मोदी के मंत्र से दादा- नाती ने तलाशा रोजगार का ऐसा तंत्र, हर कोई कह रहा वाह Agra News
मोदी के नाम से नामचीन बने नूरी दरवाजे में बिक रहे पकौड़े। चार वर्षों से बेरोजगार दादा-नाती ने खोला मोदी पकौड़ा भंडार।
आगरा, जागरण संवाददाता। करीब चार वर्षों तक खाली हाथ बैठे रहे कारोबारी परिवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्र से रोजगार का नया तंत्र तलाश लिया। जिन पकौड़ों को बेरोजगारों से मजाक माना गया, इस परिवार के दादा-नाती ने उन्हीं पकौड़ों को मोदी नाम देकर बाजार में तहलका मचा दिया। दो दिन में ही मोदी नाम के पकौड़े लोगों की जुबां पर चढ़ गए।
वैसे तो आजादी की जंग की गाथा में आगरा शहर का नूरी दरवाजा की अक्का गली का नाम बड़ी शिददत से दर्ज है। इसी गली में क्रांतिकारी सरदार भगत सिंह ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर असेंबली में फेंकने के लिए बम तैयार किए थे। मगर अब अक्का गली के इसी मकान के नीचे दो दिन पहले ही खुले 'मोदी पकौड़ा भंडार' के नाम से दुकान से ये गली अचानक चर्चा में आ गई है। हुआ यूं कि राजकुमार गर्ग और उनके पौत्र श्रीगोपाल अग्र्रवाल कई वर्षों से बेरोजगार थे। राजकुमार बताते हैं कि छह वर्ष पूर्व जयपुर हाउस में बीएम ट्रेडर्स की फर्म खोली मगर उधारी के कारण यह कारोबार ठप हो गया। इसके बाद बेटे हिमांशु ने एक कंपनी में नौकरी कर जैसे-तैसे घर का खर्च चलाया। श्रीगोपाल ने बताया कि पहले उनकी गुड्डू इलेक्ट्रानिक्स की दुकान थी। यह दुकान भी नहीं चली। चार वर्ष तक बेरोजगार रहा।
श्री गोपाल बताते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने पकौड़े बेचने को रोजगार बताया था। वे बताते हैं कि वर्ष 2018 में मोदी द्वारा एक इंटरव्यू में बोली गई यह बात पिछले दिनों अचानक उनके जहन में उतर गई। पूरी तैयारी कर एक बार फिर रोजगार करने की ठानी। 15 जुलाई को साधारण सी दुकान खोली। मोदी नाम के पकौड़ों से पहले दिन ही ग्राहक टूट पड़े। शाम तक 2300 रुपये की बिक्री कर ली। अब तो रोज ही पकौड़े खूब बिक रहे हैं।