Tajmahal: टिकटों पर हो पर्यटकों का नाम तो ताजमहल पर नहीं हो कोई परेशान
वीकेंड में शनिवार व रविवार को सैकड़ों पर्यटक ताजमहल देखे बगैर लाैटने को हुए हैं मजबूर। टिकट पर पर्यटक का नाम नहीं होने से लपके बल्क में टिकट बुक कराकर कर रहे हैं ब्लैक। कैपिंग के चलते स्लॉट हो रहे जल्द फुल।
आगरा, जागरण संवाददाता। वीकेंड पर ताजमहल पर टिकटें नहीं मिलने से पर्यटक परेशान हो रहे हैं। ताजमहल देखे बगैर उन्हें लौटना पड़ रहा है। ऐसा कैपिंग से अधिक लपकों की वजह से हो रहा है। लपकों द्वारा टिकट बुक कर बेचे जाने से पर्यटकों को टिकटें नहीं मिल पा रही हैं। लपकों पर शिकंजा कस लिया जाए तो यह समस्या नहीं हो। वहीं, टिकटों पर पर्यटकों का नाम प्रिंट कर भी इस समस्या को दूर कर किया जा सकता है, क्योंकि अभी तक किसी भी दिन ताजमहल की पांच हजार टिकटें बुक नहीं हुई हैं।
कोरोना काल में ताजमहल 21 सितंबर को खोला गया था। एक दिन में ताजमहल की अधिकतम पांच हजार टिकटें (सुबह व दोपहर के स्लाट में 2500-2500 टिकटें) ही बुक हो सकती हैं। इसके चलते रविवार को दोपहर 12:30 बजे और शनिवार को दोपहर दो बजे तक दोपहर के स्लाट की सभी टिकटें बुक होने से ताजमहल पहुंचकर टिकट बुक करने वाले पर्यटकों को स्मारक देखे बगैर लौटना पड़ा। दोनों दिन दोपहर के स्लाट की सभी टिकटें बुक जरूर हुईं, लेकिन पर्यटक नहीं आए। दरअसल, ताजमहल पर सक्रिय हुए लपके टिकटें बुक कर ले रहे हैं। इन्हें दूरदराज से ताजमहल देखने आए पर्यटकों को वो कई गुना अधिक कीमत पर बेच रहे हैं। पुलिस द्वारा मिलीभगत के चलते लपकों पर कार्रवाई नहीं की जा रही है।
अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि अभी तक एक भी दिन ताजमहल की सभी टिकटें बुक नहीं हो सकी हैं। दोपहर के स्लाट में सभी टिकटें बुक जरूर हुई हैं, लेकिन सभी पर्यटक नहीं आए हैं। पुलिस-प्रशासन लपकों पर कार्रवाई करे तो वर्तमान कैपिंग में ही काम चल सकता है।
दो दिनों में क्या रही स्थिति (दोपहर के स्लाट में)
दिन, टिकट बुक, पर्यटक आए, पर्यटक नहीं आए
शनिवार, 2500, 1870, 630
रविवार, 2500, 1988, 512
पूर्व में टिकट पर होता था पर्यटक का नाम
पूर्व में आनलाइन टिकट बुक करते समय पर्यटक की आइडी पूछी जाती थी। टिकट पर पर्यटक का नाम अंकित होता था, जिससे उस टिकट पर कोई अन्य स्मारक में प्रवेश नहीं कर पाता था। वर्तमान में आनलाइन टिकट बुक करते समय केवल मोबाइल फोन नंबर या ईमेल आइडी ही पूछी जा रही है। टिकटों पर भी पर्यटकों का नाम अंकित नहीं हो रहा है। इसका फायदा लपके उठा रहे हैं और वो पहले ही बल्क में टिकटें बुक करा ले रहे हैं। इससे पर्यटकों को टिकट नहीं मिलतीं। बाद में वो 45 रुपये में बुक कराई टिकट 350 रुपये तक में बेच रहे हैं। टिकट पर पर्यटक का नाम अंकित होगा तो आइडी से मिलान कर उसकी तस्दीक की जा सकेगी। इससे लपके टिकट बुक कराकर नहीं बेच सकेंगे।
टूर आपरेटर्स का ही किया धरा
ताजमहल पर टिकट नहीं मिलने पर पर्यटन कारोबारी कैपिंग बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, मगर यह समस्या टूर आपरेटर्स द्वारा ही खड़ी की हुई है। पूर्व में उन्होंने ही पर्यटक ग्रुपों के टिकट बल्क में बुक कराने में आने वाली परेशानी का हवाला देकर टिकटों पर पर्यटकों का नाम अंकित नहीं कराने की मांग की थी, जिसके बाद टिकटों पर पर्यटकों का नाम अंकित करना बंद कर दिया गया था।
जांच से अागे नहीं बढ़ रही पुलिस
एएसआइ द्वारा एक अक्टूबर को ताजगंज थाने में ताजमहल की टिकटों की अवैध बिक्री रोकने को तहरीर दी गई थी। पुलिस एक माह में जांच पर ही अटकी हुई है, कोई कार्रवाई नहीं की है। रविवार को एक युवक को पकड़ा भी गया, लेकिन उसे लिखित माफीनामा लेकर छोड़े जाने से पुलिस की मंशा पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं।