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International Drug Supplier: हर परत के साथ खुल रहा चौंकाने वाला राज, ये है आगरा गैंग का पूरा सच

International Drug Supplier आगरा गैंग की चार टीमें करतीं थी काम। नशीली दवाओं की खेप वाया कोलकाता पहुंचती थी पंजाब। पांच साल पहले ही पूरा नेटवर्क बिछा लिया था गैंग ने।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2020 01:16 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jul 2020 01:16 PM (IST)
International Drug Supplier: हर परत के साथ खुल रहा चौंकाने वाला राज, ये है आगरा गैंग का पूरा सच
International Drug Supplier: हर परत के साथ खुल रहा चौंकाने वाला राज, ये है आगरा गैंग का पूरा सच

आगरा, अजय दुबे। नशीली दवाओं के धंधे में आगरा का नाम जाहिर न हो, इसके लिए 'आगरा गैंग' ने दवाओं की आपूर्ति का रूट ही बदल दिया था। आगरा से कोलकाता होते हुए पंजाब तक नशीली दवाओं की खेप पहुंचाई जाती थी। इसके लिए गैंग ने चार अलग-अलग टीमें बनाई थीं। 

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गैंग के सरगना जितेंद्र अरोड़ा उर्फ विक्की और उसके भाई कपिल अरोड़ा से पुलिस और औषधि विभाग की पूछताछ के बाद परत दर परत खुलती जा रही हैं। 'आगरा गैंगÓ पांच साल से नशीली दवाओं का कारोबार कर रहा है। कोलकाता रूट इस्तेमाल करने के पीछे भी गैंग की दूसरी ही मंशा थी। पिछले 15 सालों से नशीली दवाओं के अवैध कारोबार में आगरा बदनाम है। ऐसे में आगरा कनेक्शन न जुड़े, इसके लिए गैंग ने आगरा से पंजाब तक वाया कोलकाता दवाएं कूरियर से भेजने का तरीका अपनाया।

ये था गैंग का नेटवर्क

पहली टीम: कृष्णा एजेंसीज के संचालक सगे भाई जितेंद्र अरोड़ा और कपिल अरोड़ा जेनेरिक दवाओं की सप्लाई करने वाली एक दर्जन कंपनियों के स्टॉकिस्ट हैं। ये दिल्ली और चंडीगढ़ की कंपनियों से नशीली दवाएं एल्प्राजोलम, ट्रमाडोल टेबलेट, इंजेक्शन बूप्रेनोरफिन, कैप्सूल डाइसाक्लिोमिन, डस्ट्रोप्रोपॉक्सीफिन कॉम्बीनेशन मंगाते हैं। कुछ दवा कंपनी गिरोह के सदस्य के नाम से भी बनाई हैं।

टीम लीडर: जितेंद्र और कपिल अरोड़ा

दूसरी टीम: गिरोह के सदस्य गौरव वर्मा, सौरभ वर्मा, गौरव गर्ग, गौरव अग्रवाल, धीरेंद्र राठौर, हरीश वाहिया के नाम से मेडिकल स्टोर के अलग-अलग पंजीकरण हैं। कुछ फर्जी मेडिकल स्टोर और फर्म भी बना रखी हैं। कृष्णा एजेंसीज से गिरोह के अन्य सदस्यों के मेडिकल स्टोर और फर्जी फर्म के नाम से नशीली दवाओं की बिक्री दर्शाते हुए बिल काटते थे। इसके बाद दवाओं को कूरियर से कोलकाता भेज दिया जाता था।

टीम लीडर:: गौरव वर्मा और सौरभ वर्मा

तीसरी टीम: आगरा गैंग के हरीश भाटिया ने कोलकाता में आफिस खोल लिया था। दिल्ली के भागीरथ पैलेस में उसकी दुकान भी है। आगरा से कूरियर से नशीली दवाएं उसके कोलकाता आफिस पहुंचती थीं। कोलकाता से इन दवाओं को कूरियर और ट्रांसपोर्ट से पंजाब भेजा जाता था।

टीम लीडर: हरीश भाटिया

चौथी टीम: कोलकाता से पहुंचने वाली दवाओं को पंजाब में बैठे गैंग के लोग संभालते थे। यहां से दवाओं की सप्लाई अन्य शहरों में की जाती थी।

टीम लीडर: पंजाब में बैठा एजेंट

जितेंद्र और कपिल अरोडा जेनेरिक दवाओं के स्टॉकिस्ट हैं। ये नशीली दवाओं का अवैध धंधा करते हैं। गोदाम का स्टॉक चेक करने और बिलिंग के रिकॉर्ड खंगालने पर 'आगरा गैंग' के बारे में और पता चल सकेगा। जांच में पंजाब पुलिस की भी मदद ली जाएगी।

राजकुमार शर्मा, औषधि निरीक्षक 


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