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House Tax: आगरा में तो 100 करोड़ रुपये का मिल सकता है हाउस टैक्स

नगर निगम के सदन में तीन बार रखा जा चुका है प्रस्ताव। नहीं हो रही टैक्स की वसूली। प्रत्येक राजस्व निरीक्षक को नहीं दिया जाता है हर दिन की राजस्व वसूली का लक्ष्य। निगम के सदन में तीन बार 100 करोड़ रुपये हाउस टैक्स की वसूली का लक्ष्य रखा गया।

By Nirlosh KumarEdited By: Published: Sat, 16 Oct 2021 04:26 PM (IST)Updated: Sat, 16 Oct 2021 04:26 PM (IST)
House Tax: आगरा में तो 100 करोड़ रुपये का मिल सकता है हाउस टैक्स
आगरा में हाउस टैक्स की वसूली पर नगर निगम द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

आगरा, जागरण संवाददाता। नगर निगम प्रशासन के अफसरों के जरा से प्रयास से शहर की सूरत बदल सकती है। इस वित्तीय साल में 70 करोड़ रुपये के बदले 100 करोड़ रुपये का हाउस टैक्स मिल सकता है। बशर्ते ठीक तरीके से प्लानिंग की जाए और उसका क्रियान्वयन कराया जाए। निगम के सदन में तीन बार 100 करोड़ रुपये हाउस टैक्स की वसूली का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन अफसरों ने इसे अधिक बताकर सदन में पास नहीं होने दिया। यहां तक कि प्रत्येक राजस्व निरीक्षक को हर दिन राजस्व वसूली का लक्ष्य भी नहीं दिया गया है। मेयर नवीन जैन का कहना है कि हाउस टैक्स की वसूली पर ध्यान दिया जा रहा है। जल्द ही इसे लेकर बैठक की जाएगी।

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यह होगा फायदा

अगर हाउस टैक्स की वसूली अधिक होगी तो इससे शहर के विकास कार्यों को गति मिलेगी। जिस क्षेत्र से टैक्स मिलता है, नियमानुासर उस क्षेत्र में 40 से 65 फीसद धनराशि खर्च की जाती है। इसमें नाली और रोड का निर्माण सहित अन्य शामिल हैं।

पार्षद क्या बोले

नगर निगम प्रशासन सही तरीके से हाउस टैक्स की वसूली करे तो आसानी से 100 करोड़ रुपये का टैक्स प्राप्त हो सकता है। हर राजस्व निरीक्षक को टैक्स वसूली का लक्ष्य दिया जाए।

-रवि माथुर, पार्षद पीपल मंडी

100 करोड़ रुपये की टैक्स वसूली का लक्ष्य नगर निगम के सदन में रखा जा चुका है। अफसरों ने हाथ पीछे खींच लिए, जिसके चलते यह मंजूर नहीं हो सका।

-राकेश जैन, पार्षद कचहरी घाट

जिस तरीके से शहर तेजी से बढ़ रहा है, उसे देखते हुए हाउस टैक्स की वसूली का लक्ष्य 100 करोड़ रुपये से अधिक होना चाहिए।

-मोहन सिंह, पार्षद ताजगंज

हाउस टैक्स की वसूली पर नगर निगम प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है। नहीं तो लक्ष्य से कहीं अधिक टैक्स मिल सकता है।

-बंटी माहौर, पार्षद राजनगर

यह होनी चाहिए प्लानिंग

-नगर निगम के सौ वार्डों में विशेष अभियान चलाकर आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियों का सर्वे होना चाहिए।

-टैक्स का निर्धारण नई दर से करना चाहिए।

-टैक्स जमा करने में आनाकानी नहीं होनी चाहिए।

-टैक्स की दर को रिवाइज किया जाना चाहिए।

-आवासीय क्षेत्र में अगर व्यावसायिक कार्य हो रहा है तो ऐसे में व्यावसायिक टैक्स लिया जाना चाहिए।

-हर दिन के हिसाब से प्रत्येक राजस्व निरीक्षक को हाउस टैक्स की वसूली का लक्ष्य मिलना चाहिए।

नगर निगम एक नजर में

-नगर निगम के सौ वार्डों में पांच हजार मुहल्ले हैं।

-कुल 3.15 लाख भवन हैं, जिनमें 35 हजार व्यावसायिक हैं।

-वर्ष 2018-19 में टैक्स की वसूली का लक्ष्य 45 करोड़ रुपये था जबकि वसूली 50 करोड़ रुपये की हुई।

-वर्ष 2019-20 में टैक्स की वसूली का लक्ष्य 60 करोड़ रुपये था जबकि वसूली 50 करोड़ रुपये हुई।

-वर्ष 2020-21 में टैक्स की वसूली का लक्ष्य 65 करोड़ रुपये था जिसे घटाकर 60 करोड़ रुपये कर दिया गया था। टैक्स की वसूली 45 करोड़ रुपये हो सकी।

-वर्ष 2021-22 में टैक्स की वसूली का लक्ष्य 70 करोड़ रुपये है। 14 अक्टूबर तक 18 करोड़ रुपये का राजस्व मिल चुका है।


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