Stamp Theft: हाईवे और एक्सप्रेस वे के टोल प्लाजा में हाेे गया खेल, लाखों की स्टांप चोरी की आशंका
पांच टोल प्लाजा के अनुबंध में लाखों रुपये की स्टांप कमी का है शक एडीएम वित्त एवं राजस्व ने चार उप निबंधकों से मांगी रिपोर्ट।
आगरा, अमित दीक्षित। प्रदेश के दो एक्सप्रेस वे, दो हाईवे सहित पांच रोड के टोला प्लाजा के अनुबंध में लाखों रुपये की स्टांप कमी का शक है। लगातार शिकायतें मिलने के बाद मंगलवार को एडीएम वित्त एवं राजस्व योगेंद्र कुमार ने जिले के चार उप निबंधकों से रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने बताया कि उप निबंधक एत्मादपुर, फतेहाबाद, किरावली, खेरागढ़ को दो सप्ताह की मोहलत दी गई है। पांच प्रश्नों को पूछा गया है। रिपोर्ट मिलने के बाद कुल कितने रुपये की स्टांप कमी है। यह पता चल सकेगा।
रिपोर्ट में इन प्रश्नों के देने होंगे उत्तर
- टोल प्लाजा की शुरुआत कब से हुई और यह कितने में उठा।
- अनुबंध की शर्त क्या थीं।
- हर साल टोल का नवीनीकरण हुआ या फिर टेंडर निकाला गया।
- टोल वसूली करने वाली कंपनियों ने कुल कितने रुपये का स्टांप लगाया।
- कुल कितने रुपये के स्टांप की चोरी की गई।
सिक्योरिटी मनी से 72 लाख की कटौती
नेशनल हाईवे-19 को ग्वालियर रोड से जोड़ने के लिए इनर रिंग रोड बन रहा है। तीन में से पहले चरण का काम पूरा हो चुका है। पहला चरण हाईवे से लेकर फतेहाबाद रोड तक है। तीन साल पूर्व रहनकलां में टोला प्लाजा शुरू हुआ था। टोला प्लाजा के अनुबंध में स्टांप चोरी का शक हुआ। एडीए उपाध्यक्ष देवेंद्र सिंह ने 72 लाख रुपये के कम स्टांप लगाने का नोटिस खलस्कर कंपनी को जारी किया। कंपनी ने धनराशि जमा नहीं कराई। एडीए के पास जमा कंपनी की सिक्योरिटी मनी से 72 लाख रुपये की कटौती की गई।
चार साल से चल रहे दो वाद
डीएम कोर्ट में सैंया और कोरई टोल प्लाजा में वर्ष 2016 से स्टांप कमी का वाद चल रहा है। टोल वसूलने वाली कंपनी से दस्तावेज मांगे गए हैं।
ये हैं टोल प्लाजा
- खंदौली, यमुना एक्सप्रेस वे
- रहनकलां, इनर रिंग रोड
- फतेहाबाद, लखनऊ एक्सप्रेस वे
- सैंया, ग्वालियर हाईवे
- कोरई, फतेहपुरसीकरी-जयपुर हाईवे