कुछ भी करो एक्सप्रेस वे और हाईवे के अवैध कट को बंद कराओ
मंडलायुक्त ने एनएचएआइ व संबंधित अफसरों को जारी किए आदेश बेहतर क्वालिटी के लगाए जाएं सीसीटीवी कैमरे सैंया टोल प्लाजा पर परिवहन और पुलिस की टीम करेगी ओवर लोड वाहनों की जांच
आगरा, जागरण संवाददाता। लखनऊ एक्सप्रेस, यमुना एक्सप्रेस वे, दिल्ली- आगरा हाईवे, मुंबई हाईवे, जयपुर हाईवे, इनर रिग रोड पर जो भी अवैध कट हैं, उन्हें अविलंब बंद कराया जाए। यह कहना है मंडलायुक्त अमित गुप्ता का। रेलिग या फिर ग्रिल काटकर ढाबा या फिर दुकान के लिए बनाए गए रास्तों को बंद कराया जाए। उन्होंने रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक को आदेश दिया कि रोडवेज की ऐसी बसें, जिनका चालान किया गया है। सात दिनों के भीतर उनका भुगतान कराया जाए। हाईवे पर बेहतर क्वालिटी के सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ), लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), उप्र एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के अफसरों को कैमरों की जांच के आदेश दिए। वहीं सैंया टोल प्लाजा पर परिवहन और पुलिस की टीम ओवर लोड वाहनों की जांच करेगी।
कमिश्नरी में बुधवार को मंडलायुक्त ने मंडलीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक की। उन्होंने कहा कि संबंधित विभागों में तालमेल होना जरूरी है। मिलकर कार्य करने से सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लग सकेगा। एक्सप्रेस वे और हाईवे पर अनाधिकृत रूप से खड़े होने वाले वाहनों को रोका जाए। वहीं सैंया टोल प्लाजा पर ओवर लोड वाहनों की जांच की जाए। यह जांच पुलिस और परिवहन विभाग की संयुक्त टीम करेगी। यदि वाहन स्वामी द्वारा परमिट के नियमों का उल्लंघन किया जाता है तो वाहन के लाइसेंस के निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी। एआरटीओ से पिछली बैठक की जानकारी मांगी। एक माह के भीतर जांच रिपोर्ट उपलब्ध न कराने पर प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाएगी। उन्होंने संभागीय परिवहन अधिकारी को आदेश दिया कि निरीक्षण रिपोर्ट का प्रारूप निर्धारित करें, जिससे समीक्षा में सभी बिदुओं को देखा जा सके। उन्होंने संयुक्त निदेशक माध्यमिक को विद्यालयों में संचालित वाहनों की समय-समय पर चेकिग करने के निर्देश दिए।
15 साल पुराने वाहनों पर करें कार्रवाई : मंडलायुक्त ने कहा कि 15 साल से पुराने वाहनों का निस्तारण कराया जाए। यह कार्रवाई पुलिस और परिवहन विभाग की टीम संयुक्त रूप से करेगी।
एंबुलेंस की होगी जांच : मंडलायुक्त ने कहा कि मानकों के विपरीत रोड पर संचालित एंबुलेंस की जांच की जाए। एंबुलेंस में स्वास्थ्य संबंधी कितने इंतजाम हैं, इसकी जांच के आदेश दिए।