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Intoxicated Business: नशे के लिए इंजेक्शन और कफ सीरप के काले कारोबार के कई राज्‍यों से जुड़े हैं तार

Intoxicated Business पंजाब एसटीएफ की कार्रवाई में झोल हॉकरों के छोडने की चर्चा। दवा बाजार में जानकारी जुटाने को घूमती रही औषधि विभाग की टीम कार्रवाई की पुष्टि नहीं।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sat, 18 Jul 2020 05:26 PM (IST)Updated: Sat, 18 Jul 2020 05:26 PM (IST)
Intoxicated Business: नशे के लिए इंजेक्शन और कफ सीरप के काले कारोबार के कई राज्‍यों से जुड़े हैं तार
Intoxicated Business: नशे के लिए इंजेक्शन और कफ सीरप के काले कारोबार के कई राज्‍यों से जुड़े हैं तार

आगरा, जागरण संवाददाता। नशे के लिए इंजेक्शन और कफ सीरप का काला कारोबार कई राज्यों में फैला हुआ है। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान की नारकोटिक्स और एसटीएफ की टीम हर दो से तीन महीने में छापा मार रही है। दवा कारोबारियों को पकड कर ले जाने की चर्चाएं शुरू हो जाती हैं। एक दो दिन में कारोबारी लौट आते हैं। पंजाब एसटीएफ मामले में भी दवा बाजार में चर्चा है कि पकडे गए हॉकर और दवा कारोबारियों को टीम ने छोड दिया है। मगर, कार्रवाई और छोडे जाने की अधिकारिक पुष्टि नहीं है।

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14 जुलाई को पंजाब के नंबर की एक गाडी एमएम गेट क्षेत्र में दवा का अवैध कारोबार करने वाले हॉकर सगे भाईयों के घर के बाहर रुकी, दो लोगों को अपने साथ लेकर 10 मिनट में चले गए। इसके बाद कमला नगर क्षेत्र के तीन दवा कारोबारियों को पंजाब बुलाया गया, वहां पूछताछ के बाद हिरासत में लेने की चर्चा शुक्रवार को फव्वारा दवा बाजार में रही। औषधि निरीक्षक जुनाब अली ने फव्वारा दवा बाजार में पंजाब एसटीएफ की कार्रवाई के बारे में पूछताछ की, किसी ने भी पुष्टि नहीं है। दवा कारोबारियों का कहना है कि बाजार में चर्चा है, जिन दवा कारोबारियों भाईयों के पकडे जाने की चर्चा है, उनमें से एक का नंबर बंद था। पूछताछ में पता चला कि वह यहीं है, शाम को बाजार में चर्चा होने लगी कि कमला नगर क्षेत्र का दवा कारोबारी पंजाब एसटीएफ से बचकर भाग आया है। यहां बाजार बंद होने तक चर्चाएं चलती रहीं, लेकिन कोई पुष्टि नहीं हुई है।

उधर, फव्वारा थोक दवा बाजार से बडी मात्रा में नशे के लिए इस्तेमाल होने वाले दर्द के इंजेक्शन, खांसी के सीरप और नींद की टेबलेट का काला कारोबार राजस्थान, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में किया जा रहा है। इन राज्यों में अवैध दवाएं पकडे जाने पर वहां की टीम पूछताछ के लिए आती है। ये टीमें कारोबारियों को हिरासत में लेती हैं, पूछताछ के बाद छोड दिया जाता है। चर्चा है कि मोटी रकम लेने के बाद कारोबारियों को छोडा जा रहा है। इसके चलते थाने और औषधि विभाग को कोई सूचना नहीं दी जाती है।

आठ गुना रेट में बिक रहे इंजेक्शन और सीरप

पेंटाजोसिन इंजेक्शन एक बॉक्स 20 इंजेक्शन 100 रुपये थोक रेट, ब्लैक में 600 से 800 रुपये

कोडीन सीरप 110 से 125 रुपये , ब्लैक में 250 से 300 रुपये

एल्प्राजोलम जैनरेकि टेबलेट एक स्ट्रिप में 15 टेबलेट सात से आठ रुपये थोक रेट, ब्लैक में 40 से 50 रुपये

अभी हाल में हुई कार्रवाई

- सितंबर 2019 में ग्वालियर नारकोटिक्स की टीम ने फ्रीगंज के गोदाम से 225 करोड की दवाएं जब्त कीं

- अगस्त 2019 में औषधि विभाग ने सिकंदरा से दो गोदाम से सवा करोड की दवा जब्त की, गोदाम पर काम करने वाले को जेल भेज दिया गया, सरगना पकडे नहीं गए

- जुलाई 2019 में मालवा ट्रांसपोर्ट यमुना पार में 20 लाख के कफ सीरप और दवाएं जब्त कीं, नोटिस देने के बाद कोई कार्रवाई नहीं की गई

- जनवरी 2019 में यमुना पार में एक गोदाम से बडी मात्रा में नशे के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कोडीन युक्त कफ सीरप जब्त किए गए


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