इन्फ्लूएंजा वायरस का कहर, बुखार से टूट रहा शरीर, लोग परेशान
बच्चे और बुजुर्गो को खतरा, सर्दी-जुकाम संग तेज बुखार, एसएन और जिला अस्पताल में बढ़े मरीज
आगरा, जागरण संवाददाता। मौसम का बदला मिजाज इन्फ्लूएंजा वायरस का संक्रमण फैला रहा है। इससे तेज बुखार, सर्दी-जुकाम के साथ शरीर में टूटन हो रही है। सरकारी अस्पताल और निजी क्लीनिक की ओपीडी में बुधवार को अधिकांश मरीज बुखार के पहुंचे। मार्च तक बच्चे और बुजुर्गो में बीमारी फैलने का खतरा है।
फरवरी में कई बार मौसम का मिजाज बदल चुका है, न्यूनतम और अधिकतम तापमान लगातार बदल रहा है। यह मौसम इन्फ्लूएंजा वायरस के लिए मुफीद है। यह वायरस अधिक सर्दी और गर्मी में निष्क्रिय हो जाता है। इससे वायरस संक्रमण के केस बढ़ने लगे हैं। एसएन की मेडिसिन और बाल रोग विभाग की ओपीडी में 60 फीसद मरीज सर्दी-जुकाम और तेज बुखार के पहुंचे। इसी तरह से जिला अस्पताल और निजी क्लीनिक पर अधिकांश वायरस संक्रमण के मरीज पहुंच रहे हैं। यह बुखार पांच से सात दिन तक रहता है, तीन दिन में आराम न मिलने पर स्वाइन फ्लू सहित अन्य जांच कराई जा रही हैं। अधिक गर्मी और सर्दी नहीं है वायरस को बर्दाश्त
इन्फ्लूएंजा ए, बी और सी को अधिक गर्मी और सर्दी बर्दाश्त नहीं है। गर्मी बढ़ने के साथ ही यह वायरस निष्क्रिय हो जाएगा। इन्फ्लूएंजा ए वायरस का स्ट्रेन ही स्वाइन फ्लू (एच1एन1) वायरस है। इन सभी के एक जैसे ही लक्षण हैं, सर्दी, जुकाम और तेज बुखार। स्वाइन फ्लू में सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। ये करें
- सर्दी जुकाम से पीड़ित परिजनों से दूर रहें, मास्क लगाएं।
- हाथ छो लें, हाथ न मिलाएं।
- पानी का सेवन अधिक करें, भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें।
वायरल संक्रमण के मरीज सबसे ज्यादा आ रहे हैं, इसमें तेज बुखार और शरीर में टूटन हो रही है। इसके साथ ही निमोनिया और हेपेटाइटिस के मरीज भी बढ़े हैं।
डॉ. नीरज यादव, बाल रोग विशेषज्ञ एसएन मेडिकल कॉलेज सांस संबंधी बीमारी से पीड़ित मरीजों में वायरस संक्रमण के फैलने से खतरा ज्यादा है। वायरस संक्रमण के बाद 15 से 20 दिन तक खांसी नहीं जा रही है।
डॉ. मृदुल चतुर्वेदी, फिजीशियन एसएन मेडिकल कॉलेज यह मौसम इन्फ्लूएंजा वायरस के लिए मुफीद है, इसी का एक रूप स्वाइन फ्लू है। इससे परेशान न हों, बच्चे और बुजुर्ग सावधानी बरतें।
डॉ. अंकुर गोयल, माइक्रोबायोलॉजिस्ट