आखिर क्यों खेती- किसानी से ऊब रहा अन्नदाता का मन, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर
देश के आठ राज्यों के छह हजार से अधिक किसानों पर हुआ सर्वे। 70 फीसद किसान कर्ज में डूबे हुए हैं वर्तमान में।
आगरा [कुलदीप सिंह]: अन्नदाता का मन खेती-किसानी से ऊब रहा है। विकल्प न होने के कारण मजबूरन खेेती करनी पड़ रही है। बच्चे ऐसी परेशानी झेलें, ये उन्हें मंजूर नहीं। कारण, खेती की लागत तक नहीं निकल रही है। यही वजह है कि किसान तनावग्रस्त हैं और आत्महत्या कर रहे हैं। यह हकीकत वेदा लाइफ रिसर्च संस्था के सर्वे में सामने आई है। संस्था ने उत्तर प्रदेश समेत देश के आठ राज्यों के छह हजार से अधिक किसानों की आर्थिक, सामाजिक और स्वास्थ्य समस्याओं पर सर्वे किया।
हर मौसम की मार सहने वाला किसान आर्थिक, मानसिक और सामाजिक रूप से कमजोर हो रहा है। खेती की लागत और मुनाफे में अंतर कम होने से वह कर्ज में डूब रहा है। वेदा लाइफ रिसर्च के निदेशक डॉ. प्रणव प्रकाश ने बताया कि किसानों की स्थिति उतनी अच्छी नहीं है, जितनी सरकारी आंकड़ों में नजर आती है। उत्तर प्रदेश और बिहार के किसान आर्थिक परेशानियों के कारण शादी समारोह तक में शामिल नहीं हो पाते हैं। यह स्थिति उन्हें सामाजिक और मानसिक रूप से कमजोर बना रही है। उप्र के 84 फीसद किसान कोई अन्य विकल्प मिलने पर खेती छोडऩे को तैयार हैं। जबकि राष्ट्रीय औसत करीब 75 फीसद है। प्रदेश के 92 फीसद किसान बच्चों से खेती नहीं कराना चाहते। सरकारी योजनाएं किसानों को उतना लाभ नहीं पहुंचा पा रहीं हैं, जितनी जरूरत हैं।
किसानों की व्यथा बताते आंकड़े
- 59 फीसद खेती की लागत वहन करने में असमर्थ
- 53 फीसद चिकित्सा का खर्च वहन करने में असमर्थ
- 58 फीसद बच्चों की शिक्षा का खर्च उठाने में असमर्थ
- 24 फीसद कैंसर से पीडि़त
- 38 फीसद किसान जमीनी विवाद से परेशान
- 45 फीसद हैं वर्तमान में तनावग्र्रस्त
- 47 फीसद घरेलू विवादों से घिरे हुए हैं
(नोट - सभी आंकड़े आठ राज्यों का राष्ट्रीय औसत हैं)
इन राज्यों में हुआ सर्वे
राज्य सर्वे में शामिल किसान
उत्तर प्रदेश 1237
हरियाणा 982
पंजाब 623
बिहार 982
मध्य प्रदेश 782
छत्तीसगढ़ 520
प. बंगाल 684
महाराष्ट 769
कुल 6579 लोगों पर किया गया सर्वे।
प. बंगाल में स्थिति सबसे खराब
सर्वे में सामने आया कि प. बंगाल के किसानों की स्थिति देश में सबसे अधिक खराब है। यहां 56 फीसद किसान डायबिटीज और 41 फीसद किसान कैंसर से पीडि़त हैं। हाई ब्लड प्रेशर में बंगाल का औसत 46.93 फीसद, जबकि राष्ट्रीय औसत 39.27 फीसद है।
तनाव का शिकार बना रही खेती
देश के 40 फीसद किसान ब्लड प्रेशर, 29 फीसद डायबिटीज और 24 फीसद कैंसर से पीडि़त हैं। इनके इलाज में उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो रही है।