से जाते हुए देखा तो फिर अज्ञात के खिलाफ अपहरण की रिपोर्ट दर्ज क्यों कराई गई। इसका जवाब भी हरियाणा पुलिस नहीं दे पा रही है और ना ही ग्रामीण इस सवाल पर कुछ कह रहे हैं। बरसाना पुलिस इस घटना को सुबह की मान कर चल रही है, लेकिन लालाराम की पत्नी सुनीता का कहना था कि रात 11 बजे तक उसकी अपने पति से बातचीत होती रही, लेकिन रात 11 बजे के बाद उनका मोबाइल बंद हो गया। जाहिर है कि घटना को आधी रात के आसपास ही अंजाम दिया गया है। घटनास्थल से महज दो किलोमीटर दूर रामादेवी इंटर कालेज पर यूपी- 100 के खड़े होने का प्वाइंट है। घटना की रात पुलिस की यूपी-100 यहां न होकर तीन किलोमीटर दूर पीली कोठी के पास खड़ी थी। अगर यह गाड़ी वहां खड़ी थी तो रात में कार से उठती लपटें उसे क्यों नहीं दिखाई दीं। घटनास्थल से बरसाना भी महज ढाई किलोमीटर दूर है।