कैश बिक्री दिखा किया काला धन सफेद
आगरा: नोटबंदी के दौरान काले धन को सफेद करने का बुलियन कारोबारियों ने बड़ा खेल किया।
जागरण संवाददाता, आगरा: नोटबंदी के दौरान काले धन को सफेद करने का बुलियन कारोबारियों ने आसान तरीका अपनाया। सोने-चांदी की बिक्री कैश दिखाई गई। बिल पचास हजार से कम रखा गया, ताकि नाम और पते की जरूरत न पड़े। साथ ही बदले में 30 से 40 फीसद कमीशन भी लिया गया। आयकर विभाग की जांच के दौरान यह भी सामने आया है कि आगरा और मथुरा के तीनों कारोबारियों ने इस खेल में एक दूसरे का सहयोग किया। बंद हो चुकी फर्म से दिखाई खरीदारी
जांच के दौरान टीमों को हैरान करने वाली बात पता चली। तीनों फर्मो ने इतनी बड़ी मात्रा में चांदी की कैश बिक्री दिखाई, लेकिन इस चांदी की खरीदारी का स्रोत विभाग ने जानना चाहा, तो मुंबई के वैनिटी ज्वेलर्स का नाम सामने आया। संदेह होने पर विभाग ने पता किया तो यह फर्म तो 2012 से ही बंद चल रही है। लिहाजा चांदी क्रेडिट खरीदारी फर्जी कागजों पर दिखाई गई। नोट बदलने के नाम पर की कमाई
विभागीय सूत्र बता रहे हैं कि नोटबंदी के दौरान तीनों कारोबारियों ने सोने-चांदी के नाम पर लोगों के पुराने नोट जमकर बदले। इसके लिए बदले उन्होंने 30 से 40 फीसद तक कमीशन लिया। इसलिए सारे ट्राजेंक्शन 50 हजार से कम के दिखाए गए। 31 प्रतिष्ठान कार्रवाई के घेरे में
विभाग की इस कार्रवाई में कुल 31 प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई हुई। 24 के खिलाफ सर्च वारंट जारी किए गए, जिनमें 18 आगरा के, पांच मथुरा और एक मुंबई का है। वहीं सात प्रतिष्ठानों पर सर्वे हुआ। जिसमें पांच आगरा, एक मुंबई और एक दिल्ली का है। गाड़ियां देख सहमे लोग
सुबह सुबह शुरू हुई विभाग की कार्रवाई का कोई भी अंदाजा नहीं लगा पाया। किनारी बाजार, मोती कटरा और कमलानगर में एक साथ पहुंची गाड़ियों को देखकर इलाके में खलबली सी मच गई। कार्रवाई एक साथ अंजाम देने के कारण किसी को भी संभलने का मौका नहीं मिला। बाजार में दिनभर रही अफरा-तफरी
किनारी बाजार में एक साथ 18 कारोबारियों के ठिकानों पर कार्रवाई होने से सराफा कारोबारियों में अफरा तफरी मच गई। सूचना आग की तरह फैली और किनारी बाजार में भीड़ जुटना शुरू हो गई। व्यापारी भी पहुंचे लेकिन अपने प्रतिष्ठान खोलने की हिम्मत नहीं जुटा सके। बाजार में तमाम तरह की चर्चाएं होने लगीं। कुछ लोग कहते दिखे कि शिकायत काफी दिनों से हो रही थी, एक्शन अब देखने को मिला।