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Mining Mafia in Agra: आगरा में अवैध खनन का बदला तरीका, ट्रोला और ट्रकों से आ रही बालू

Mining Mafia in Agraसिपाही की हत्या के बाद ट्रैक्टर-ट्रालियों पर है पुलिस की नजर। ट्रकों के नंबर मिटा देते हैं खनन माफिया शहर तक दे रहे सप्लाई। राजस्थान नंबर की गाड़ियों की नंबर प्लेट पर आधे नंबर मिटे रहते हैं।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2020 03:48 PM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2020 03:48 PM (IST)
Mining Mafia in Agra: आगरा में अवैध खनन का बदला तरीका, ट्रोला और ट्रकों से आ रही बालू
ट्रैक्टर-ट्राली से बालू लाने के बजाय अब ट्रक और ट्रोला से लाई जा रही है।

आगरा, जागरण संवाददाता। खेरागढ़ में सिपाही को ट्रैक्टर से कुचलने के बाद भी अवैध बालू खनन पर अंकुश नहीं लगा है। अब अवैध खनन का तरीका बदल गया है। ट्रैक्टर-ट्राली से बालू लाने के बजाय अब ट्रक और ट्रोला से लाई जा रही है। राजस्थान नंबर की गाड़ियों की नंबर प्लेट पर आधे नंबर मिटे रहते हैं। इसके बाद भी न तो पुलिस को इन्हें देखने की फुर्सत है और न हीं संभागीय परिवहन विभाग और खनिज विभाग को। धड़ल्ले से ये शहर में बालू की सप्लाई दे रहे हैं।

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राजस्थान से अवैध खनन कर बालू उत्तर प्रदेश में लाई जाती है। अब तक राज्य की सीमा पर बसे कुछ गांवों के लोग ट्रैक्टर और ट्रालियों से बालू लाकर यहां मंडियों और बिल्डिंग मैटेरियल की दुकानों तक सप्लाई देते थे। आठ नवंबर को सैंया थाने में तैनात सिपाही सोनू कुमार चौधरी ने पुलिस टीम के साथ अवैध खनन करने वाले ट्रैक्टर-ट्राली का पीछा किया था। खेरागढ़ क्षेत्र के सोन का बड़ा नगला में ट्रैक्टर से कुचलकर उनकी हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस अब तक खनन माफिया हेत सिंह समेत तीन को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। ट्रैक्टर मालिक और चालक अभी तक पुलिस की पकड़ में नहीं आए हैं। पुलिस की सख्ती के चलते ही अभी ट्रैक्टर-ट्राली से होने वाली बालू की सप्लाई बंद है। दोनों राज्यों के जोड़ने वाले रोड पर पुलिस फोर्स तैनात है। अब अवैध खनन करने वालों ने अपना तरीका बदल लिया है। ट्रकों और ट्रोला में बालू में बालू भरकर लाई जा रही है। इनके ऊपर मोरंग की पर्त लगा ली जाती है, जिससे बालू न दिखे। बड़ी-बड़ी गाड़ियों से सीधे निर्माणाधीन साइट्स पर इसकी सप्लाई दी जा रही है। खंदारी चौराहा से हर दिन पांच से दस ट्रक गुजरते हैं। केंद्रीय हिंदी संस्थान रोड पर सुबह छह से नौ बजे तक ये ट्रक दिखाई देते हैं। यहां रोड के किनारे ट्रकों को खड़ा करके फावड़े से बालू के ऊपर से मोरंग हटाई जाती है। राजस्थान नंबर के इन ट्रकों की नंबर प्लेट पर पूरे नंबर नहीं दिखते। आगे के नंबर मिटे होंगे तो पीछे के कुछ नंबरों पर काला तेल पड़ा होगा, जिससे नंबर पठनीय न रहें। खंदारी की तरह शहर के अलग-अलग इलाकों में इसी तरह सप्लाई हो रही है। 


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