स्मारकों के पास धड़ल्ले से अवैध निर्माण
एएसआइ ने विभिन्न थानों में निर्माण रुकवाने को दी तहरीर पुलिस-प्रशासन के कार्रवाई नहीं करने से लोगों के हौंसले बुलंद
आगरा, जागरण संवाददाता। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) द्वारा संरक्षित स्मारकों के प्रतिषिद्ध और विनियमित क्षेत्र में धड़ल्ले से बेखौफ होकर अवैध निर्माण कराए जा रहे हैं। एएसआइ के सिकंदरा उप-मंडल ने तीन स्मारकों के समीप बिना अनुमति निर्माण कराए जाने पर उसे रुकवाने को संबंधित थाना क्षेत्रों में पिछले तीन-चार दिनों में कई तहरीर भेजी हैं। पुलिस-प्रशासन द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने से अवैध निर्माण कराने वालों के हौंसले बुलंद हैं।
संरक्षित स्मारक सिकंदरा के प्रतिषिद्ध क्षेत्र में पश्चिमी दिशा में बिना अनुमति के अनाधिकृत रूप से भवनों का नवनिर्माण कराने पर एएसआइ द्वारा गायत्री विहार कालोनी बाईंपुर रोड निवासी प्रमोद, विनोद, कुमोद, आमोद के खिलाफ तहरीर थाना सिकंदरा में दी गई है। संरक्षित स्मारक दिल्ली गेट के विनियमित क्षेत्र में उत्तर दिशा में साइंटिफिक पैथोलाजी के भवन के ऊपरी तल पर बिना अनुमति के अनाधिकृत रूप से लोहे के पिलर लगाकर निर्माण कराने पर अशोक शर्मा के खिलाफ थाना हरीपर्वत में तहरीर दी गई है। वहीं, ढाकरी का महल के विनियमित क्षेत्र में पूर्वी-उत्तरी दिशा में बिना अनुमति के अनाधिकृत रूप से दुकानों का नवनिर्माण कराने पर सुनील के खिलाफ थाना जगदीशपुरा में तहरीर दी गई है।
अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि स्मारकों के समीप अवैध निर्माण पर पूरी निगाह रखी जाती है। उन्हें ध्वस्त करने का अधिकार हमारे पास नहीं है। प्रशासन के स्तर से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई होती है। अधिनियम में सजा का प्रावधान :
प्राचीन संस्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल और अवशेष (संशोधन एवं विधिमान्यकरण) अधिनियम, 2010 की धारा 20 (क) के अनुसार संरक्षित क्षेत्र या स्मारक की सीमा से सभी दिशाओं में 100 मीटर दूर तक के प्रतिषिद्ध क्षेत्र में किसी भी प्रकार का निर्माण व खनन प्रतिबंधित है। अधिनियम की धारा 20 (ख) के अनुसार संरक्षित स्मारक या स्थल के प्रतिषिद्ध क्षेत्र के बाहर 200 मीटर की दूरी तक के विनियमित क्षेत्र में सक्षम अधिकारी से अनुमति लेकर काम कराया जा सकता है। आगरा में सक्षम अधिकारी कमिश्नर हैं। इसके उल्लंघन पर दो वर्ष तक की सजा या एक लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है।