Move to Jagran APP

पैसेंजर ट्रेन चलें तो बढ़ें किसानों की आमदनी के रास्ते

पैसेंजर नहीं चलने के कारण सब्जी बेचने के लिए नहीं जा पा रहे आसपास के जिला और राज्यों में कम भाड़े के कारण पसंद करते हैं ट्रेनों में सफर करना किसान स्पेशल ट्रेन की कर रहे डिमांड

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 05:20 AM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 05:20 AM (IST)
पैसेंजर ट्रेन चलें तो बढ़ें किसानों की आमदनी के रास्ते
पैसेंजर ट्रेन चलें तो बढ़ें किसानों की आमदनी के रास्ते

आगरा, जागरण संवाददाता। लाकडाउन में पैसेंजर ट्रेनों के पहिया क्या थमे, बहुत से किसानों की आमदनी के रास्ते बंद हो गए। कम भाड़े में अपने शहर के अलावा आसपास जिलों और कस्बों की मंडी तक पहुंचने से मुनाफा बढ़ जाता है। ऐसे में पैसेंजर ट्रेनों के साथ किसान स्पेशल ट्रेन मिले तो उनकी आमदनी के रास्ते और खुलें।

loksabha election banner

शहर से लगे रेलवे के आसपास कई स्टेशन हैं। ये किसानों की पहुंच में हैं। लाकडाउन से पहले पैसेंजर ट्रेनों के माध्यम से हर रोज आसपास गांवों के किसान हर सुबह इन ट्रेनों में अपना एक-दो बोरी सब्जी आदि भरकर ले जाते थे और शाम को उसी ट्रेन से लौट आते थे। आसपास के जिलों तक इस आवागमन में बमुश्किल 30 से 50 रुपये खर्च होते थे। ऐसे में उनकी बचत ज्यादा होती थी और सब्जी बेचने के स्थान भी बढ़ जाते थे। जिले में अछनेरा, पथौली, कीठम, एत्मादपुर, यमुना ब्रिज, भाड़ई आदि ऐसे स्टेशन हैं, जहां पैसेंजर ट्रेनें रुकती हैं। लाकडाउन से पहले यहां से किसान मथुरा, भरतपुर, पलवल, ग्वालियर आदि शहरों में सब्जी आदि बेचने जाते थे। इतना ही नहीं, इन स्टेशनों से बहुत से किसान और दूधिये आगरा शहर भी आते थे। दरअसल, सड़क मार्ग से आने में उन्हें भाड़ा अधिक देना पड़ता है। सब्जी के एक-दो बोरी के परिवहन में सड़क मार्ग और पैसेंजर ट्रेन के भाड़े में तीन से चार गुने का अंतर पड़ता है। ऐसे में पैसेंजर और किसान स्पेशल ट्रेन चलने से उनकी आय में इजाफा होगा।

अछनेरा, पथौली जैसे छोटे रेलवे स्टेशनों से आसपास के गांवों के तमाम किसान हर रोज भरतपुर सब्जियां आदि बेचने ले जाते थे। लाकडाउन से इनका काम बंद है। भाड़ा कम होने की वजह से बचत थोड़ी ज्यादा हो जाती थी। किसान स्पेशल ट्रेन की काफी आवश्यकता है।

- मोहन सिंह चाहर, प्रांत अध्यक्ष, भारती किसान संघ सड़क मार्ग से एक-दो बोरी के परिवहन में बहुत ज्यादा खर्च होता है। ऐसे में किसान स्पेशल ट्रेन मिले तो किसानों के लिए तरक्की के रास्ते खुलें। फिर वह अपने ही नहीं, आसपास के जिलों की मंडी में भी कम भाड़ा खर्च कर आसानी से पहुंच सकेंगे।

सोमवीर यादव, किसान


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.