अल्लाह मेरे गुनाहों की मगफिरत अता फरमा,शब-ए-बरात की रात मस्जिदों में इबादत
कब्रिस्तान में दुआपचकुइयां लाल सैय्यद न्यू आगरा और ताजगंज कब्रिस्तानों में हुए जलसे
By Edited By: Published: Sun, 21 Apr 2019 08:00 AM (IST)Updated: Sun, 21 Apr 2019 08:01 AM (IST)
आगरा,जागरण संवाददाता। सूरज छिपा और शब-ए-बरात का वक्त शुरू हो गया। हर शख्स अल्लाह की रजा में लग गया। मस्जिदों में इबादत और कब्रिस्तानों में मरहूमों के लिए दुआ का सिलसिला चल पड़ा। बढ़ती रात के साथ ही जलसों की आवाजें सड़कों के सन्नाटे को चीरने लगीं। आंसूओं से छलकती आंखें और आसमां की तरफ उठे हाथ मगफिरत की गुहार लगा रहे थे। शनिवार को शब-ए-बरात के मौके पर शहर के पंचकुइयां, लाल सैय्यद, न्यू आगरा, गोबर चौकी और ताजगंज कब्रिस्तानों में दुआओं के दौर चले। दूसरे देशों से आए उलेमाओं ने भी इनमें शिकरत की और इस्लाम की बारीकियों पर प्रकाश डाला। सबसे बड़ा जलसा पचकुइयां कब्रिस्तान में हुआ। यहां फीरोजाबाद के मौलाना मुस्तफा, अकबरी मस्जिद के कारी मुईन उद्दीन, कारी जैद आदि ने किरात की। दूसरा जलसा मंटोला में हुआ। यहां नेपाल से आए मौलाना सगीर अहमद चतुर्वेदी ने बयान पेश किए। लाल सैय्यद कमेटी की ओर से मदिया कटरा रोड पर जलसे का आयोजन किया गया। इसमें भी कई जिलों के उलेमाओं ने तकरीर की। युवाओं का लगा रहा तांता शब-ए-बरात की रात कब्रिस्तान में युवाओं की संख्या सबसे अधिक नजर आई। इन्होंने अपने मरहूमों की कब्र के पास फातिहा ख्वानी और दुआ की। मस्जिदों में गुजरी रात इशां की नमाज के बाद लोगों ने मस्जिदों में नमाज अदा की। फिर पूरी रात इबादत की। सुबह फज्र की नमाज अदा करके अपने घर गए। बच्चे भी रोते हुए मांगते रहे दुआ जलसों के समापन पर उलेमाओं ने दुआ कराई। इसमें बुजुर्ग से लेकर बच्चे तक शामिल हुए। दुआ करते वक्त हर शख्स की आंखों में आंसू छलक रहे थे। इन्होंने कराए जलसे पचकुइयां कब्रिस्तान कमेटी के महासचिव हाजी मोहम्मद अफजाल, सचिव जहीर उद्दीन बाबर, नायब सदर हाजी मोहम्मद शहजाद और यामीन वारसी, कोषाध्यक्ष हसीन शम्शी, अदनान कुरैशी, मंटोला जलसे में हाजी मोहम्मद, सगीर अहमद, कारी आबिद, हाफिज जमील, हाफिज नफीस, मदिया कटरा के जलसे हाजी पप्पू आदि मौजूद रहे।
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