Donald Trump के बाद अब गुजरेंगे G-20 के प्रतिनिधि, पहले की जैक से जुगाड़ अब तक आगरा के इस पुल का उपचार
Agra News ईदगाह-खेरिया रेलवे ओवर ब्रिज से फरवरी 2022 में जैक लगाकर निकाला गया था तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का काफिला। बोर्ड लगाकर भूल गए हम। अब जी-20 देश के प्रतिनिधि अतिथियों की बारी। कभी भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता पुल।
आगरा, अमित दीक्षित। देश-विदेश के महत्वपूर्ण लोगों की आवाजाही। एयरपोर्ट से ताजमहल को जोड़ने का इकलौता मार्ग। मार्ग पर खड़ा ईदगाह-खेरिया रेलवे ओवर ब्रिज। इससे अमेरिका के राष्ट्रपति रहते ट्रंप गुजरे, लेकिन पुल में जैक लगाकर। यह जुगाड़ भी उन्हीं की सुरक्षा एजेंसी ने किया। हमारे शासन-प्रशासन ने नहीं। हमने किया तो महज इतना कि एक बोर्ड लगा दिया, पुल कमजोर है, भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित। तब से वर्जना वर्जित का हांक लगा रही है और जिम्मेदार लापरवाही के खर्राटे भर रहे हैं। यह खर्राटा तब भी नहीं थम रहा है जब कि जी-20 देश का सम्मेलन देश में होना है। सम्मेलन के प्रतिनिधि अतिथि के तौर पर यहां भी आएंगे। एयपोर्ट से ताजमहज आएंगे-जाएंगे। इसी पुल को हम उनके यातायात का माध्यम बनाएंगे।
देश दुनिया के वीवीआइपी गुजर चुके हैं जर्जर पुल से
साढ़े तीन दशक पूर्व 25 करोड़ रुपये से ईदगाह-खेरिया रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण हुआ था। तब से अब तक इस पुल से देश के अति विशिष्ट लोगों के साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, डोनाल्ड ट्रंप, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों सहित कई अन्य देशों के राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री ताजमहल देखने को इस पुल से गुजर चुके हैं। 24 फरवरी 2020 अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जब ताजमहल देखने आए थे तब भी पुल को जर्जर मान उनका रूट बदलने का प्रयास हुआ था, लेकिन वैकल्पिक रूट संकरा था, इसलिए उनकी सुरक्षा एजेंसी ने पुल वाले मार्ग को ही चुना, लेकिन उनके काफिले को यहां से गुजारने के लिए पुल के नीचे जैक लगाया। बावजूद इसके प्रशासन की नींद नहीं टूटी। पुल को मजबूत बनाने या ढहाने के बजाय मात्र चेतावनी का बोर्ड लगा दिया गया।
पुल से गुजरेंगे जी-20 देश के प्रतिनिधि
जल्द ही इस आरओबी से जी-20 देश के प्रतिनिधियों के वाहन भी गुजरेंगे। प्रतिनिधियों का आगरा आगमन एक दिसंबर से 30 सितंबर 2023 तक चलेगा। फरवरी 2023 में कल्चरल कोर ग्रुप की बैठक आगरा में होगी। ऐसे में इस बैठक में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में सदस्य आएंगे। यह और बात है कि गुजरात में मोरबी पुल गिरने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी पुलों व आरओबी की जांच के आदेश दिए थे। लोक निर्माण विभाग की जांच में ईदगाह-खेरिया आरओबी खतरनाक मिला, जो कई जगहों पर दरक गया है। बीयरिंग भी ठीक से काम नहीं कर रही है। ऐसे में इस आरओबी की मरम्मत के लिए कहा गया था। लोक निर्माण विभाग की टीम चेतावनी बोर्ड व हाइट गेज बैरियर लगा गहरी नींद में सो गई है।
गुजरते हैं हजारों वाहन
ईदगाह-खेरिया आरओबी से चौबीस घंटे में हजारों वाहन गुजरते हैं। इसमें दो और चार पहिया वाहन शामिल हैं।
जिम्मेदार लापरवाह
लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता एसके अग्रवाल, अधीक्षण अभियंता आनंद कुमार, अधिशासी अभियंता पीके शरद।
विशेषज्ञों की टीम कर रही परीक्षण, ड्रोन का भी लिया जाएगा सहारा
लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता एसके अग्रवाल का कहना है कि ईदगाह-खेरिया आरओबी का परीक्षण कराया जा रहा है। इसके लिए ड्रोन का भी प्रयोग किया जाएगा जो भी कमी सामने आएगी, उसके आधार पर आरओबी की मरम्मत का प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा।